अध्यात्म

दुश्मनों पर विजय पाने के लिए, विजयादशमी के दिन जरूर करें ‘शमी पूजन’

विजया दशमी का पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है और इस पर्व को अच्छाई पर बुराई की जीत का प्रतीक माना जाता है। विजया दशमी के पर्व को कई तरह से मनाया जाता है। इस पर्व के दिन कई जगहों पर रावण दहन किया जाता है, तो कई लोग इस दिन शस्त्र पूजा और शमी वृक्ष का पूजन भी किया करते हैं। विजया दशमी के दिन देश के कुछ हिस्सों में अश्व-पूजन भी होती हैं। वहीं इस दिन शमी वृक्ष की पूजा करने से खास महत्व जुड़ा होता है और ऐसा माना जाता है कि इस दिन इस पेड़ की पूजा करने से दुश्मनों पर विजय प्राप्ति होती है।

आखिर क्यों की जाती है शमी वृक्ष की पूजा

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विजया दशमी के दिन शमी वृक्ष की पूजा करने से एक कथा जुड़ी हुई है और इस कथा के अनुसार महाभारत में जब पांडवो को 12 साल का अज्ञातवास वनवास मिला था। तब पांडवो ने अपने सभी अस्त्र शस्त्र को शमी के वृक्ष पर छुपा दिया था। वहीं वनवास खत्म होने के बाद पांडवो ने शमी के वृक्ष की पूजा की थी और अपने अस्त्र शस्त्र वापस ले लिए थे। पूजा करते हुए पांडवों ने  शक्ति और विजय प्राप्ति की कामना इस वृक्ष से की थी और तभी से इस वृक्ष की पूजा विजया दशमी के दिन की जाने लगी।

इस तरह से करें पूजा

आप विजया दशमी के दिन शमी पेड़ की पूजा जरूर करें। इस दिन आप प्रदोषकाल के समय इस पेड़ के पास जाकर सबसे पहले इस वृक्ष पर गंगा जल अर्पित कर दें। इसके बाद आप एक घी का दीपक इस वृक्ष के सामने जला लें। फिर आप इस पेड़ की परिक्रमा कर लें और परिक्रमा करने के बाद नीचे बताए गए मंत्र का जाप करें –

शमी शमयते पापम् शमी शत्रुविनाशिनी ।
अर्जुनस्य धनुर्धारी रामस्य प्रियदर्शिनी ॥
करिष्यमाणयात्राया यथाकालम् सुखम् मया ।
तत्रनिर्विघ्नकर्त्रीत्वं भव श्रीरामपूजिता ॥

अगर आपकी कोई कामना है जिसे आप पूरा करना चाहते हैं। तो आप उस कामना को बोलते हुए इस पेड़ के सामने एक दीपक जला दें। ऐसा करने से वो कामना पूर्ण हो जाएगी।

शमी वृक्ष की पूजा करने से मिलने वाले लाभ

दुश्मन पर होती है विजय

ऐसी मान्यता है की विजया दशमी के दिन इस पेड़ की पूजा करने से दुश्मनों पर विजय होती है और कार्य सफल होने में जो बाधाएं आ रही होती हैं। वो सभी दूर हो जाती हैं।  इसलिए अगर आप अपने किसी दुश्मन पर विजय पाना चाहते हैं तो आप इस पेड़ की पूजा जरूर करें।

आत्मविश्वास बढ़े

जिन लोगों में आत्मविश्वास की कमी है वो लोग इस दिन अपराजिता की पत्तियों को लेकर उन्हें हल्दी से रंग दें और दूर्वा और सरसों को मिलाकर एक डोरी बना लें। शमी के पेड़ की पूजा करते समय इस डोरी को पेड़ के पास रख दें और जब पूजा पूरी हो जाए तो इस डोरी को अपने दाहिने हाथ में बांध लें। ऐसा करने से आपके अंदर आत्मविश्वास आ जाएगा और आप हर कार्य में सफल हो जाएंगे।

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