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परी बनकर आई लड़की और बदल दी बुजुर्ग की जिंदगी, सड़कों पर मांगते थे भीख

ऐसा कहा जाता है कि हाथ-पैर कितना भी मार लो लेकिन होता वही है जो ऊपरवाले चाहते हैं. हर इंसान के हक में उसकी खुशी आती है लेकिन उस समय जब ऊपरवाले ने वो खुशियां लिखी हों. ऐसा हर किसी के साथ होता आया है फिर वो अच्छा इंसान हो या बुरा समय सभी का बदलता है. इस बात को कई बार साबित किया गया है औऱ इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे आदमी के बारे में, जिसने अपने जीवन में बहुत सी उथल-पुथल देखी और उसकी किस्मत चमकी जब ऊपरवाले ने चाहा. परी बनकर आई लड़की और बदल दी बुजुर्ग की जिंदगी, इसके बाद क्या हुआ चलिए आपको बताते हैं.

परी बनकर आई लड़की और बदल दी बुजुर्ग की जिंदगी

एक आदमी जो बचपन में अपने घर से भाग गया था क्योंकि वो अपने गरीब पिता पर बोझ नहीं बनना चाहता था. घर से भागकर वो ट्रेन से कहीं दूर जाना चाहता था लेकिन तभी वो अचानक भागती हुई ट्रेन से गिर गया और हादसे में अपने पैर खो दिए. घायल बच्चो को लोग डॉक्टर के पास ले गए, वहीं जब डॉक्टर्स ने उससे मां-बाप के बारे में पूथा तो उसने अपने आप को अनाथ बताया और अलग से अपनी जिंदगी जीने लगा. इस नई पहचान के साथ उसे अनाथालय भेज दिया गया,

जहां पर उसका मन नहीं लगा और वो वहां से भी भाग निकला. इसके बाद उसने अपने दिन गुजारने के लिए भीख मांगना शुरु कर दिया लेकिन इस लड़के की किस्मत मे शायद भगवान ने दर्द ही लिखा था, इसलिए पुलिस ने उसे भीख मांगता देखकर उसे जेल में डाल दिया था, और यहां पर मुलाकात एक ऐसे लड़के से हुई जो बहुत खूबसूरत कव्वालियां गाता था.अनाथालय से भागे इस लड़के को ये कव्वालियां इतनी भा गईं कि उसने जेल से निकलने के बाद शायरियां लिखना शुरु कर दिया और इतना ही नहीं कव्वालियों की मोह ने ही उसे हिंदू और उर्दू भी सीखने पर मजबूर किया.

हालांकि इस दौरान उस लड़के के पास पैसे नहीं थे कि वो इसके जरिए अपना पेट पाल सके, जिस वजह से उसे फिर से भीख मांगना पड़ रहा था. लेकिन कहते हैं ना कि बुरे दिन के बाद कभी ना कभी अच्छे दिन जरूर आते हैं. इस शख्स की जिंदगी में भी अच्छे दिनों ने दस्तक दी और हुआ कुछ ऐसा कि एक दिन एक लड़की अपने दादाी की बरसी पर भिखारियों में मिठाई बांट रही थी. इसी दौरान उसने सड़क पर भीख मांगते उस आदमी की शायरी पढ़ी और काफी देर तक उससे बातचीत भी की थी.

बस फिर क्या था उस युवा लड़की ने उस आदमी को Spoken Word Fest तक ले गई और जहां इसे 22 मिनट तक बोलने का मौका मिला. इतना ही नहीं इस लड़की ने शख्स के लिए बुक स्टॉल लगवाया, जिसके लिए उसने शारीरिक मदद के साथ-साथ आर्थिक मदद भी की थी. ये लड़की इस आदमी के लिए उस परी जैसी थी जो उसके सपने में कभी-कभी आया करती है.

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