दिलचस्प

माता पिता निस्वार्थ होकर अपने बच्चों के लिए त्याग करते हैं, हमें भी उनका सम्मान करना चाहिए

एक शहर में एक महिला अपने छोटे से मकान में अपने बेटे के साथ रहती थी। उस महिला के पति के एक्सीडेट में मौत हो गई थी औऱ उसकी आंख भी नहीं थी। उसकी खूबसूरती खराब हो चुकी थी और बिना एक आंख के लोग उसका बहुत मजाक उड़ाते थे। उस महिला की जिदंगी में कोई खुशी थी तो वो था सिर्फ उसका एकलौता बेटा था। वो अपने बेटे से बहुत प्यार करती थी।

मां के प्यार से परेशान होने लगा था बेटा

वो अपने बेटे को लेकर हमेशा परेशान रहती थी। उसकी ख्वाहिश थी की बेटा पढ़ लिखकर बड़ा आदमी बन जाए। उसका बेटा पढ़ने में अच्छा था इसलिए वो खीब मेहनत करके उसे पढ़ाती थी। एक दिन उसका बेटा लंच बॉक्स लाना भूल गया। मां जब लंच बॉक्स देने स्कूल गई तो उसकी एक आंख देखकर स्कूल के बच्चे उसका मजाक उड़ाने लगे। बेटे को अपनी मां का स्कूल आना अच्छा नहीं लगा और उसे शर्मिंदगी महसूस होने लगी।

शाम को बेटा जब स्कूल से घर लौटा तो अपनी मां को बहुत भला बूरा कहने लगा। उसने सोच लिया कि वो अब अपनी मां के साथ और नहं रहेगा। वो पढ़ने में अच्छा था तो स्कूल पास करने के बाद ब कॉलेज पहुंचा तो विदेश में पढ़ाई करने के लिए उसे स्कॉलरशिप मिल गई। उसकी मां का बिल्कुल भी मन नही था कि उसका बेटा छोड़कर ना जाए, लेकिन वो उसकी पढ़ाई में बाधा नहीं बनना चाहती थी।

बेटे को मां के पास रहना और उसका अधिक प्यार जताना उसे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता था इसलिए जैसे ही उसे मौका मिला वो विदेश चला गया।पढ़ाई खत्म करते करते उसे विदेश में नौकरी भी मिल गई। वो विदेश में ही रहने लगा। उसे एक भी बार ख्याल नहीं आया की उसकी मां किस हाल में और कैसे रह रही है। वो एक भी बार उसे कॉल नहीं करता औऱ ना ही मिलने आता।

मां के कमरे में बेटे को मिला खत

कभी कभी ही उसकी मां से बात होती। एक दिन उसे पड़ोस की आंटी की कॉल आई की उसकी मां अब नहीं रहीं। बेटे को कुछ खास दुख तो नहीं हुआ, लेकिन मां का अंतिम संसकार करने उसे अपने देश लौटना पड़ा। एक दिन वो अपनी मां के कमरे में गया तो उसे वहां एक खत मिला जिस पर उसका नाम लिखा था। उसने खत खोला तो उसमें जो बात लिखी थी उसे पढ़कर उसकी आंख में आसू आ गए।

उस खत में लिखा था बेटा, मैंने तुम्हें कभी वो बात नही बताई जो हमारे एक्सीडेंट के दिन हुई थी। एक्सीडेंट में तुम्हारे पिता की तो डेथ हो गई थी, लेकिन तुम्हारी एक आंख भी चली गई थी। उस वक्त मैंने तुम्हें अपनी एंक आंख दी थी क्योंकि तुम्हारे सामने पूरी जिंदगी पड़ी थी। अब मेरी तबीयत खराब होने लगी है तो मैं तुम्हें ये खत लिखकर बताना चाहती हूं की मैं तुम्हें बहुत प्यार करती हूं बेटा।

कहते हैं की भगवान हर जगह नहीं हो सकते इसलिए उन्होंने मां को बनाया औऱ हम कभी राह से भटकें नहीं इसलिए थोड़ी सख्ती वाले पिता बनाए। हमारे पास जब माता पिता होते हैं तो हम उनके ज्यादा प्यार से परेशान होने लगते हैं। कई बार तो हमें उनके केयर करने की आदत से इतनी चिढ़ होने लगती है की हम उन्हें छोड़ कर जाने का मन बनाने लगते है, लेकिन जब वो हमें छोड़कर चले जाते हैं तो हमें उनकी कदर समझ आती है।

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