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आलिया भट्ट की मां ने पाकिस्तान में रहने की जाहिर की इच्छा, कहा – ‘वहां ज्यादा खुश रहूंगी’

भारत एक लोकतंत्र देश है और यहां पर हर किसी को कुछ भी बोलने का पूरा हक है फिर वो अपने दुश्मन देश में रहने की इच्छा भी जाहिर करें तो कोई बड़ी बात नहीं है. फिल्म सर, सड़क और राजी जैसी फिल्मों में नजर आ आ चुकी आलिया भट्ट की मां सोनी रजदान किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. सोनी रजदान ने हर मुद्दे पर अपनी राय हमेशा ही बेबाकी के साथ रखी है और इस बार भी उन्होंने बहुत बड़ी बात कह दी. सोनी रजदान बहुत जल्दी ही फिल्म नो फादर्स इन कश्मीर में नजर आने वाली हैं और इस फिल्म के प्रमोशन के समय उन्होंने ऐसी बात कह दी कि तुरंत चर्चा में आ गईं. आलिया भट्ट की मां ने पाकिस्तान में रहने की जाहिर की इच्छा, उनकी इस इच्छा के पीछे क्या मतलब है चलिए आपको बताते हैं.

आलिया भट्ट की मां ने पाकिस्तान में रहने की जाहिर की इच्छा

फिल्म के प्रमोशन के दौरान सोनी रजदान ने कहा, ‘जब भी मैं कुछ बोलती हूं तो ट्रोल हो जाकी हूं. मुझे देशद्रोही का जाने लगता है. कभी-कभी सोचती हूं कि मुझे पाकिस्तान ही चले जाना चाहिए. वहां पर शायद मैं ज्यादा खुश रह पाऊं. वहां का खाना भी बहुत अच्छा लगता है. आप लोगों ने ही ट्रोल करते हुए मुझे कहा था कि पाकिस्तान चली जाओ इसलिए अब मैं वहां जाऊंगी.’ इस बात पर मुस्कुराते हुए उन्होंने आगे कहा, ‘मैं अपनी मर्जी से पाकिस्तान छुट्टियां मनाने जाऊंगी. ‘ इस इंटरव्यू में सोनी ने यह भी कहा कि उन्हें ट्रोलर्स के पाकिस्तान भेजने वाली बात से कोई फर्क नहीं पड़ता. इसके साथ ही सोनी राजदान ने देश के इस समय के माहौल पर अपनी राय बेबाकी के साथ रखा. सोनी ने कहा, ‘मैं भारत के पूरी तरह हिंदू देश बनने के खिलाफ हूं. पाकिस्तान में मिला जुला कल्चर नहीं है, इसी वजह से वो अच्छा देश नहीं बन सका.’

सोनी राजदान की फिल्म नो फादर्स इन कश्मीर 5 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज होगी. इस फिल्म में सोनी राजदान के अलावा इअश्विन कुमार, अंशुमन झा और कुलभूषण खरबंदा जैसे कई कलाकार शामिल नजर आएंगे. इस फिल्म की कहानी नूर की कहानी पर आधारित है, नूर एक ब्रिटिश एक भारतीय है जो अपने लापता पिता का पता लगाने के लिए कश्मीर वापस आता है. वहां पर वह एक माजिद से दोस्ती करता है और फिल्म में दिखाया जाएगा कि माजिद किस तरह से नूर के पिता को खोजने में उसकी मदद करता है.

कश्मीर की वास्तविकता को दर्शाएगी फिल्म

फिल्म की ऐसी टैगलाइन है जिसे हर कोई सोचता है कि वो कश्मीर को जानता है. फिल्म कश्मीरी लोगों की असल जिंदगी की वास्तविकता को दिखाएगी. इस फिल्म के निर्देशक अश्विन कुमार ने इसके पहले दो राष्ट्रिय पुरस्कार जीता है. फिल्म नो फादर्स इन कश्मीर को 8 महीने बाद यूए सर्टिफिकेट दिया गया है और सेंसर सर्टिफिकेट पाने के लिए उन्होंने फिल्म को जुलाई, 2018 में फाइल किया था. अपनी फिल्म को इंसाफ दिलाने के लिए निर्माताओं और कलाकारों को 8 महीने, 6 स्क्रिनिंगस और सात सुनवाईयों तक का इंतजार करना पड़ा था. फिलहाल अब फिल्म तैयार है और 5 अप्रैल को रिलीज होगी.

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