स्वास्थ्य

ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी इन झूठ बातों को सच मानती हैं महिलाएं, कहीं आपको भी तो नहीं है ऐसा भ्रम

इंसान में होने वाली कैंसर सबसे खतरनाक बीमारी होती है. व्यक्ति इसका नाम जैसे ही सुनता है उसका इशारा सिर्फ एक ओर ही जाता है कि इसका अंजाम सिर्फ मौत है लेकिन ऐसा नहीं है अगर सही समय पर कैंसर का इलाज कराया जाए तो इससे लड़ा जा सकता है. उन्हीं में से एक है ब्रेस्ट कैंसर जिसका नाम सुनते ही महिलाओं के दिमाग में एक ही बात आती है वो ये कि ये एक जानलेवा बीमारी है और कई ऐसे भी होते हैं जिन्हें ये रोग होता है तो वे जीने की उम्मीद ही छोड़ देते हैं. हालांकि महिलाओंका ब्रेस्ट कैंसर के प्रति इस तरह से डरना जायज भी माना जाता है क्योंकि हमारे देश में कम से कम 75 प्रतिशत महिलाएं इस बीमारी का शिकार हो चुकी हैं. मगर कभी-कभी ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी इन झूठ बातों को सच मानती हैं महिलाएं, इन्हें महिलाओं को जान लेना चाहिए.

ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी इन झूठ बातों को सच मानती हैं महिलाएं

एक रिसर्च के मुताबिक महलिआों में ये बीमारी तेजी से बढ़ रही है लेकिन कुछ महिलाएं इसकी कुछ झूठ बातों को भी सच मान लेती हैं. ऐसे में महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी हर बात को सच मानने से पहले आपको उसकी सच्चाई जाननी चाहिए कहीं जिसे वे सच मान रही हैं वो झूठ तो नहीं ? तो हम आपको ऐसे ही कुछ मिथ के बारे में बताने जा रहे हैं जिनपर बिल्कुल भी भरोसा नहीं करें.

स्तनों में गांठ मतलब कैंसर

बहुत सी महिलाओं में ये मिथ होता है कि जैसे ही वे स्तन में गांठ का नाम सुनती हैं तो उनके मन में ये सवाल बैठ जाता है कि गांठ है मतल कैंसर ही होगा. ब्रेस्ट कैंसर में गांठ कैंसर का ही लक्षण होता है लेकिन ऐसा जरूरी नहीं होता. ब्रिटिश शोध के मुताबिक स्तनों में होने वाली गांठ पड़ने के सिर्फ 10 प्रतिशत ही कैंसर होने के चांस होते हैं. ज्यादातर मामलों में इसकी वजह स्तन में फैट और सिस्ट की वजह सामने आती है.

पुरुषों को नहीं होता स्तन कैंसर

बहुत से लोगों को ये पता होता है कि स्तन महिलाओं के होते हैं तो ये कैंसर सिर्फ उन्हें ही हो सकता है लेकिन आपको बता दें कि पुरुषों में स्तन होते हैं और उनके स्तन कैंसर के मामले भी बढ़ रहे हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्सॉस एम डी एंडर्सन कैंसर सेंटर के अनुसंधानकर्ताओं ने करीब 2500 से ज्यादा मामलों पर रिसर्च करके ये बात साफ की है कि पुरुषों में भी स्तन कैंसर के मामले होते हैं. पुरुषों में स्तन के ट्यूमर का पता लगाना ज्यादा आसान होता है.

मैमोग्राम से होता है स्तन कैंसर

बहुत से लोगों को लगता है कि स्तन कैंसर की पहचान के लिए प्रयोग किए जाने वाले एक्स रे और मैमोग्राम से स्तन कैंसर ज्यादा फैलता है जो कि पूरा तरह से गलत है. नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के मुताबिक मैमोग्राफी के दौरान इस्तेमाल हुए रेडिएशन की मात्रा बहुत कम होती है और इससे कैंसर का खतरा ना के बराबर ही होता है.

डियोड्रेंट से होता है स्तन कैंसर

अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के मुताबिक, इस बात का कोई प्रमाण नहीं आया है कि डियोड्रेंट से स्तन कैंसर का खतरा होता है. इसके अलावा नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के जर्नल में छपे एक अध्ययन के मुताबिक स्तन कैंसर और एंटीपरस्परिएंट्स यानी डियोड्रेंट सिर्फ पसीने को रोकने के लिए उपयोग में लाया जाता है इससे कैंसर का कोई संबंध नहीं होता. जो महिलाएं इसका प्रयोग करती है उनमें स्तन कैंसर के लक्षण अब तक सामने नहीं आए.

स्तन कैंसर एक संक्रामक बीमारी

स्तन कैंसर को संक्रामक बीमारी समझने वालों समझ लो कि ये एक इंसान से दूसरे इंसान में कभी नहीं होती है. ब्रेस्ट कैंसर की समस्या तब होती है जब कैंसर की कोशिकाओं की अनियमत वृद्धि होने लगती है. इसके खरते को कम करने के लिए आपको हेल्दी लाइफस्टाइल जीना चाहिए और इसके साथ ही कैंसर के जोखिमों के बारे में जानकारी भी अच्छे से होनी चाहिए.

स्तन कैंसर से नहीं बचा जा सकता

जो लोग मानते हैं कि स्तन कैंसर से बिल्कुल नहीं बचा जा सकता है उनका ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है. स्तन कैंसर से बचने के लिए एक स्वस्थ जीवनशैली का होना बहुत जरूरी है. अपने वजन पर नियंत्रण रखिए, स्वस्थ आहार लीजिए और हर दिन व्यायाम करिए और हां धुम्रपान या एल्कोहल से बचिए. इससे आप स्तन कैंसर से बच सकती हैं.

ब्रा से बढ़ता है स्तन कैंसर का खतरा

अक्सर लोग मानते हैं कि टाइट ब्रा पहनने से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है लेकिन ऐसा माना जाता है कि इस तरह के अंडरगारमेंट्स लिफेंटिक फ्लो को रोकता है जिसकी वजह से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ता है. मगर ऐसा नहीं होता इस तरह की बातों में कोई सच्चाई नहीं है और ब्रा पूरी तरह से सुरक्षित होता है.

परिवार में स्तन नहीं तो मैं सुरक्षित हूं

80 प्रतिशत महिलाओं को लगता है कि अगर मेरे परिवार में किसी को स्तन कैंसर नहीं हुआ है तो मैं पूरी तरह से सुरक्षित हूं. मगर ऐसा नहीं होता है. स्तन कैंसर लिंग, आयु और जीवनशैली पर निर्भर करता है और यही सच है.

बड़े स्तनों में कैंसर का खतरा

अगर बड़े स्तनों से कैंसर होने में जरा भी सच्चाई होती तो पुरुषों में कभी स्तन कैंसर नहीं होता. आंकड़ों की माने तो सिर्फ 10 प्रतिशत लोग ही ऐसे होते हैं जिनके बड़े स्तनों की वजह से कैंसर हुआ हो वो भी उनकी जीवनशैली बिगड़ी थी इसलिए हुआ.

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