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फिर वायरल हुई हिरण को स्तनपान कराने वाली माँ की फोटो, जाने वजह

एक माँ की ममता की कोई सीमा नहीं होती हैं. उसके लिए सभी बच्चे एक सामान ही होते हैं. जब भी कोई बच्चा मुसीबत में होता हैं या उसे भूख प्यार लगती हैं तो माँ का दिल सबसे पहले पिघलता हैं. कुछ मामलो में तो बच्चा किसी का भी हो एक माँ सभी की मदद को हाजिर रहती हैं. माँ की ममता से जुड़ी ऐसी ही एक तस्वीर इन दिनों इंटरनेट पर खूब वायरल हो रही हैं. इस तस्वीर में एक महिला हिरण के मासूम बच्चे को स्तनपान कराती नज़र आ रही हैं. वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस तस्वीर को मूल रूप से शेफ विकास खन्ना ने साल 2017 में शेयर किया था. उस दौरान उन्होंने फोटो पर कैप्शन दिया था “इंसानियत का सबसे बड़ा रूप – दया.

हालाँकि अब यही तस्वीर एक बार फिर से वायरल हो रही हैं. इस बार इसे आईएफएस प्रवीन कासवान ने शेयर किया हैं. इस तस्वीर को हजारों की संख्या में लाइक्स और शेयर मिल रहे हैं. जो भी इसे देख रहा हैं उसका दिल पसीज जाता हैं. माँ की ये अनोखी ममता हर किसी को बड़ी रास आ रही हैं. तस्वीर में दिखाई दे रही महिला बिश्नोई समुदाय की हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि बियाबान रेगिस्तान में रहने वाला बिश्नोई समाज वन्य प्राणियों और पेड़-पौधों के रक्षक माने जाते हैं. इनकी लगन और प्रेम का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इस समाज के लोग यहां के जानवरों और वृक्षों की जान बचाने के लिए अपनी जान भी कुर्बान कर सकते हैं. वैसे राजस्थान के अतिरिक्त इस समुदाय के लोग आपको हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी देखने को मिल जाएंगे. इस समाज के लोग गुरु जंभेश्वर जी को अपना गुरु मानते हैं. इनका एक एतिहासिक कार्य भी दिलचस्प हैं जिसमे इन्होने 1730 एक राजा की फौज से लड़ाई कर 360 खिजरी वृक्षों की जान बचाई थी.

ऐसा माना जाता हैं कि इस समाज के लोग जानवरों के बच्चों को भी अपना बच्चा ही मानते हैं. इस तस्वीर के बारे में बताया जाता हैं कि ये हिरण का बच्चा अनाथ हैं. जोधपुर में रहने वाले एक बिश्नोई समाज के परिवार को ये जख्मी हालत में मिला था. ऐसे में इस बच्चे की भूख मिटाने और जान बचाने के लिए इस बिश्नोई महिला ने उसे अपना ही स्तनपान करा दिया था.

उधर सोशल मीडिया पर भी लोग बिश्नोई समाज के इस दयालु नेचर की तारीफें कर रहे हैं. खासकर हिरण को स्तनपान कराती महिला की ये तस्वीर हर किसी को पसंद आ रही हैं. एक यूजर ने लिखा “ये बहुत ही खुबसूरत तस्वीर हैं. इस महिला को मेरा सलाम. ये एक अच्छी माँ हैं.” फिर दूसरा व्यक्ति कहता हैं “एक माँ हमेशा माँ ही रहेगी, उसकी ममता कभी समाप्त नहीं होती हैं. इस समुदाय के लोगो को इस नेक काम के लिए सम्मान और अवार्ड दोनों ही मिलना चाहिए.” एक तीसरा यूजर बोलता हैं “ये जगह का नाम ‘बिश्नोईयों की धानी’ हैं, जो कि जोधपुर से 50 किलोमीटर दूर हैं. ये जगह जानवरों के लिए स्वर्ग हैं. इसे देखना एक बेहतरीन अनुभव हैं.

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