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जीत हासिल करने के लिए सिर्फ साहस की ही नहीं बल्कि बुद्धि का इस्तेमाल करना भी बहुत जरुरी है

प्राचीन समय में एक राजा रानी थे और उनके 100 पुत्र थे। राजा-रानी को अपने सभी पुत्रों से प्रेम था। धीरे धीरे राजा की उम्र ढलने लगी तो उसने सोचा कि अपने जीते जी ही राजगद्दी अपने योग्य पुत्र को दे देनी चाहिए। वैसे तो लोगों की राय थी की राजा के बड़े पुत्र को राजगद्दी मिले, लेकिन राजा उम्र में नहीं बल्कि योगय्ता में यकीन करता था। ऐसे में वो अपने बेटे बेटे को राज गद्दी नहीं सौप सकता था। राजा के साथ साथ रानी का भी मानना था कि जो भी राजा बने वो बुद्धिमान और साहसी दोनों होना चाहिए।

मुकूट के लिए राजा ने खेला ये दांव

राजा ने फैसला किया वो अपने पुत्रों के सामने एक ऐसी चुनौती रखेगा जिससे वो उन सभी को परख लेगा और जो भी उसमें खरा उतरेगा राजा उसे ही राज मुकूट पहनाएगा। हालांक राजा ने अपने पुत्रों को इस बात की भनक भी नहीं लगने दी की उन्हें किसी प्रकार की परीक्षा देनी है। योग्य उम्मीदवार चुनने के लिए राजा ने एक शाम सभी पुत्रों के लिए एक विशेष भोजन का आयोजन किया। जब समय हुआ सभी राजकुमार अपने भोजन स्थल पर पहुंच गए। सभी के सामने सेवकों ने खाना लगा दिया।

राजा पीछे से ही सारा खेल देख रहा था। जैसे ही राकुमार भोजन के लिए आगे बढ़े तभी राजा ने अपने सैनिकों से कहा कि भोजन स्थल पर जंगली कुत्ते छोड़ दिए जाएं। राजा की आज्ञा का पालन हुआ औऱ राजकुमारों के भोजस्थल पर जंगली कुत्ते छोड़ दिए गए। कुछ राजकुमार कुत्ता देखता ही डरकर भाग गए। कुछ मेज के नीचे छिप गए वहीं कुछ ने तलवार उठा ली और कुत्तों को भगाने लगे। राजा पीछे से सबकुछ देख रहा था और उसे अपना जवाब भी मिल गया।

अगले दिन राजदरबार सजा तो सभी राजकुमार उपस्थित हो गए। आज राजा नए राजा का नाम घोषित करने वाले थे। सभी के मन में आशंका थी की राजा किसे अपनी गद्दी सौपेंगे। राजा ने सबसे पहले वहां मौजूद राजकुमारों से एक सवाल पूछा कि कल शाम सभी ने अच्छे से खाना खाया या नहीं। राजकुमारों को कुत्ते की बात याद थी।

इस राजकुमार के सिर सजा ताज

कुछ राजकुमारों ने कहा कि हम तो खाना नहीं खा पाए क्योंकि जंगली कुत्ते वहां आ गए थे और हम डर गए। वहीं कुछ राजकुमारों ने शान से कहा पिताजी हम खाना इसलिए नहीं खा पाए क्योंकि हम उन कुत्तों को मारने और भगाने में व्यस्त थे। राजा ने कहा- तो किसी ने खाना नहीं खाया। सबसे छोटा राजकुमार बोला- पिताजी, मैंने अच्छे से भोजन किया, बहुत ही स्वादिष्ट खाना था।

राजा ने पूछा- तुमने अपना खाना कैसे खत्म किया पुत्र? राजकुमार ने कहा जब जंगली कुत्ते सामने आए तो सभी भाई अपनी थाली छोड़कर उठ गए। मेरे पास पूरे 99 थालियां और थीं। ऐसे में जो कुत्ता सामने आता मैं उसे थाली दे देता और साथ मे खुद भी खाता रहता। वहीं जो कुत्ता नहीं मानता उसे अपनी तलवार से सजा देता। ऐसे में मैने खाना भी खा लिया और कुत्तों ने मेरा कुछ नहीं बिगाड़ा।

राजा ने अपने सबसे छोटे बेटे को राजा बना दिया। राजा ने कहा- मुसीबत के वक्त डर जाना सही नहीं है और ना ही सिर्फ साहस दिखाना। साहस के साथ साथ बुद्धि का इस्तेमाल भी बहुत जरुरी है। अगर कभी राज्य़ पर संकट पड़ा तो सिर्फ लड़ाई ही जवाब नहीं होना चाहिए बुद्धि का इस्तेमाल करना भी जरुरी है। साहस के साथ साथ दिमाग भी बहुत जरुरी होता है।

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