दिलचस्प

जब एक बूढ़े व्यक्ति ने एक लड़की से उसके पास रखा हीरा मांग लिया, जानें उस लड़की ने क्या जवाब दिया

संसार में रहने वाला हर व्यक्ति यही चाहता है कि उसके पास हर तरह की धन संपदा, सुख सुविधा, धन धान्य हो।  इतना रुपया पैसा हो की जिस चीज पर नजर पड़ जाए वो अपनी हो सके। किसी किसी की किस्मत में ऐसा सुख होता भी है औऱ जिसकी जिंदगी में ऐसा सुख नहीं होता वो उसे पाने के ले कड़ी मेहनत करता है या कुछ भी ऐसा करता है जिससे उसके पास वैसे ही धन संपदा आ सके। ये सारी बातें सही हैं, लेकिन क्या आपने सोचा है कि ऐसी ही कोशिशों में कुछ ऐसा भी है जो बहुत अहम है और जिसे हम नजर अंदाज कर देते हैं। वो क्या चीज है इसे हम आपको एक कहानी के जरिए बताते हैं।

समुंदर से मिला हीरा

एक बार एक बहुत सुंदर लड़की समुंदर  किनारे पर रेत पर टहल रही थी। टहलते हुए उसने देखा की समुंदर की एक बड़ी जोर सी लहर उसके सामने उठी है और एक चमकदार पत्थर को किनारे पर छोड़ते हुए फिर से पीछे चली गई। लड़की ने उस पत्थर को उठा लिया, बेहद खूबसूरत चमकदार पत्थर जिसकी कीमत का अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल था। वो एक नायाब हीरा था जिसे लड़की ने अपने पर्स मे रख लिया। एक हीरा पाने के बाद भी उसके चेहरे का रंग नहीं बदला।

उस लड़की के पास ही एक बुजुर्ग व्यक्ति खड़ा था जो उस लड़की और उस पत्थर को देख रहा था। अचानक से वो उठा और उस लड़की के पास गया और उसके सामने जाकर अपने हाथ फैलाए औऱ कहा कि – मैंने चार दिनों से कुछ नहीं खाया है, क्या तुम मेरी मदद कर सकती हो। लड़की ने बात सुनते ही अपना पर्स खोला औऱ खानी की चीज ढूंढने लगीं। बुजुर्ग व्यक्ति का पूरा ध्यान उस पत्थर पर था जो कुछ समय पहले उसने ल़ड़की को समुंदर के किनारे से उठाते हुए देखा था।

बुजुर्ग को लड़की ने दिया जवाब

लड़की को समझ में आ गया कि इस व्यक्ति को कई खाना नहीं चाहिए बल्कि उसका पूरा ध्यान पत्थर पर है। उसने बिना कुछ सोचे समझे फौरन से वो पत्थर निकाला औऱ बुजुर्ग के हाथ में दे दिया। बूढ़े व्यक्ति के होश उड़ गए। उसने सोचा की कोई इतनी कीमती चीज इतनी आसानी से कैसे दे सकता है, उसने पत्थर को गौर से देखा, वो सचमुच में हीरा था। बुजर्ग सोचता रहा कि ये पत्थर उसे इस लड़की ने इतनी आसानी से दे कैसे दिया।

लड़की काफी आगे बढ़ चुकी थी, बुजुर्ग ने उससे पूछा- क्या तुम जानती हो कि ये एक बेशकीमती हीरा है, लड़की ने जो कहा उससे बुजर्ग के होश उड़ गए। लड़की ने कहा कि – हां मुझे पता है की ये हीरा है, एक बेशकीमती हीरा, मुझे यकीन है, लेकिन मेरी खुशी इस हीरे में नहीं मेरे भीतर है, समुंदर की इन लहरों की तरह ये धन दौलत आती जाती रहेगी। अगर इनसे अपनी खुशियां जोड़ लीं तो कभी खुश नहीं रह पाएंगे। बुजुर्ग उसकी बातें समझ गया औऱ उसे हीरा दे दिया। बुजुर्ग ने कहा कि ये हीरा तुम रखो औऱ मुझे इससे कई गुना ज्यादा कीमती वो भाव दे दो जिसकी वजह से तुमने इतनी आसानी से हीरा दे दिया।

इस कहानी का अर्थ ये है कि खुशियां धन संपदा से आती तो हैं, लेकिन वहीं सबकुछ नही हैं। अपनी खुशियों को हीरे,मोती , रुपयों पर निर्भर नहीं रखना चाहिए। खुश रहने के लिए आपको भीतरी संतोष होना चाहिए। खुशियां हमारे अंदर ही छिपी होती हैं और हम दूसरे सामानों में अपनी खुशियां ढूंढते हैं। जिस दिन आप इस बात को समझ जाएंगे आप भी अपने जीवन का हीरा किसी को भी सहजता से दे पाएंगे।

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