विशेष

रोज़ जल्दी ऑफिस आकर खुद साफ़ सफाई करता हैं ये IAS अधिकारी, जाने वजह

कहते हैं कोई काम छोटा या बड़ा ही होता हैं. आपको बस उस काम का महत्त्व समझ में आना चाहिए. मसलन साफ़ सफाई की बात ही ले लीजिए. हम सभी को एक साफ़ सुथरे माहोल में ही रहना पसंद होता हैं. हालाँकि जब बात खुद हाथ में झाड़ू पौछा लेकर सफाई करने की आती हैं तो कई लोग हिचकने लगते हैं. एक बार अपने खुद के घर में फिर भी वे सफाई कर दे लेकिन जब ऑफिस में स्वयं झाड़ू मारने की बात आए तो ये काम कोई भी नहीं करना पसंद करेगा. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे आईएएस अफसर से मिलाने जा रहे हैं जो अपने केबिन में झाड़ू मारने के लिए ऑफिस दस मिनट पहले पहुँच जाते हैं.

इनसे मिलिए ये हैं डॉक्टर अजयशंकर पांडे. उत्तर प्रदेश के रहने वाले अजय रोजाना अपने ऑफिस 10 मिनट पूर्व जाते हैं ताकि अपने केबिन की साफ़ सफाई जिसमे झाड़ू और पौछा भी शामिल हैं, स्वयं कर सके. अजय बताते हैं कि इसकी शुरुआत 1993 से हुई. उस दौरान वे आगरा के एत्मादपुर में एसडीएम हुआ करते थे. तब एक बार वहां के सफाई कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे. ऐसे में अजय ने अगले दिन खुद ही झाड़ू हाथ में पकड़ ली और साफ़ सफाई करने लगे. स्टार्टिंग में जब उन्होंने सभी से खुद ही झाड़ू पौछा करने को कहा तो हर कोई उन पर हंसने लगा. ऐसे में उन्होंने खुद सबके लिए एक उदाहरण बनते हुए साफ़ सफाई करना शुरू कर दिया. इतने बड़े अफसर को झाड़ू लगता देख बाकी लोग भी फिर ये काम करने लगे.

अजय बताते हैं कि साफ़ सफाई कोई गंदा काम नहीं हैं. हम अपने घर भी तो झाडू लगाते ही हैं. इस घटना के बाद उन्होंने स्वच्छता अभियान छेड़ा जिसके अंतर्गत सभी लोग सड़क पर उतर आए और शहर में जमा कचरा खुद ही साफ़ करने लगे. ये नज़ारा देख हड़ताल पर चल रहे सफाई कर्मचारी चुपचाप काम पर वापस लौट आए. हालाँकि इसके बाद भी आईएएस अजय ने ठान लिया कि अब से वो अपने केबिन की सफाई खुद ही करेंगे. अजय का तबादला कहीं भी हो जाए उनके ऑफिस के बाहर एक बोर्ड लगा रहता हैं जिसमे लिखा हैं ‘ये ऑफिस मैंने स्वयं साफ किया है. गंदगी फैला मेरा काम ना बढ़ाएं.‘ वे अपने केबिन में किसी सफाई वाले को घुसने भी नहीं देते हैं. सारा काम वे स्वयं करते हैं जिसके लिए रोज ऑफिस भी दस मिनट पहले ही आ जाते हैं.

अजय एक म्युनिसिपल कमिश्नर भी हैं. उनके हाथ के नीचे शहर के 6 हजार सफाईकर्मी हैं, लेकिन इसके बावजूद वे अपने केबिन की सफाई खुद करना पसंद करते हैं. अजय बताते हैं कि घरो में भी अक्सर ये काम महिलाएं ही करती हैं. पुरुष इसे हाथ नहीं लगाते हैं. यह सोच बदलने की जरूरत हैं. अजय का ये काम सच में सराहनीय हैं. इससे कई लोगो को प्रेरणा मिलती हैं. वैसे इसमें एक सिख भी छिपी हैं कि कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता हैं. बस आपको उस काम को मन लगाकर करना चाहिए. वैसे आपका इस सफाई प्रेमी आईएएस अधिकारी के बारे में क्या कहना हैं हमें कमेंट में जरूर बताए.

Back to top button