स्वास्थ्य

नाखून के पास की त्वचा चबाना हो सकता है खतरनाक, तुरंत करवाना चाहिए इस आदत का इलाज

कई लोगों को नाखून के आसपास की त्वचा को चबाने की लत लग जाती है और इस लत के कारण लोग बार बार अपने नाखून के पास की त्वचा को चबाया करते हैं. नाखून के पास की त्वचा को चबाना कोई आम समस्या नहीं है और ये एक प्रकार का डिसॉर्डर है. अगर इस डिसॉर्डर का इलाज समय पर नहीं किया जाता है तो ये डिसॉर्डर खतरनाक हो जात है.

आखिर क्यों होता है ये डिसॉर्डर

डॉक्टर के अनुसार ये डिसॉर्डर एक गंभीर समस्या का रूप ले सकता है और नाखूनों के पास की त्वचा चबाने की आदत को स्किन पिकिंग डिसॉर्डर या एसपीडी कहा जाता है. ये डिसॉर्डर होने का मुख्या कारण तनाव और गहरी सोच होता है. जो लोग तनाव या गहरी सोच में रहते हैं वो अपने नाखून के पास की त्वचा को खाना शुरू कर देते हैं और धीरे धीरे ये उनकी आदत बन जाती है. कई लोग इस कदर इस आदत के शिकार हो जाते हैं उनकी नाखून की त्वचा के पास से खून तक निकलने लगता है और वो फिर इस त्वचा को चबाना नहीं छोड़ते हैं. जिन लोगों को भी ये डिसॉर्डर है उन लोगों को समय पर किसी डॉक्टर से मिलकर इसका इलाज करवान चाहिए.

दरअसल नाखून के पास की त्वचा को चबाने से लोगों को तनाव का कम एहसास होने लगता है और वो अपने तनाव में अपनी इस त्वचा का चबाना शुरू कर देते हैं. ये डिसॉर्डर इतना खतरनाक है कि लोगों को अपने नाखून के पास की त्वचा को चबाने से जो दर्द होता है वो भी उनको महसूस नहीं होता है.

किनको हो सकता है ये डिसॉर्डर

ये डिसॉर्डर किसी भी आयु के व्यक्ति यानी बच्चों से लेकर बड़ों में से किसी को भी हो सकता है. लेकिन ये डिसॉर्डर सबसे ज्यादा पढ़ाई करने वाले लोगों और करियर बनाने में लगे लोगों को अधिक होता है.

कैसे पाए इस डिसॉर्डर से राहत

जिन लोगों को भी ये डिसॉर्डर है वो लोग डॉक्टर से संपर्क करें और अपने जीवन से तनाव को कम करें. ऐसे लोग जो तनाव में रहते हैं वो लोग अपना ध्यान कही और लगा दें और अपने खाली समय पर गेम या फिर जिस चीज का भी शौक हो वो करें. क्योंकि ऐसा करने से लोगों का तनाव कम हो जाएगा और उनका ध्यान अपने त्वचा को चबाने पर नहीं जाएगा.

थेरेपी का सहारा लें

जिन लोगों का ये डिसॉर्डर काफी अधिक स्तर पर पहुंच जाता है उन लोगों को थेरेपी दी जाती है और स्किन पिकिंग डिसॉर्डर की थेरेपी की मदद से उनको इस डिसॉर्डर से निजात पाने में मदद मिलती है और वो तनाव रहित भी हो जाते हैं.

ग्लव्स पहनना

अगर आप से लाख कोशिश के बाद भी अपनी नाखून की त्वचा का चबाने की आदत नहीं छुट रही है तो आप अपने हाथों पर ग्लव्स पहन लो. दरअसल ग्लव्स पहनने से आपको  कंट्रोल करने में मदद मिलती है. दरअसल इस डिसॉर्डर की थेरेपी के दौरान कई सारे थेरेपिस्ट लोगों को ग्लव्स पहनने की सलाह देते हैं. ताकि वो चाहते हुए भी अपने नाखून की त्वचा खा ना सकें.

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