दिलचस्प

प्रेरणादायक स्टोरी- अगर मन में ठान लो, तो किसी भी आदत को छोड़ा जा सकता है

एक गांव में रवि नाम का एक आदमी रहा करता था। रवि पढ़ने में बहुत ही तेज हुआ करता था, लेकिन उसको कहीं से शराब पीने की आदत लग गई और वो हर दिन शराब पीने लगा। रवि की इस आदत से उसके घरवाले काफी दुखी रहने लगे। रवि को उसके घरवालों ने खूब समझाने की कोशिश की और उसको शराब  छोड़ने को कहा। लेकिन रवि हर बार अपने घरवालों को एक ही जवाब दिया करता था और कहता था कि ‘मैंने शराब नहीं पकड़ी है, शराब ने मुझे पकड़ रखा है’। रवि की शराब की आदत को देखकर उसके घरवालों ने सोच की इसकी शादी करवा दी जाए। घरवालों को लगा की शादी होने के बाद रवि गृहस्थ जीवन में व्यस्त हो जाएगा और उसकी शराब की आदत छुट जाएगी।

कुछ महीनों के बाद रवि की शादी करवा दी गई। रवि की पत्नी ने भी उसकी शराब की आदत को छुड़वाने की खूब कोशिश की। मगर रवि अपनी पत्नी को भी यही कहा करता था कि  मैंने ये आदत नहीं पकड़ी, इस आदत ने मुझे पकड़ रखा है।

एक दिन रवि की पत्नी को एक साधु के बारे में पता चला और वो साधु से मिलने के लिए चले गई। साधु ने रवि की पत्नी की पूरी बात सुनी और उससे कहा कि तुम अपने पति को लेकर मेरा पास कल आओ। अगले दिन रवि और उसकी पत्नी साधु के आश्रम गए। मगर आश्रम में जाकर उन्होंने देखा की साधु ने वहां पर एक पेड़ को पकड़ रखा है। साधु को देखकर रवि की पत्नी हैरान रहे गई की ये ऐसे क्यों खड़े हैं। रवि और उसकी पत्नी ने साधु से पूछा भी कि आप क्यों ऐसे खड़े हो, साधु ने इस बात का जवाब देते हुए कहा कि तुम लोग कल आना। अगले दिन रवि और उसकी पत्नी फिर से साधु के पास गए। आश्रम में पहुंचकर इन्होंने देखा की साधु ने फिर से पेड़ को पकड़ रखा है। साधु से इन्होंने बात करने की कोशिश की मगर साधु ने फिर से इन्हें कल आने को कहा।

तीसरे दिन फिर से रवि और उसकी पत्नी साधु से मिलने पहुंचे। साधु को फिर से इन दोनों ने पेड़ को पकड़े हुए पाया। रवि ने साधु से कहा कि आप क्यों इस पेड़ को पकड़ कर खड़े हों। साधु ने रवि के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि क्या करूं ये पेड़ मेरे को छोड़ ही नहीं रहा है। मैं खूब कोशिश कर रहा हूं कि पेड़ मेरे को छोड़ दें। साधु की बात सुन रवि ने उनसे कहा कि महाराज इस पेड़ ने नहीं आप ने इस पेड़ को पकड़ रखा है। अगर आप इसे छोड़ देंगे तो ये भी आपको छोड़ देगा। रवि की ये बात सुनते ही साधु ने कहा कि यही बात तो में तुम्हें तीन दिनों से समझाने में लगा हुआ हूं। शराब ने तुम्हें नहीं तुमने शराब को पकड़ रखा है। जब तुम शराब की आदत को छोड़ने का मन बना लो गे तो वो भी तुमको छोड़ देगी। साधु की बात रवि को समझ आ गई और उसने अपनी शराब की आदत को छोड़ दिया।

इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है कि आदत चाहें कितनी भी बुरी हो अगर आप उसको छोड़ने की ठान लेते हैं तो वो आदत छूट ही जाती है.

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