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शिव मंदिर में ‘महादेव’ की पूजा करेंगे डोनाल्ड ट्रंप! करेंगे ‘इस्लामिक आतंकवाद’ का खात्मा!

वॉशिंगटन/नई दिल्ली – पिछले साल के नवंबर में हिलेरी क्लिंटन को हराकर राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत चुके डोनाल्ड ट्रंप ने कल अमेरिका के 45 वें राष्ट्रपति के रुप में शपथ ले ली। शपथ ग्रहण समारोह कि सबसे खास बात यह रही कि इसमें पंडितों ने वेद मंत्र का जाप किया। ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भारतीय कलाकारों ने भी अपना जलवा बिखेरा। शपथ ग्रहण समारोह के बाद अपनी पहली स्पीच में ट्रंप ने कहा – दुनिया भर के लोगों का धन्यवाद। हम अमेरिका के नागरिक आज एक बड़े राष्ट्रीय प्रयास से जुड़े हैं। Oath taking ceremony Donald trump.

शिव मंदिर में महादेव की पूजा करेंगे ट्रंप –
Oath taking ceremony Donald trump

यह तो हम सभी जानते हैं कि ट्रम्प और उनका परिवार हिंदूवादी छवि का है। वो हिन्दु रीति-रिवाजों में यकिन रखते हैं। डोनाल्ड ट्रम्प कि बेटी ने दिवाली भी मनाया था। लेकिन अभी जो खबर आ रही है वो यह है कि अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वाशिंगटन नेशनल कैथड्रल के स्थानीय शिव मंदिर में पूजा करेंगे। खबर के मुताबिक मैरीलैंड के लन्हाम में स्थित श्री शिव विष्णु मंदिर के पुजारी नारायणचर एल. दियाला राष्ट्रीय प्रार्थना सभा में ट्रंप के लिए प्रार्थना करेंगे।

इस्लामिक आतंकवाद को खत्म करने में जुटे डोनल्ड ट्रंप –
Oath taking ceremony Donald trump

शपथ समारोह के बाद दिये गए भाषण में डोनल्ड ट्रंप ने कहा कि उनका एजेंडा इस्लामिक आतंकवाद का सफाया, अमेरिकियों की नौकरियां वापस दिलाना और अमेरिका की सीमाओं को सुरक्षित करना है। डोनल्ड ट्रंप ने जिस तरह से शपथ लेते ही इस्लामिक आतंकवाद पर हमला किया है उससे तो यही लगता है कि वो किसी भी स्थिति में आतंकवाद और आतंकियों को बख्शने वाले नहीं हैं। डोनल्ड ट्रंप ने कहा है कि हम पुराने गठबंधन को मजबूत कर और नये संगठन तैयार कर दुनिया की ताकतों को इस्लामिक टेरर के खिलाफ जंग के लिये एक करेंगे।

पद संभालते ही डोनाल्ड ट्रंप ने लिये बड़े फैसले –<

Oath taking ceremony Donald trump

ट्रंप के अमेरिका के नए राष्ट्रपति के रूप में पद की शपथ लेने के थोड़ी ही देर बाद ईरान और उत्तर कोरिया, साइबर वार और जलवायु परिवर्तन को लेकर कई बड़े फैसले किये। जिसके बारे में व्हाइट हाउस कि ओर से कहा गया कि, ‘हम ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देशों के मिसाइल हमलों से बचाव के लिए एक अत्याधुनिक मिसाइल प्रणाली का विकास करेंगे।’ और ‘अमेरिकी साइबर कमान की रक्षात्मक एवं आक्रामक साइबर क्षमताओं के विकास को प्राथमिकता देंगे तथा इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में सेवा देने के लिए सर्वश्रेष्ठ अमेरिकियों को भर्ती करेंगे।’

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