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हम जो भी बनते हैं या बनना चाहते हैं उसके लिए हमारा नजरिया बहुत मायने ,रखता है

एक शहर में दो भाई रहा करते थे। दोनों को जानने वाले लोग दांतों तले उंगली दबा लेते थे। एसल में  एक भाई ऐसा था जो बहुत सफल बिजनेसमैन था। लोग उसकी बहुत इज्जत करते थे और समाज में उसकी बहुत इज्जत होती थी। उसके अच्छे स्वभाव के कारण हर कोई उससे प्यार से बात करता था। उसकी  पत्नी भी उससे बहुत प्यार करती थी और बच्चे भी अपने पिता से बहुत स्नेह करते थे।

एक ही परिवार के दो बेटे थे

वहीं एक औऱ उसी का दूसरा भाई था। वो अपनी बूरी आदतों को कारण बहुत बदनाम था। वो अपनी पत्नी को मारता था औऱ उसके बच्चे उससे दूर भागते थे। समाज में उसकी कोई इज्जत नहीं थी। अपनी नौकरी भी ढंग से नहीं कर पाता था और हमेशा उसे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ता था। समाज में लोग उससे दूर भागते थे। आए दिन वो किसी ना किसी से पैसे मांगता रहता था।

एक दिन दोनों के पिता का देहांत हो गया। अंतिम क्रिया के लिए दोनों भाई एक ही जगह इक्ट्ठा हुए। बडा भाई जो बिजनेसमैन था वो अपने परिवार के साथ अपने पूराने घर पहुंचा वहीं उसका छोटा भाई भी अपने परिवार के साथ अपने पूराने घर पहुंचा। बड़ा भाई जहां अच्छे कपड़ों में था तो वहीं छोटे भाई के शरीर से शराब की दुर्गंध आ रही थीं। वहीं उसका परिवार भी गरीब लग रहा था।

परिवार के इस कार्यक्रम में एक शख्स ऐसा भी था जो इन दोनों का करीबी था। उसे दोनों भाइयों में इतना अंतर देख बहुत आशचर्य हुआ। उसने सोचा की दोनों एक ही माता पिता की संतान, एक ही जगह दोनों की परवरिश हुई, एक ही जैसा पहना ओढ़ना हुआ। एक ही जगह दोनों पढ़ाए किए तो फिर एक इतना बड़ा बिजनेसमैन बन गया औऱ एक ऐसा शराबी, आखिरी ऐसा हुआ कैसे। ये सोचकर उसने दोनों भाईयों से ये सवाल पूछना चाहा।

हमारा नजरिया हमे बनाता है अलग

वो पहले बड़े भाई के पास गया और कहा- आप इसी गांव से निकले, इसी परिवार में पले बढ़े और बाहर जाकर इतने बड़े बिजनेसमैन कैसे बन गए। भाई ने जवाब दिया- मेरे पिताजी की वजह से। दरअसल मेरे पिताजी जब भी घर आते तो वो शराब के नशे में आते, मां से मार पीट करते, हमें मारते और फिर खाना खाकर सो जाते, उनकी नौकरी भी स्थाई नहीं रहीं। उन्हें देखकर ही मैंने सीखा कि मैं कभी ये काम नहीं करुंगा, ना शराब पीउंगा औऱ ना ही अपने परिवार के साथ मारपीट करुंगा।

वो आदमी छोटे वाले भाई के पास पहुंचा और उससे भी ये ही सवाल किया।– उसने कहा- आपके बडे भाई इतने बड़े बिजनेस मैन बने, लेकिन आप सफल नहीं बन पाए और कुछ बड़ा नहीं कर पाए, इसके लिए आप किसे जिम्मेदार मानते हैं। भाई ने कहा- मेरे पिताजी को, पिताजी पिताजी जब भी घर आते तो वो शराब के नशे में आते, मां से मार पीट करते, हमें मारते, मुझसे और क्या उम्मीद कर सकते हैं। मैंने भी उनकी तरह ही जीना सीख लिया।

उस व्य़क्ति को समझ में आय़ा कि एक ही व्यक्ति को देखकर दोनों भाईयों ने अलग अलग सीख ली, यानी की सफलता हमें कैसे भी मिल सकती है बस उसके लिए हमारा नजरिया अलग होना चाहिए। बड़े भाई का नजरिया अपने पिता को देखने का अलग था इसलिए वो बिजनेस मैन बना जबकि छोटे भाई का नजरिया अलग था इसलिए वो शराबी ही बना। हम जो भी बनते हैं या बनना चाहते हैं उसके लिए हमारा नजरिया बहुत मायने ,रखता है।

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