अध्यात्म

कालसर्प दोष के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए नाग पंचमी के दिन इस तरह से करें पूजा

नाग पंचमी का पर्व बेहद ही विशेष होता है और इस पर्व के दौरान नाग यानी सांप की पूजा की जाती है। ये पर्व हर साल आता है और हर साल इस पर्व में लोग नाग को दूध पीलाते हैं और अपने घर में नाग की पूजा करते हैं। जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है उन लोगों को नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से लाभ मिलता है और उनका कालसर्प दोष दूर हो जाता है। इसलिए जिन लोगों की कुंडली में भी कालसर्प दोष है वो लोग नाग पंचमी के दिन सांप की पूजा करें।

कब है नाग पंचमी

इस साल नाग पंचमी का त्योहार 5 अगस्त के दिन आ रहा है और इस बार नाग पंचमी के दिन कई तरह के योग भी बन रहे हैं। नाग पंचमी के त्योहार के समय सावन का महीन भी है। इसलिए नाग पंचमी के दिन शिव भगवान की पूजा करने से भी आपको विशेष लाभ मिलेगा।

इस तरह से करें पूजा

कालसर्प दोष के प्रभाव से बचने के लिए आप नाग पंचमी वाले दिन प्रात:काल उठकर स्नान करें। स्नान करने के बाद एक चौकी पर आप रजत, ताम्र,चांदी या किसी भी शुद्ध धातु के 2 नाग रख दें। नाग को रखने के बाद आप चौकी के ऊपर तिलक की मदद से दो नाग बना लें। इसके बाद आप अपनी पूजा शुरू कर दें और पूजा करते समय नाग देवता पर फूल, फल चढ़ाएं। इसके अलावा उन्हें दूध भी अर्पित करें। पूजा पूरी होने के बाद आप हाथ जोड़कर नाग देव से प्रार्थन करें की आपकी कुंडली से कालसर्प दोष दूर हो जाएगा। इसके बाद आप नीचे बातए गए मंत्रों का जाप 11 बार करें –

अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
शंखपालं धार्तराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा।।

एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायंकाले पठेन्नित्यं प्रात: काले विशेषत:।
तस्मै विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्।।

मंत्रों का जाप करने के बाद आप उनको चढ़ाया हुआ दूध किसी ऐसा स्थान पर रख आए जहां पर नाग आते हों। अगर आपका दूध कोई नाग पी लेता है तो समझ जाएं की आपकी पूजा पूरी तरह से सफल हो गई है। इसके अलावा आप चाहें तो इस दूध को शिवलिंग पर भी चढ़ा सकते हैं। वहीं धातु के नाग देव जिनकी आपने पूजा की है और उन्हें मंदिर में रख आए या फिर उन्हें किसी जल में प्रवाहित कर दें। नाग देव को प्रवाहित करते समय आप विसर्जन प्रार्थन जरूर करें। ये प्रार्थन इस प्रकार है।

विसर्जन प्रार्थना-

सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथिवीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था येन्तरे दिवि संस्थिता:।।
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:।
ये च वापीतड़ागेषु तेषु सर्वेषु वै नम’।।

विसर्जन प्रार्थन करने के बाद आप बिना पीछे मूड़ सीधा अपने घर आ जाएं।

रखें दिन बातों का ध्यान

  • नाग पंचमी के दिन आप अपने घर के मुख्य दरवाजे पर तिलक की मदद से दोनों और नाग देव जरूर बनाएं।
  • नाग देव की पूजा करने के बाद मंदिर में जाकर शिव भगवान की पूजा भी करें।
  • इस दिन आप व्रत जरूर रखें और केवल दूध का ही सेवन करें।

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