नींबू पानी और लस्सी के सहारे सरहदों पर तैनात हैं भारतीय जवान, भरी गर्मी कर रहे हैं देश की सेवा
देश में भयंकर गर्मी पड़ रही है और इस मौसम में सबसे ज्यादा प्रभावित उत्तर भारत सहित दिल्ली भी जल रही है। हर कोई गर्मी का रोना रो रहा है और कूलर या एसी के सामने से हिलना भी पसंद नहीं कर रहा है लेकिन क्या कभी सोचा है कि हम और आप एसी का मजा आराम से ले रहे हैं इसके पीछे किसका खून और पसीना लगा है ? हमारे देश की सरहदों पर तैनात जवानों ने अपना चैन गंवाकर हमें चैन से रहने के लायक बनाया है। नींबू पानी और लस्सी के सहारे सरहदों पर तैनात हैं भारतीय जवान, कुछ ऐसा है उनका हाल।
नींबू पानी और लस्सी के सहारे सरहदों पर तैनात हैं भारतीय जवान
तपती गर्मी और लू से जहां लोगों का हाल बेहाल हो रहा है वहीं सेना के जांबाज जवान कड़ी धूप में भी सरहदों पर निगाहबान नबे हुए हैं। बीएसएफ के जवान सिर्फ नींबू पानी और लस्सी पीते हुए अपने देश की आम जनता की रक्षा कर रहे हैं। वे पाकिस्तान से भारत में आ रहे सतलुज दरिया के किनारे लोहे की चादर की झोपड़ी बनाकर दुश्मन की गतिविधियों पर नजरें गढ़ाए हुए हैं। जवानों का कहना है कि भरी गर्मी में गश्त करना बहुत मुश्किल काम है लेकिन विभाग की तरफ से चाय, ठंडा पानी, नींबू पानी और लस्सी की सुविधाएं उपलब्ध करवाकर हमें राहत दी जाती है। फिर भी गर्मी से परेशानी तो होती ही है।
जवानों के मुताबिक इन दिनों खेतों में धान की फसल बिछी हुई है तो खेतों में पानी भरा रहता है। तपती धूप में खेतों का पानी उबलने लगता है और इससे उमस वाली गर्मी लगने लगती है। ऐसे में सरहद के किनारे वर्दी पहने हथियार लेकर निगाहें एक जगह टिकाना आसान काम नहीं ह लेकिन अगर हमारी तरफ से एक चूक हुई तो हमारा देश खतरे में पड़ सकता है ये सोचकर हम वहां से नजरें नहीं हटा पाते। सरहद पर लगी फेसिंग के साथ-साथ सूखी मिट्टी पाउडर बनी हुई है और जैसे ही जवान कदम रखते हैं मिट्टी धूल की तरह उड़ती है जिसमें सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है।
जवान के मुताबिक, तपती गर्मी में गश्त करना आसान नहीं होता लेकिन ऐसी स्थिति में दुश्मन पर पैनी नजर रखनी पड़ती है क्योंकि ये हमारा फर्ज है। सरहद पर कुछ ऐसे प्वाइंट्स होते हैं जहां दुश्मनों और तस्करों की गतिविधियां होती रहती हैं। उन पर नजर रखने के लिए लोहे की चादर की झोपड़ी बनाकर चौकसी बनानी पड़ती है। गर्मी और धूप की वजह से वो झोपड़ी तपती है, हालांकि सरहद से सटे गांवों के लोग सेना की बहुत मदद करते हैं। बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि सरहद पर गर्मी के दौरान ड्यूटी देने वाले जवानों को समय-समय पर नींबू पानी, ठंडा पानी और लस्सी दिया जाता है जिससे उन्हें अंदर से राहत मिलती रहे। जवानों को गर्मी और ठंड दोनों में रहने की ट्रेनिंग दी जाती है बस इसलिए जवानों को दोनों सीजन में काम करने में कोई समस्या नहीं होती है।