अध्यात्म

जानिए कैसे मां काली के क्रोध से हुए थे शिव जी के 52 टुकड़े

मां काली से जुड़ी कई सारी कथाएं हैं और इन्हीं कथा में से एक कथा इनके उत्पन्न होने से और शिव जी के 52 टुकड़े करने से जुड़ी हुई है. कहा जाता है कि एक बार दारुक नाम के असुर ने काफी कठिन तप कर ब्रह्मा को प्रसन्न कर दिया था. ब्रह्मा को प्रसन्न कर इस असुर ने उनसे शाक्तिशाली होने का और किसी के भी हाथों मृत्यु ना होने का वरदान मांगा. इस असुर को ये वरदान देने से ब्रह्मा ने मना कर दिया. ब्रह्मा के वरदान देने से मना करने पर इस असुर ने उनसे कहा कि वो उन्हें ये वरदान दें कि उसकी मृत्यु केवल किसी महिला के हाथ ही हो. ब्रह्मा ने दारुक के मांगे गए इस वरदान को पूरा कर दिया. दरअसल दारुक को ये पता था कि किसी भी महिला में इतनी शक्ति नहीं है कि वो उसका वध कर सके और इसी कारण से इस असुर ने ये वरदान ब्रह्मा से मांग.

हुआ मां काली का जन्म

ब्रह्मा से वरदान पाने के बाद दारुक ने स्वर्गलोक में अपना राज्य बनाने की कोशिश शुरू कर दी और इसने देवताओं को परेशान करना शुरू कर दिया. दारुक से परेशान होकर सारे देवता ब्रह्मा और विष्णु जी के पास उनकी मदद मांगने के लिए गए. देवताओं की बात सुन ये दोनों भगवान स्त्री का रुप लेकर दारुक का वध करने के लिए चले गए. लेकिन दारुक इतना शक्तिशाली था कि उसको किसी स्त्री द्वारा हाराना असंभव था और जब विष्णु और ब्रह्मा जी स्त्री का रुप लेकर इससे लड़ने लगे तो दारुक ने इन्हें हरा दिया. दारुक से हारने के बाद ये भगवान शिव जी से मदद मांगने गए और इन्होंने शिव जी को दारुक को मिले वरदान के बारे में भी बताया. जिसके बाद पार्वती माता ने अपना एक अंश को शिव में प्रविष्ट कर दिया और इस अंश से ही मां काली उत्पन्न हुई. मां काली के उत्पन्न होते ही उन्होंने एक विशाल रूप धारण कर लिया और इस रूप को देखकर हर कोई डर गया.

मिनटों में किया राक्षकों का वध

काली मां ने मात्र कुछ समय में ही दारुक समेत सभी असुर सेना को जलाकर मार दिया. वहीं काली मां के क्रोध को शांत करने के लिए शिवजी ने एक बालक का रूप धारण कर दिया. शिवजी के बालक रूप को देख मां काली ने उन्हें अपने गले से लगा दिया. शिवजी का ये बालक रूप काफी रोने लगा और उसको चुप करवाने के लिए काली मां ने उन्हें अपना दूध पीलाना शुरू कर दिया. काली मां का दूध पीते हुए शिवजी ने उनका गुस्सा भी पीना शुरू कर दिया. काली मां का क्रोध पीने से काली मां बेहोश हो गई और जब काली मां को होश आया तो उन्होंने शिवजी को तांडव करते देखा और वो भी शिवजी के साथ नाचने लगी. वहीं मां का क्रोध पीने के कारण शिवजी के कुछ देर बाद 52 टुकड़े हो गए और ये सभी टुकड़े अलग अलग मुद्रा में नाचने लगे. इनकी मुद्राओं को देख मां काली का क्रोध शांत होने लगा और वो एकदम शांत हो गई.

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