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इस स्टूडेंट ने बनाया दुनियां का सबसे चमकीला पदार्थ, 2 वाट का बल्ब देगा 20 वाट जैसी लाइट

बढ़ता बिजली का बिल आज भी कई लोगो के लिए एक बहुत बड़ी समस्यां हैं. इसे बढ़ाने में घर में जल रहे रौशनी के बल्ब की सबसे बड़ी भूमिका होती हैं. हम सभी को बेहतर काम करने के लिए ज्यादा से ज्यादा रौशनी की आवश्यकता होती हैं. ऐसे में घर में कई सारे बल्ब जलाने पढ़ जाते हैं और वो भी हाई वाट के लाने पड़ते हैं ताकि ज्यादा रौशनी का आनंद लिया जा सके. लेकिन जैसे जैसे वाट की संख्या बढ़ती जाती हैं वैसे विअसे बिजली का बिल भी बढ़ता चला जाता हैं. इस समस्यां को सुलझाने के लिए उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की रहने वाली एक छात्रा ने ऐसी खोज कर डाली हैं जिसका फायदा पूरा विश्व ले सकता हैं. दरअसल इस फिमेल स्टूडेंट ने दुनियां का सबसे चमकदार पदार्थ बनाकर रसायन शास्त्र की दुनियां में तहलका मचा दिया हैं. तो चलिए विस्तार से जानते हैं कि छात्रा की इस नई खोज से हमें क्या क्या लाभ हो सकते हैं.

दुनियां का सबसे ज्यादा चमकदार पदार्थ बनाने वाली इस हुनरमंद छात्रा का नाम इफ्फत अमीन हैं. इफ्फत गोरखपुर के दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में केमेस्ट्री (रसायन शास्त्र) की स्टूडेंट हैं. वे पिछले पांच सालों से एक ख़ास शोध पर कार्य कर रही थी. इस शोध के अंतर्गत उनका मकसद एक ऐसा पदार्थ बनाने का था जो विश्व का सबसे चमकीला पदार्थ हो. हाल ही में उन्होंने अपने इस शोध में कामयाबी हासिल कर ऐसा पदार्थ बना लिया हैं. इतना ही नहीं इसे बनाने के बाद पदार्थ का परीक्षण आईआईटी चेन्नई व जापान के क्यूशू इंस्टीट्यूट में भी किया गया जहां ये सारे माप डंडो पर खरा उतरा हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अभी तक हमारे पास 80 फीसदी क्षमता वाला चमकीला पदार्थ मौजूद था. हालाँकि इफ्फत के द्वारा बनाए गर पदार्थ की चमकदार क्षमता 91.9 फीसदी आकी गई हैं. इस तरह ये वर्तमान में दुनियां का सबसे चमकीला पदार्थ बन गया हैं.

इफ्फत ने बताया कि उनके लिए ये काम कर दिखाना इतना आसन भी नहीं था. शुरुआत के दो साल तो उन्हें इन दुर्लभ तत्वों को एकत्रित करने और संश्लेषण कर प्रयोग को समझने में ही लगे. बताते चले कि इन दुर्लभ तत्वों में  लैंथेनाइड सीरियम जैसे कई मिश्रण शामिल हैं. इनके प्रयोग से इफ्फत ने कुल 48 कांप्लेक्स बनाए हैं. इन्हें बनाने के बाद सभी की अलग अलग ल्यूमिनिसेंस चमक की क्षमता जाँची गई, तब जाकर उन्हें सफलता हाथ लगी. अपनी इस उपलब्धि के लिए उन्हें गुरु गोरक्षनाथ शोध मेडल से नवाजा भी गया. इतना ही नहीं उनके शोध पत्र को इंटरनेशनल लेवल के जर्नल्स में भी पब्लिस किया गया.

आम जनता को मिलेगा ये फायदा

इफ्फत के इस सफल शोध की वजह से उनके बनाए चमकीले पदार्थ का इस्तेमाल ऑर्गेनिक एलईडी बल्ब बनाने में किया जा सकता हैं. इस बल्ब की खासियत यह होगी कि ये 1 या 2 वाट का होने के बाद भी 20 वाट के बल्ब जितनी रौशनी दे सकेगा. अर्थात इसे उजाला तो ज्यादा मिलेगा लेकिन बिजली की खपत बहुत ही कम होगी. इसके अतिरिक्त इस चमकीले पदार्थ की वजह से एमआरआई में अच्छे नतीजे देखे जा सकेंगे. वहीं दवाओं एवं बायोलॉजिकल सिस्टम के टेस्ट और लेवलिंग में भी ये काम आएगा. साथ ही रडार में ऊर्जा खर्च कम होगा.

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