राजनीति

मूक-बधिर गीता को पाकिस्तान से वापस लाने में सुषमा स्वराज का था अहम योगदान, ऐसे बनी सबकी चहेती

गौरतलब हैं कि बीते मंगलवार पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 67 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. सुषमा जी पीएम नरेंद्र मोदी के 2014 से 2019 के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री थी. इस दौरान उन्होंने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से पुरे विश्व में एक गहरी छाप छोड़ी हैं. सुषमा स्वराज आम जनता के बीच काफी लोकप्रिय रही. खासकर सोशल मीडिया पर उनका लोगो से खास कनेक्शन रहता था. सुषमाजी ने एक ऐसे मंत्री के रूप में भी पहचान बनाई जो सोशल मीडिया पर अपनी समस्यां बताने वाली जनता का भी समाधान कर देती थी. किसी का पासपोर्ट गुम गया हो या कोई भारतीय विदेश में फंसा हो हर तरह की समस्यां को हल करने के लिए वो पूरी जी जान लगा देती थी. लोग उन्हें सोशल मीडिया पर अपनी समस्यां बताते थे और वो उस समस्यां को संबंधित अधिकारियों को बता दिशानिर्देश जारी कर समाधान करने को कहती थी.

सुषमा स्वराज के प्रयासों की वजह से ही मूक-बधिर किशोरी गीता पाकिस्तान से वापस आ सकी थी. जिन लोगो को इस स्टोरी के बारे में डिटेल में नहीं पता उन्हें बता दे कि गीता एक मूक-बधिर लड़की हैं जो भटककर पाकिस्तान की सीमा में चली गई थी. ऐसे में सुषमा जी के उसे भारत वापिस लाने में पूरी जी जान लगा दी थी. उनकी सोशल मीडिया पर गीता को गले लगाते हुए एक तस्वीर भी बहुत पसंद की गई थी. सुषमा जी का गीता के साथ एक आत्मीय संबंध भी बन गया था. दरअसल गीता पाकिस्तान से वापस इंडिया तो आ गई थी लेकिन उसके माता पिता नहीं मिल रहे थे. ऐसे में सुषमा जी ने उन्हें ढूँढने का भी बहुत प्रयास किया था. उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि मैं जब भी गीता से मिलती हूँ तो उसे बस एक ही शिकायत रहती हैं कि मेरे माता पिता को भी आप जल्दी से ढूंढ निकालिए. इसके बाद सुषमा ने लोगो से अपील करते हुए कहा था कि गीता के जो भी पेरेंट्स हैं वो सामने आ जाए. ये भी शक किया जा रहा था कि इस मूक बधिर बेटी को शायद बोझ समझ उसके माता पिता सामने नहीं आ रहे हैं. ऐसे में सुषमा जी ने ये भी कहा था कि मैं इस बेटी को बोझ नहीं बनने दूँगी. इसकी पढाई और शादी सभी की जिम्मेदारियां हम उठाएंगे.

सुषमा जी ने गीता को इंदौर के मूक-बधिर संगठन में रखा हुआ था. वे जब भी गीता से मिलती थी तो साथ में कोई ना कोई गिफ्ट जरूर ले जाती थी. इतना ही नहीं वे समय समय पर गीता की पढ़ाई और प्रशिक्षण से संबंधित जानकारियां भी लिया करती थी. सुषमा जी के इसी विनम्र और सहयोगी व्यवहार के चलते वे आम जनता के बीच काफी लोकप्रिय बन गई थी. ट्विटर पर उनके 1 करोड़ 80 लाख से भी ज्यादा फॉलोवर्स हैं. सुषमा की वजह से बीजेपी का नाम भी काफी ऊँचा हुआ हैं. सुषमाजी की पर्सनालिटी, स्पीच और व्यवहार कुछ ऐसा था कि सिर्फ भाजपा के लोग ही नहीं बल्कि विपक्ष के लोग भी उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाते थे.

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