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चाणक्य नीति: मूर्ख लोगों की पूजा ना करें, केवल ज्ञानी व्यक्ति से विवाह करें

आचार्य चाणक्य की नीतियों की वजह से ही चंद्रगुप्त मौर्य खंड-खंड में बंटे भारत को एक देश बना सकें थे। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों पर एक नीति शास्त्र भी लिखा हुआ है और इस नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने जीवन में सफल होने और परेशानियों से बचने से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बाते बताई हैं। जो लोग अपने जीवन में आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई नीतियों का पालन करते हैं और इन नीतियों के आधार पर अपने जीवन के फैसले लेते हैं उन लोगों को जीवन में केवल कामयाबी और सुख ही मिलता है। तो आई जानते हैं आचार्य चाणक्य की नीतियों के बारे में।

अपने नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक के जरिए ये बताने की कोशिश की है कि इंसान को किन लोगों से दोस्ती करनी चाहिए और किन लोगों की बातों को नहीं मानना चाहिए। नीचे बताया गया श्लोक आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति ग्रंथ के तीसरे अध्यय में लिखा है और ये श्लोक इस प्रकार है।

चाणक्य की नीति

मूर्खा यत्र न पूज्यन्ते धान्य यत्र सुसंचितम्।
दंपतो: कलहो नास्ति तत्र श्री: स्वयमागता।।

इस श्लोक का मतलब

इस श्लोक के जरिए  चाणक्य जी लोगों को ये समझना चाहते हैं कि जो लोग मूर्खों की पूजा यानी मूर्खों के साथ रहते हैं और उनकी सेवा करते हैं। उन लोगों का केवल अपमान ही होती है। इतना ही नहीं ऐसे लोग कभी भी कामयाब नहीं हो पाते हैं और ये लोग सदा ही गरीब रहते हैं। इस श्लोक में आचार्य चाणक्य आगे कहते हैं कि जिस घर में पति और पत्नी हमेशा लड़ते रहते हैं, उस घर में कभी भी लक्ष्मी का वास नहीं होता है।

आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई अन्य महत्वपूर्ण बातें –

  • आचार्य चाणक्य के अनुसार जो लोग थाली में खाना छोड़ देते हैं उन लोगों को पाप चढ़ता है और ऐसा लोगों के घर कभी भी धन नहीं जुड़ता है। इसलिए आप जब भी खाना खाएं तो थाली में खाना ना छोड़े।
  • जिस घर में प्रेम होता है उस घर में हमेशा खुशी बनीं रहती हैं और परिवार के लोग हर क्षेत्र में कामयाब रहते हैं। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि घर के लोगों के बीच प्रेम होने से घर के लोगों का मन काम में लगा रहता है और उनको किसी भी तरह का तनाव नहीं होता है।
  • जो लोग अन्न का दान करते हैं और लोगों को पानी पीलाते हैं उन लोगों को पुण्य मिलता है और ऐसा लोगों के घरों में देवी लक्ष्मी में विराजमान होती हैं।

  • इंसान को हमेशा ज्ञानी व्यक्ति से ही विवाह करना चाहिए। मूर्ख व्यक्ति से विवाह करने से जीवन बर्बाद हो जाता है। एक ज्ञानी पत्नी घर को स्वर्ग बना देती है। जबकि अज्ञानी पत्नी घर को तबाह कर सकती है। इसलिए तरह से ज्ञानी पति अपने घर की जिम्मेदारी सही से निभाता है। वहीं अज्ञानी पति अपने घर की जिम्मेदारी उठाने में हमेशा विफल रहता है। इसलिए एक सुखी जीवन बीताने के लिए आप केवल ज्ञानी व्यक्ति को ही अपना जीवन साथी चुनें।

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