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फिल्मी स्टाइल में बदमाशों ने दिया लूट की वारदात को अंजाम, मंदिर के कोष से लूटे लाखों रुपए

हाल ही में कुछ लुटेरों ने एक मंदिर में घुसकर मंदिर के कोष से रखे गए लाखों रुपयों को लूट लिया हैं। ये घटना मुंबई से करीब 75 किलोमीटर उत्तर में स्थित वजरेश्वरी मंदिर में घटी है। पुलिस के अनुसार लूटेरों ने चाकू और तलवारों की नोक के दम पर इस मंदिर में जबरन प्रवेश किया और मंदिर के कोष में रखे गए पैसों को लूट लिया। वजरेश्वरी मंदिर एक सुनसान पहाड़ी के पास स्थित है, इसलिए जब ये बदमाश मंदिर में रखे गए पैसों को लूट रहे थे तो इसकी जानकारी किसी भी व्यक्ति नहीं लग पाई और ये बदमाश आसानी से इस वारदात को अंजाम दे सके।

वजरेश्वरी देवी का ये मंदिर महाराष्ट्र के विरार के पास स्थित है। इस मंदिर में देवी के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आया करते हैं। लोगों द्वारा इस मंदिर में खूब चढ़ावा चढ़ाया जाता है और लोगों द्वारा चढ़ाए जाने वाले पैसों को वजरेश्वरी मंदिर के अंदर स्थित एक जगह पर रखा जात है। शुक्रवार की सुबह इस मंदिर में 4-5 बदमाश घुस आए और इन बदमाशों ने सबसे पहले मंदिर के गार्ड के डराकर उसे बांधक बना दिया और फिर मंदिर में घुस कर वहां रखे गए कोष को तोड़कर दिया। कोष को तोड़ने के बाद इन बदमाशों ने उसमें रखे गए पैसों को निकाल लिया।

12 लाख रुपए लूटे

इस मंदिर के कोष में श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए पैसों को रखा जाता था और इस कोष में लाखों रुपए मौजूद थे। पुलिस के अनुसार इन बादमाशों ने कोष में रखे गए 12 लाख रुपए को चुराया है। इस वारदात को अंजाम देने के बाद ये बादमाश मौके से तुरंत फरार हो गए और इनके फरार होते ही पुलिस को इस घटना की जानकारी दी गई। जिसके बाद पुलिस ने मंदिर में जाकर वहां के गार्ड से पूछताछ की। वहीं अभी तक इस मामले में किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है और पुलिस अपनी जांच करने में लगी हुई है।

गांवों वालों ने किया विरोध

इस वारदात की जांच करने हेतु पुलिस ने इस मंदिर को बंद करवा दिया था और मंदिर को बंद करने के चलते पुलिस को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। बताया जा रहा है कि जब पुलिस ने इस मंदिर को बंद किया तो उस दौरान गांव के करीब आधा दर्जन स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया।

मराठा साम्राज्य द्वारा बनाया गया था ये मंदिर

ये मंदिर काफी पुराना है और इस मंदिर को मराठा साम्राज्य द्वारा बनाया गया था। इस मंदिर का निर्माण पेशवा बाजीराव प्रथम के छोटे भाई जनरल चिमाजी अप्पा ने करवाया था। ये मंदिर 280 साल पूर्व बनवाया गया था। ऐसा कहा जाता है कि 1739 में बेसिन किले को पुर्तगालियों के कब्जे से मुक्त करने के बाद इस मंदिर को बनवाया गया था और ये मंदिर वजरेश्वरी देवी  को समर्पित किया गया था। ये मंदिर काफी बड़ा है और 52 सीढ़ियों वाली एक पहाड़ी पर स्थित है। इस मंदिर पर कई लोगों की आस्था है और दूर दूर से लोग इस मंदिर में आकर मां वजरेश्वरी देवी की पूजा किया करते हैं।

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