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शादी के एक साल बाद खो दिया अपना पति, उसके बाद ससुराल वालों ने जो किया जानकर आंखों में आ जाएंगे आंसू

न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क:  कई बार असल जिंदगी में कुछ ऐसा सुनने में आ जाता है जिसे सुनकर भरोसा नहीं हो पाता है क्योंकि कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं जिन्हें हम सिर्फ फिल्मों में देखते हैं। साल 2006 में रानी मुखर्जी, हेमा मालिनी, सलमान खान, जॉन अब्राहिम और रानी मुखर्जी की फिल्म बाबुल तो आपको याद होगी जिसमें सलमान खान हेमा मालिनी और अमिताभ बच्चन के बेटे होते हैं और उनकी शादी रानी मुखर्जी के साथ हो जाती है। लेकिन शादी के कुछ दिनों बाद ही सलमान खान की एक्सीडेंट में मौत हो जाती है जिसके बाद अमिताभ और हेमा मालिनी रानी मुखर्जी की दूसरी शादी करवाते हैं और अमिताभ खुद उनका कन्यादान करते हैं।

इस फिल्म में जो दिखाया गया है वो बहुत ही अच्छा मैसेज देता हैं उन लोगों को जो अपनी विधवा बहुओं को घर से बेघर कर देते हैं। लेकिन अगर अब हम आपको बताएं कि अक्सर फिल्मों में दिखाई जाने वाली ये कहानी असल जिंदगी में भी हुई है तो ये सुनकर आप शायद थोड़ा हैरान जरूर हो जाएंगे। तो चलिए अब आपको बताते हैं कि क्या है पूरा माजरा। उत्तराखंड के देहरादून के बालावाला इलाके में एक आदमी ने अपनी विधवा बहू की दूसरी शादी करवाई और उसका कन्यादान कर अपनी बेटी की तरह विदा किया।

बालावाला के रहने वाले विजयचंद के बेटे संदीप की शादी साल 2014 में कविता से हुई थी। दोनों की शादी बहुत ही धूमधाम से हुई थी। दोनों ही परिवार बहुत खुश थे। सब कुछ अच्छा चल रहा था लेकिन अचानक शादी के एक साल बाद 2015 में संदीप की एक हादसे में मौत हो गई। शादी के एक साल बाद ही कविता ने अपना मायके जाने का मन बना लिया लेकिन फिर अपने सास-ससुर का मुंह देख कर वो रूक गई। उसे लगा कि उसके जाने के बाद वो दोनों अकेले पड़ जाएंगे जिसके बाद वो मायके ना जाकर सास-ससुर के साथ ही रहने लगीं।

शादी के एक साल बाद ही अपने पति को खोने की वजह से कविता बुरी तरह से टूट चुकी थी। हालांकि अपने सांस-ससुर को खुश रखने के लिए वो उनके सामने कभी दुखी नहीं होती थी लेकिन अंदर ही अंदर वो बुरी तरह टूट रही थी। कविता के ससुराल वालों ने बेटे की मौत के बाद कविता को बिल्कुल अपनी बेटी की तरह रखा और कुछ समय बाद उसकी दूसरी शादी करने का फैसला लिया। हालांकि सोसायटी के लोगों ने उनको कई बार ये सुझाव दिया कि बहू को वापस उसके मायके भेज दें।

लेकिन कविता के सास-ससुर ने किसी की नहीं सुनी और कविता को अपने ही घर में बेटी की तरह रखा। कविता के लिए लड़का ढूंढा और फिर ऋषिकेश के तेजपाल सिंह से कविता की शादी फिक्स कर दी। विजयचंद ने बेटी की तरह ही कविता का कन्यादान किया और उसको विदा किया। बता दें कि विजयचंद ने बताया कि उनके बेटे की मौत के बाद कविता को वापस मायके भेज दिया जाए क्योंकि वो परिवार के लिए अशुभ रही है। लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी और कविता को अपनी बेटी की तरह माना और उसकी शादी करी।

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