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कथा: आपके अंदर जब तक उत्साह रहेगा, आप तब तक ही कामयाब हो सकें

एक कथा के अनुसार एक राजा के पास बेहद ही ताकतवर हाथी हुआ करता था और ये राजा इस हाथी से बेहद ही प्रेम किया करता था। जब भी कोई युद्ध होता था तो ये राजा इस हाथी पर ही सवार होकर युद्ध लड़ने जाया करता था। राजा का ये हाथी इतना शक्तिशाली था की कई युद्धों को जीतने में इसने राजा की सहायता की थी। वहीं कुछ समय बाद राजा ने इस हाथी को अपने साथ युद्ध पर ले जाना बंद कर दिया और इस हाथी की जगह एक अन्य हाथी को युद्ध में ले जाने लगे।

इस राजा ने अपने सैनिकों को हाथी की देखभाल करने की जिम्मेदारी दी और रोज राजा के सैनिक इस हाथी को तालाब के पास स्नान करवाने के लिए ले जाया करते थे। हालांकि ये हाथी बेहद दी दुखी रहा करता था। वहीं एक दिन ये हाथी नहाते हुए तालाब में बुरी तरह से फंस गया। सिपाहियों ने हाथी को तालाब में फंसा देख उसको निकालने की बेहद ही कोशिश की मगर हाथी तालाब से निकलने में आ सफल रहा। वहीं जैसे ही इस बात की जानकारी राजा को दी गई तो राजा अपने मंत्री के साथ तुरंत तालाब के पास गए और उन्होंने सिपाहियों को हाथी को तालाब से निकालने को कहा। लेकिन सैनिकों की लाख कोशिशों के बाद भी ये हाथी तालाब से निकल नहीं पाया।

कुछ देर विचार करने के बाद राजा के मंत्री ने उनसे कहा, महाराज इस हाथी के अंदर का जोश खत्म हो गया है और अगर इस हाथी के अंदर फिर से वो ही जोश आ जाए जो युद्ध के दौरान इसमें हुआ करता था, तो ये हाथी अपने आप ही तालाब से बाहर आ जाएगा। मंत्री ने राजा को सलाह दी की वो युद्ध पर जाने से पहले बजने वाले ढोल-नगाड़े यहां पर बजवा दें। राजा ने मंत्री की बात मानते हुए ढोल वालों को बुलाया और जैसे ही ढोल-नगाड़े बजन लगे। हाथी तुरंत ही खड़ा हो गया और अपनी पूरी ताकत लगाकार तालाब से बाहर आया गया। हाथी को तालाब से निकलता देख सभी हैरान हो गए।

राजा ने मंत्री से पूछा कि आखिर ढोल-नगाड़े की आवाज सुन इस हाथी को ऐसा क्या हुआ की ये बाहर निकल आया? तब मंत्री ने राजा से कहा कि ये हाथी हर युद्ध में आपके साथ जाया करता था। लेकिन अब आप इसकी जगह दूसरे हाथी को अपने साथ युद्ध में ले जाया करते हैं। जिसकी वजह से इस हाथी के अंदर निराशा पैदा हो गई थी और ये उदास रहने लगा। ये हाथी अपनी क्षमता को भूल गया था। लेकिन जैसे ही इसने ढोल-नगाड़े की आवाज सुनी तो इसे लगा कि आप फिर से इसे युद्ध में ले जा रहे हैं और इसके अंदर की ताकत जाग गई और इसी ताकत की वजह से ये बाहर निकल आया।

कहानी से मिली सीख- बिना उत्साह के हम किसकी भी कार्य में सफल नहीं हो सकते हैं। इसलिए आप अपनी जिंदगी में हमेशा हर काम को लेकर उत्साहित ही रहें। क्योंकि आपके अंदर जब तक उत्साह रहेगा, आप तब तक ही कामयाब हो सकें।

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