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नौकरी छोड़ एक एकड़ से ढाई लाख रुपए कमा रहे हैं किसान शिव शंकर, जानें कैसे मिली ये सफलता

भारत में सरकारें कितनी ही बार बदल जाएं औऱ कोई भी सरकार आ जाए किसानों की समस्या जस की तस बनी रहती है। इस बार की केंद्र सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए 2022 तक का लक्ष्य निर्धारित है। इस साल के अंत तक हर किसान की आय दोगुनी हो जाएगी, लेकिन एक किसान ऐसा है जिसनें 2019 में ही अपनीआमदनी को दोगुना नहीं बल्कि पांचगुना करके दिखा दिया है। ऐसा करने वाले गांव प्रभुवाला के किसान शिव शंकर हैं जो दूसरे किसानों के लिए एक प्रेरणा बनकर उभरे हैं।

पारंपरिक खेती छोड़ अपनाई बागवानी

शिव शंकर पारंपरिक तरीके से खेती करने वाले एक आम किसान ही होते, लेकिन आज अपनी इस तरक्की से वो एक प्रगतिशील किसान बन चुके हैं। उन्होंने ना सिर्फ पारंपरिक खेती छोड़ी बल्कि अपनी नौकरी को भी छोड़ कर एक रिस्क लिया औऱ बागबानी को अपनी आय का साधन बना लिया। बागवानी के चलते ही प्रति एकड़ ढाई लाख की कमाई करते हैं शिव शंकर। इतना ही नहीं किसानों को बागवानी अपनाने और वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के लिए प्रेरित करने में लगे हुए हैं।

शिव शंकर की इस सफलता से अब दूर दूर से किसान उनकी खेतीबाड़ी की जानकारी ले रहे हैं और उनसे ही तरीके सीख रहे हैं जिससे वो भी अपनी आमदनी को बढ़ा सकें। पहले पारंपरिक तरह से खेती करने से सिर्फ घर का खर्च ही निकल पाता था औऱ अब बागवानी से वो लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं।

गांव पभुवाला के किसान शिव ने बताया कि उन्होंने 2005 में पांरपरिक तरीके से खेती करनी शुरु की थी जिसमें गेंहूं  की खेती की जाती थी। ऐसा करने पर उन्हें मेहनत ज्यादा पड़ती थी और फायदा कम मिलता था। इसके बाद वो किसान समूह से जुड़ गए। यहां उन्हें पता लगा कि पांरपरिक खेती की बजाए बागवानी से ज्यादा आमदनी हो सकती है। केंद्र सरकार की एनएच स्कीम से जुड़े और फिर बागवानी की खेती वैज्ञानिक तरीके से करनी शुरु की। वो अपनी 25 एकड़ जमीन पर खेती कर रहे हैं।

ऐसे बचाया पैसा और पानी, होती है बचत

शिव शंकर ने बताया की खेती में सिंचाई के लिए उन्हें ट्यूबवेल चलाना पड़ता था जिसके लिए उन्हें काफी पैसा करना पड़ता था। इसके बाद उन्होंने सरकार की स्कीम के तहत खेत में 80 फीट का सामुदायिका टैंक बनाया जिसमें उन्होंने अपनी बारी पर नहरी पानी डालना शुरु किया। इसके बाद पारंपरिक तरीके से सिचाई की बजाय टपका सिचाई शुरु की। इसमें पानी की कम जरुरत पड़ती थी। इससे पानी और पैसे दोनों की बचत होने लगी।

शिव शंकर ने बताया कि बागवानी ने किस तरह उन्हें फायदा पहुंचाया है। पहले की तरह खेती करते तो प्रति एकड़ 20-25 हजार तक की ही बचत हो पाती थी, लेकिन जब से उन्होंने बागवानी को अपनाया उन्हें प्रति एकड़ ढाई लाख रुपए वार्षिक कमा रहे हैं। बता दें कि शिव शंकर अमरुद , किन्नू, मालया, अनार, बेर, खदू , खरबूजा आदि की खेती करते है। जिसमें अमरुद से उन्हें हर साल प्रति एकड़ तीन लाख की आमदनी हो जाती है और किन्नी से पौने दो लाख की आमदनी हो रही है। उनका अमरुद तो खेत में ही बिक जाता है।

केंद्र सरकार के 2022 तक किसानों के आयु दोगुनी करने के लक्ष्य पर बात करते हए शिव शंकर ने कहा कि केंद्र सरकार तो 2022 में किसानों की आमदनी दोगुना करने की बात करती है, लेकिन हमने तो अभी से पांच गुना आमदनी बढ़ा ली है। दूसरे किसान भी अगर बागवानी करते हैं तो 2019 तक उनकी आय दोगुनी हो जाएगी। किसान को अब वैज्ञानिक खेती से जुड़ना चाहए। सरकार ने भी किसानों के लिए कई योजनाएं लागू की हैं जिसका किसान फायदा उठा सकते हैं।

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