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पूरे देश में लागू हो गए ये 8 बड़े नियम, जाने कैसे आपकी जेब प्रभावित होने वाली है!

जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है तब से एक के बाद एक कई कानून बने हैं और इन्हीं कानूनों के तहत किसी को पसंद हो या नहीं हो लेकिन हर किसी ने इसे अपनाया। इसके बाद ना जाने कितने कानून मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद लिए और सभी लागू भी हुए। अब देश में 1 अक्टूबर से कुछ और भी कानून पारित हुए और पूरे देश में लागू हो गए ये 8 बड़े नियम, आपको जरूर जानना चाहिए।

पूरे देश में लागू हो गए ये 8 बड़े नियम

1 अक्टूबर यानी मंगलवार से देशभर में कई बड़े नियम बदले हैं और इनके बदलने से देश की अर्थव्यवस्था के साथ आपकी जेब भी प्रभावित हो सकती है। कुछ क्षेत्रों में जहा राहत मिलेगी वहीं कुछ आम आदमी की जेब पर भी बोढ बढ़ता दिखेगा। चलिए बताते हैं क्या हैं वे नये बदलाव?

पेट्रोल-डीजल पर नहीं मिलेगा कैशबैक

देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल और डीजल की खरीददारी करने पर अब आपको कैशबैक नहीं मिलने वाला। 1 अक्‍टूबर से ही इस चीज को बंद कर दिया जाएगा और इस सुविधा के बारे में एसबीआई अपने ग्राहकों को मैसेजों के जरिए सूचित भी कर दिया गया है। अभी तक एसबीआई के क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल और डीजल की खरीदारी पर ग्राहकों को 0.75 फीसदी तक कैशबैक का लाभ मिलता था लेकिन अब एचपीसीएल, बीपीसीएल और आईओसी ने कैशबैक योजना को वापस लेने का सुझाव दिया और इसके बाद ही ऐसा कदम उठाया गया है।

SBI में आए ये बदलाव

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 1 अक्टूबर से निर्धारित मंथली एवरेज बैलेंस को नहीं बनाए रखने पर लगने वाले जुर्माने में 80 फीसदी तक कमी लाएगा। इससे आप सीधे प्रभावित होंगे और अगर आप मेट्रो सिटी में रहते हैं और SBI के खाता धारक हैं तो आपके खाते में 01 अक्टूबर से मंथली एवरेज बैलेंस की सीमा को तीन हजार रुपये बनाए रखना अनिवार्य है। शहरी इलाके की एसबीआई बैंक शाखाओं पर भी ये नियम लागू होंगे और खाते में निर्धारित रकम से अगर बैलेंस 75 फीसदी से कम है तो जुर्माने के तौर पर 80 रुपये प्‍लस GST देना होगा। खाते में 50 से 75 फीसदी तक बैलेंस रखने वालों को 12 रुपये और GST पे करना होगा और 50 फीसद से कम बैलेंस होने पर 10 रुपये जुर्माना प्‍लस GST अदा करना होगा।

Driving Licence और RC में आएंगे ये बदलाव

देशभर में 1 सितंबर, 2019 से नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू हुआ है जिसके बाद ट्रैफिक नियमों में कई सारे बदलाव आए हैं। अब आपका ड्राइविंग लाइसेंस भी बदलेगा और सरकार Driving Licence और RC से जुड़े नियमों में बदलाव कर रही है। ये नियम 01 अक्टूबर, 2019 से लागू हुए और इन नियमों के लागू हो जाने के बाद सभी लोगों को अपना डीएल बदलवाना होगा। नए नियमों के अनुसार, अब डीएल और आरसी पंजीकरण प्रमाण-पत्र एक ही रंग के हो जाएंगे। इतना ही नहीं अब ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी में माइक्रोचिप के अलावा क्यूआर कोड भी जनरेट होंगे।

कम होंगी GST दरें

जीएसटी काउंसिल की गोवा में 20 सितंबर को हुई 37वीं बैठक में कई चीजों पर टैक्स कम किया गया है और 01 अक्टूबर 2019 से ये नियम भी प्रभावी होने जा रहे हैं। नए बदलावों के अनुसार, अब 1000 रुपए तक के किराए वाले होटलों पर टैक्स नहीं लगेगा। इतना ही नहीं 7500 रुपए तक टैरिफ वाले कमरे के किराए पर केवल 12 फीसदी जीएसटी देना होगा। छोटे वाहन मालिकों को राहत दी गई है और 10 से 13 सीटों तक के पेट्रोल और डीजल वाले वाहनों से सेस घटाया गया है। इसके साथ ही, स्लाइड फास्टनर्स (जिप) पर जीएसटी 12 फीसदी कर दिया है।

GST रिटर्न का नया तरीका

जीएसटी काउंसिल के फैसले के अनुसार, पांच करोड़ सालाना से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए जीएसटी रिटर्न का फॉर्म भी 1 तारिख से बदलेगा। इन कारोबारियों को जीएटी एएनएक्स-1 फॉर्म भरना होगा जो जीएसटीआर-1 की जगह लेगा। छोटे कारोबारियों के लिए इसी फॉर्म के जरिए जीएसटी रिटर्न फाइल करना होगा, लेकिन उनके लिए ऐसा करना 01 जनवरी 2020 से जरूरी होगा और फिलहाल जो ज्यादा टैक्स देते हैं वे अक्टूबर और नवंबर का जीएसटी रिटर्न जीएसटीआर 3बी फॉर्म से भरेंगे।

कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला

1 अक्टूबर से केंद्र सरकार ने कर्मचारियों की पेंशन पॉलिसी में भी बदलाव करेगी। नये नियम ते तहत अगर किसी कर्मचारी की नौकरी के सात साल पूरे होने के बात मृत्यु होगी तो उसपर आश्रित लोगों को बढ़ी हुई पेंशन का फायदा मिलेगा। अभी तक ऐसी स्थिति में आखिरी वेतन के 50 फीसदी के हिसाब से पेंशन मिलती थी। नये नियम को लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया और सरकार के इस फैसले को कर्मचारियों के हित के लिए बड़ा कदम बताया गया।

कॉरपोरेट टैक्स में हुई कटौती

20 सितंबर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉरपोरेट टैक्स में बड़ी कटौती की है और इसको 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी कर दिया है। घोषणा किया गया है कि 1 अक्टूबर 2019 के बाद मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के पास 15 फीसदी टैक्स भरना होगा। इसके बाद कंपनियों पर सरचार्ज और टैक्स सहित कुल चार्ज 17.01 फीसदी होगा। इसके पहले भारतीय कंपनियों को 30 फीसदी टैक्स देना होता था।

यहां बढ़ेगा GST

नये बदलावों का असर रेल के किरायों पर पड़ सकता है और सरकार ने सवारी डब्बे और वैगन पर जीएसटी की दर को पांच फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया है। इस पर 18 फीसदी जीएसटी थी जिसे बढ़ाकर 28 फीसदी किया गया है। इसके अलावा 2 अक्टूबर से सरकार ने देशभर में प्लास्टिक से बने प्रोडक्ट बैन कर की तैयारी की है। भारत में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए ये कदम उठाया गया है।

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