अध्यात्म

रावण का वध करने के बाद, श्रीराम ने की थी रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग की स्थापना

भगवान शिव के कुल 12 ज्योतिर्लिंग हैं जो कि पूरे भारत में फैले हुए हैं। भगवान शिव के हर ज्योतिर्लिंग से कोई ना कोई कथा जरूर जुड़ी हुई हैं। शिव जी के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक ज्योतिर्लिंग तमिलनाड़ू के रामनाथपुरम् में भी स्थित है जो कि रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है। रामेश्वरम मंदिर बेहद ही प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग है और इस ज्योतिर्लिंग से जुड़ी कथा के अनुसार इस जगह पर शिवलिंग की स्थापना स्वयं भगवान राम द्वारा की गई थी। रामायण ग्रंथ में इस ज्योतिर्लिंग का जिक्र करते हुए कहा गया है कि इस जगह पर श्री राम द्वारा शिवलिंग स्थापित किया गया था और राम जी ने इस शिवलिंग की पूजा की थी। वहीं राम जी ने आखिर क्यों इस जगह पर शिवलिंग की स्थापना की थी इससे एक कथा जुड़ी है जो कि इस प्रकार है।

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग की कथा

रामायण के अनुसार त्रेया युग में रावण ने पूरी सृष्टि में अधर्म फैला रखा था और इसी अधर्म को खत्म करने के लिए राम जी का जन्म हुआ था। जब राम जी को वनवास में भेजा गया था तो उस समय रावण ने छल से राम जी की पत्नी सीता का अपहरण कर लिया था। जिसके बाद राम जी ने रावण से युद्ध कर सीता जी को उनकी कैद से रिहा करवाया था। रावण काफी विद्वान था और एक ब्राह्मण था। राम जी के हाथों एक ब्राह्मण की हत्या हुई थी और ब्राह्मण की हत्या करना सबसे बड़ा पाप माना जाता है। इस पाप से खत्म करने के लिए राम जी को ऋषियों द्वारा शिवलिंग की स्थापना करने की सलाह दी गई थी। जिसके बाद राम जी ने तमिलनाड़ू के रामनाथपुरम्  में एक शिवलिंग स्थापित किया था। ऐसा कहा जाता है कि सीता जी द्वारा बनाया गया शिवलिंग राम जी ने यहां स्थापित किया था और सीता जी ने ये शिवलिंग बालू से बनाया था। इस शिवलिंग को स्थापित करने के बाद श्रीराम ने इसकी पूजा की थी। शिवलिंग को स्थापित करने के साथ ही राम जी के ऊपर से  ब्राह्मण हत्या का पाप खत्म हो गया।

350 साल पहले बना है मंदिर

ऐसी मान्यता है कि रामेश्वरम मंदिर का निर्माण करीब 350 साल पहले हुआ था। ये मंदिर काफी भव्य है और ये मंदिर पूर्व से पश्चिम तक लगभग 1000 फीट और उत्तर से दक्षिण में लगभग 650 फीट क्षेत्र में फैला हुआ है। हर साल लाखों की संख्या में लोग रामेश्वरम मंदिर मंदिर आते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में शिवलिंग पर जल चढ़ाने से हर पाप खत्म हो जाता है। इस मंदिर में स्थापित किए गए शिवलिंग पर केवल गंगा जल चढ़ाया जाता है, जो कि हरिद्वार से लाया जाता है।

कैसे पहुंच सकते हैं मंदिर तक

रामेश्वरम मंदिर आप आसानी से जा सकते हैं। रामेश्वरम मंदिर हवाई मार्ग, सड़क मार्ग और रेल मार्ग के जरिए पहुंचा जा सकता है। यहां का सबसे करीब एयरपोर्ट मदुरई एयरपोर्ट है। मदुरई एयरपोर्ट से ये मंदिर 170 किमी की दूरी पर है। जबकि सड़क मार्ग से भी इस मंदिर पहुंचा जा सकता है। रेलवे स्टेशन इस मंदिर से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर है।

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