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कोचिंग की फीस देने के लिए स्नेहा ने किया इस फिल्म में काम, अब ऑस्कर में बिखेर रही हैं जलवे

जिंदगी कब किसे क्या मौका दे दे इस बारे में कोई नहीं जानता. वो कहते हैं जब ऊपर वाला देता है तो छप्पड़ फाड़कर देता है. मेहनत तो बहुत से लोग करते हैं लेकिन उस मेहनत का फल ऊपरवाला किसी किसी को देता है. 25 फरवरी को अमेरिका में हुए फिल्म जगत के सबसे पॉपुलर अवॉर्ड शो ‘ऑस्कर’ में भारत में बनी एक शॉर्ट फिल्म को अवॉर्ड मिला. इसमें काम करने वाली लीड एक्ट्रेस स्नेहा जब ऑस्कर अवॉर्ड सेरेमनी में पहुंची तो उन्हें अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ. यूपी के एक शहर से आई स्नेहा ने गरीबी देखी है और कोचिंग की फीस देने के लिए स्नेहा ने किया इस फिल्म में काम, मगर किस्मत उनकी ऐसी पलटेगी इस बात का अंदाजा उन्हें कभी नहीं था.

कोचिंग की फीस देने के लिए स्नेहा ने किया इस फिल्म में काम

फिल्म जगत के सबसे बड़े अवॉर्ड शो ऑस्कर 2019 का आयोजन अमेरिका के लॉस एंजिल्स में 24 फरवरी ( भारत में सुबह 25 फरवरी) को हुआ. हर साल की तरह इस अवॉर्ड सेरेमनी में हॉलीवुड स्टार्स का मेला लगा लेकिन इस बार भारतीय शॉर्ट फिल्म पीरियड इंड ऑफ सेंटेंस की भी खूब चर्चा हुई. आपको बता दें कि इस फिल्म को डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट सबजेक्ट श्रेणी में ऑस्कर अवॉर्ड दिया गया. इन सबमें सबसे खास बात ये रही कि इस फिल्म में लीड एक्ट्रेस का किरदार निभाने वाली स्नेहा भारत के सबसे पॉपुलर राज्य उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं. ‘पीरियड इंड ऑफ सेंटेंस’ में मुख्य किरदार निभाने के कारण ही इन्हें ऑस्कर अवॉर्ड सेरेमनी का हिस्सा बनने का मौका मिला. जहां वे क्रॉप टॉप और लॉन्ग स्कर्ट के साथ बिल्कुल अलग अंदाज में नजर आईं. असल जिंदगी में स्नेहा बहुत ही साधारण हैं और पेशे से वो एक्ट्रेस भी नहीं है.

स्नेहा यूपी के हापुड़ में एक मध्यम वर्ग के परिवार से हैं और उन्हें ये फिल्म कैसे मिली ये जानना बहुत ही दिलचस्प है. उनके घर वालों के पास इतने पैसे नहीं है कि वो स्नेहा के कोचिंग की फीस भर सकें. स्नेहा पुलिस में भर्ती होना चाहती हैं और सिलेक्शन के लिए उन्होंने कोचिंग करना शुरु किया. कोचिंग की फीस भरने के लिए स्नेहा के पास रुपये नहीं थे और मजबूरी में उन्हें इस कंपनी से जुड़ना पड़ा. यहां पर काम करते-करते निर्देशक की नजर इनके ऊपर पड़ी.

कैमरा सामने आते ही आ गई थी शर्म

फिल्म में कहानी और कलाकार दोनों ही भारतीय हैं. इस डॉक्यूमेंट्री का निर्देसन रायका जेगताबची ने किया है और इसे भारतीय प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा की सिखिया एंटरटेनमेंट में प्रोड्यूस किया गया है. आजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्नेहा ने बताया था कि डॉक्यूमेंट्री में जिस संस्था के बारे में दिखाया गया है वो असल में उसी में काम करती हैं. जब निर्देशक ने स्नेहा से कहा कि उन्हें इस फिल्म में काम करना होगा तो पहले तो स्नेहा तैयार नहीं हुई फिर जब तैयार हुईं तो उन्हें कई टेक लेने में शर्म आई. फिर बाद में स्नेहा ने सोचा कि अगर जीवन में आगे बढ़ना है तो शर्म नहीं करना चाहिए वरना कुछ नहीं कर पाएंगी. इसके बाद स्नेहा ने ये शॉर्ट फिल्म की और इसमें दिखाई गई कहानी स्नेहा की रियल लाइफ है.

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