स्वास्थ्य

बच्चों को ही क्यों बनाता है ‘चमकी बुखार’ अपना शिकार, जाने क्या हैं इसके लक्षण और बचाव

बीते कुछ दिनों से बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में चमकी नाम बुखार बच्चों पर अपना कहर बरपा रहा है, जिससे अब तक सैकड़ो से ज्यादा बच्चों की जान चली गई है। चमकी बुखार को मैडिकल भाषा में एक्यूट इंसेफलाइटिस नाम से जाना जाता है, जिसे आम लोग जापानी या दिमागी बुखार के नाम से भी जानते हैं। चमकी बुखार ज्यादा गर्मी और उमस की वजह से होता है, जिसका असर इन दिनों बिहार में दिख रहा है। इस बुखार के चपेट में एक साल से लेकर दस साल तक के बच्चे आ रहे हैं, जिनका इलाज न होने पर उनकी जान भी चली जा रही है। तो  चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?

क्या है चमकी बुखार?

चमकी बुखार या इंसेफलाइटिस मस्तिष्क से संबंधी समस्या है। मस्तिष्क में लाखों कोशिकाएं होती हैं, जिसके सहारे पूरी बॉडी काम करती है। ऐसी स्थिति में अगर इन कोशिकाओं में सूजन आ जाती है, तो इसे इंसेफलाइटिस कहते हैं। इस बीमारी के जब वायरस शरीर में प्रवेश कहते हैं, तो खून के सहारे मस्तिष्क में पहुंच जाते हैं, जिससे वहां सूजन हो जाती है और परिणामस्वरुप शरीर का ‘सेंट्रल नर्वस सिस्टम’ खराब हो जाता है, जिसे चमकी बुखार कहा जाता है।

चमकी बुखार के लक्षण

यूं तो चमकी बुखार के लक्षण को पहचान पाना काफी मुश्किल है, लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों की चर्चा नीचे की गई है। दरअसल, इस बीमारी में दिमाग का जो हिस्सा प्रभावित होता है, उससे तरह तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं।

1. कमर में तेज़ दर्द होना।

2. आंखों के सामने अँधेरा छा जाना।

3. सिर दर्द होना।

4. बेहोशी छाना।

5. बदन दर्द होना।

6. थकावट महसूस होना।

7. उल्टी होना।

8. कमज़ोरी होना।

9. चलने में परेशानी होना।

10. सुनने में परेशानी होना।

बच्चों को ही क्यों बना रहा है ये अपना शिकार?

यूं तो चमकी बुखार किसी को भी किसी उम्र में हो सकता है, लेकिन इन दिनों बच्चों को काफी ज्यादा अपना शिकार बना रहा है। यह बिमारी बच्चों को इसीलिए अपना शिकार बनाती है, क्योंकि कई बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी नहीं होती है। बता दें कि बिहार के जिन इलाके के बच्चों को चमकी बुखार ने अपना शिकार बनाया है, वे बच्चे मानसिक रुप से पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाये। मतलब कुपोषण से पीड़ित बच्चों को यह बुखार जल्दी ही अपना शिकार बना रहा है।

तुरंत इलाज है ज़रूरी

चमकी बुखार एक दिमागी समस्या है, इसीलिए इसका इलाज तुंरत ज़रूरी है, वरना मरीज़ की जान चली जा सकती है। अगर चमकी बुखार के इलाज में देरी होती है, तो मरीज़ को बचाया नहीं जा सकता है। इसीलिए यदि आपको ऊपर बताए गए लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो फौरन यानि बिना किसी देर के डॉक्टर से संपर्क कर लें।

कैसे करें चमकी बुखार से बचाव?

1. घर के आसपास पानी न जमा होने दें।

2. बच्चों को रात को ठीक से खाना खिलाएं।

3. पौष्टिक खाना ही बच्चों को दें।

4. बुखार आने पर खुद दवाई न लें।

5. फल व सब्जी बिना धोए न खाएं।

6. मुंह पर मास्क लगाकर ही बाहर निकलें।

Back to top button