अध्यात्म

श्रीकृष्ण जी के अनुसार जब दुश्मन हो आप से ज्यादा ताकतवर तो इस तरह करें उससे मुकाबला

भगवान श्रीकृष्ण जी ने महाभारत के जरिए कई तरह का ज्ञान लोगों को दिया है और लोगों को समझाया है कि किस तरह से जीवन में आई चुनौतियों का सामना किया जाता है। श्रीमद्भागवत में श्रीकृष्ण जी से जुड़ी कई सारी ऐसी चीजों का उल्लेख है जिनकी मदद से कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में सफलता पा सकता है। श्रीमद्भागवत में ही श्रीकृष्ण से जुड़ी एक कथा भी है जिसके अनुसार श्रीकृष्ण ने हमें ये सीखा है कि जब भी जीवन में किसी बलवान दुश्मन से आपका सामना है तो उस समय आपको क्या करना चाहिए और कैसे समझदारी से काम लेना चाहिए।

जरासंध और श्रीकृष्ण की कथा

महाभारत के अनुसार एक जरासंध नामक राजा हुआ करता था और ये काफी शाक्तिशाली था। जरासंध ने कई बलवान राजाओं से युद्ध किया हुआ था और सभी राजाओं को इसने बेहद आसानी से हरा दिया था। जरासंध का वर्णन महाभारत में करते हुए लिखा गया है कि ये एक ताकतवर राजा हुआ करते थे और इन्होंने  मगध (बिहार) में कई सालों तक राज किया था। इस दौरान इन्होंने कई सारे युद्ध किए थे और इन युद्धों को आसानी से जीत लिया था। वहीं एक बार जरासंध का सामना श्रीकृष्ण और उनके भाई बलराम से हुआ। श्रीकृष्ण और बलराम को पता था कि जरासंध उनसे काफी बलशाली है और उसको हराना आसान नहीं हैं।

जरासंध और श्रीकृष्ण के बीच हुआ युद्ध

जरासंध से युद्ध करते समय श्रीकृष्ण और बलराम को जब उसकी ताकत का एहसास हुआ तो ये दोनों भाई युद्ध के मैदान से भाग गए और बहुत ऊंचे प्रवर्शण पर्वत पर चढ़ गए। श्रीकृष्ण और बलराम को युद्ध के मैदान से भागता देख जरासंध उनपर हंसने लग गया और उसने इनके पीछे अपनी सेना का भेज दी। पहाड़ पर जाकर श्रीकृष्ण और बलराम छुप गए और इन दोनों को ढूंढना जरासंध की सेना के लिए काफी मुश्किल होने लगा। इसी बीच जरासंध ने सोचा की क्यों ने इस पर्वत को आग लगा दी जाए। इस पर्वत के जलने से ये दोनों भाई भी आग में जल जाएंगे। जरासंध ने अपनी सेना को पर्वत के चारों और आग लगाने के आदेश दे दिए और सेना ने पर्वत को आग के हवाले कर दिया। पर्वत में आग को फैलता देख श्रीकृष्ण और बलराम जी ने इस पर्वत से छलांग लगा ली और सही सलामत अपने राज्य वापस चले गए। पर्वत को जलता देख जरासंध को लगा की उसने अपने दुश्मन को मार दिया है और वो बहुत खुश हो गया।

इस युद्ध से श्रीकृष्ण जी ने दिया बेहद ही जरूर ज्ञान

युद्ध के मैदान से भगाकर श्रीकृष्ण जी ने एक बहुत ही बड़ा ज्ञान लोगों को दिया है और बताया है कि जब भी आपका दुश्मन आप से ताकतवर हो तो आप उससे लड़े नहीं। बल्कि उससे मजबूत होने पर ध्यान दें और ताकतवर होने के बाद ही अपने दुश्मन से युद्ध करें। अगर आपका दुश्मन आप से ताकतवर है तो युद्ध करने की भूल नहीं करनी चाहिए। महाभारत के अनुसार कुछ समय बाद ही भीम ने जरासंध से युद्ध किया था और जरासंध को मार दिया था। श्रीकृष्ण की मदद से ही भीम जरासंध को मारने में कामयाब हो सके थे।

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