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बालिका बधू बनने से पहले दिखाई हिम्मत, कहा- नहीं करूँगी शादी, और फिर…

10 साल पहले टीवी पर एक सीरियल आता था ‘बालिका वधु’, उसमें ये दिखाया गया कि कैसे एक 9 साल की लड़की की शादी 11 साल के लड़के से कर दी जाती है. उस उम्र में लड़के और लड़की को पता भी नहीं था कि शादी होती क्या है. ऐसे में बचपन में शादी का उनके जवान होने पर क्या असर पड़ता है इसे भी दिखाया गया था. सीरियल में कुछ भी बनावटी नहीं दिखाया गया बल्कि ऐसा सच में सदियों से चला आ रहा है. मगर अब जमाना बदल रहा है और हर कोई अपने हक के लिए लड़ना सीख गए हैं और हर किसी के हाथ में फोन होने से लोगों में हिम्मत भी आ रही है. ऐसा ही एक 17 साल ती लड़की ने किया जब उसके घरवालों ने उसकी शादी करनी चाहिए जबकि वो शादी नहीं करना चाहती थी. फिर उस नाबालिग लड़की ने बालिका बधू बनने से पहले दिखाई हिम्मत, फिर क्या हुआ आपको आगे पढ़ना चाहिए.

बालिका बधू बनने से पहले दिखाई हिम्मत

फुलवारीशरीफ थानाक्षेत्र के गोनपुरा पंचायत की बेटी ने सोमवार को लड़कियों की हिम्मत की एक मिसाल पेश की है. उसने अपनी सूझ-बूझ के साथ खुद को बाल विवाह की भेंट चढऩे से बचा लिया. किशोरी ने मौका पाते ही अपनी सहेली के मोबाइल से पुलिस को फोन किया और शादी को रुकवाने के लिए मदद मांगी. पुलिस को सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष मोहम्मद कैसर आलम ने महिला पुलिस अफसर पूनम कुमारी को उनकी टीम के साथ उस बच्ची के घर भेजा, जहां पर उसके मैट्रिक सर्टिफिकेट के मुताबिक 17 साल 6 महीने की उम्र पाई गई. जिस समय आरा से बारात निकली ही थी कि पुलिस ने उन्हें फोन करके आने से मना कर दिया. लड़की के पिता को थाने में लाया गया और थानाध्यक्ष ने बताया कि मुखिया आभा देवी को बुलाकर लड़की के घरवालों से एक बाॉड भराया गया जिसमें लिखा कि जब तक लड़की 18 साल की नहीं हो जाती तब तक थाने में लड़की के माता या पिता को हाजरी देनी होगी और साथ में लड़की भी होनी चाहिए.

थानाध्यक्ष ने बताया बाल-विवाह से जुड़ा कानून

जब उस बच्ची के पिता को हिरासत में लिया गया तब उसके पिता ने कहा कि जो उम्र उसके मैट्रिक सर्टिफिकेट में लिखी है वो स्कूल में एडमिशन के दौरान लिखवाया गया था. मगर इसकी उम्र ज्यादा है और शादी के योग्य है. ग्रामीण के लोगों ने भी उनका साथ दिया कि लड़की की उम्र 20 पार कर चुकी है. बहुत सारी बहस के बाद थानाध्यक्ष ने उन्हें बाल-विवाह से जुड़े कानून की जानकारी दी। और फिर तह जाकर वे लोग शांत हो गए. परिजनों से बागी किशोरी डरी-सहमी थी, लेकिन पुलिस ने उसके साहस की जमकर तारीफ की और उसका हौसला भी बढ़ाया. साथ ही उसके सुरक्षा की भी जवाबदेही रही लड़की ने परिजनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने से इन्कार कर दिया.
किशोरी की शादी आरा निवासी 22 साल के युवक से तय हुई की गई थी और उनका कहना था कि उन्होंने खेत बेचकर पैसा जोड़ा था. समाज में उनकी किकिरी हई जबकि इसकी तैयारी करने में उन्हें कितनी परेशानी हो थी लजडकी के ककककक गई थी। किशोरी के पिता किसान हैं। . अगर वह उस लड़के को अपनाना चाहेगी, तभी उससे शादी के लिए हां करेगी.

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