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बिदाई से ठीक पहले टुटी शादी, दूल्हा-दुल्हन के पिता ने एक-दूसरे से हाथ जोड़कर ऐसे मांगी माफी

हमारे समाज में रहने के लिए शादी को बहुत महत्व दिया जाता है लेकिन इसके पीछे की सच्चाई ये होती है कि एक शादी में लड़की के पिता की जिंदगी भर की कमाई खर्च हो जाती है. साथ वो अपने परिवार के सदस्य को भी उन्हें सौंप देते हैं लेकिन बहुत लड़के वालों के मुंह तब भी सीधे नहीं रहते. लड़कियां भी ये समाज में बुराई ना हो इससे डरके ये सब सहती रहती हैं लेकिन अब जमाना बदल गया है और हर किसी को अपने फैसले लेने का पूरा हक है. कुछ ऐसा ही किया ग्वालियर की शिवानी ने, जब दहेज के बोझ को सहती रही लेकिन बिदाई से ठीक पहले टुटी शादी ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि लड़की को दहेज देना हद से ज्यादा बर्दाश्त नहीं हुआ. इसके बाद आगे क्या हुआ आप खुद जान लीजिए.

दहेज के कारण बिदाई से ठीक पहले टुटी शादी

मध्य प्रदेश के दतिया जिले में शनिवार को एक ऐसी घटना हुई जिसने सबको हैरान कर दिया. यहां पर दुल्हन ने बारात लौटा दी और माहौल इतना गरम हुआ कि पुलिस तक को बुलाना पड़ गया. ये घटना जीवाजी क्लब के गेट-1 में हुई जहां पर ज्वेलर्स द्वारिका प्रसाद अग्रवाल की बेटी शिवांगी की शादी फालका बाजार निवासी सुरेश अग्रवाल के बेटे प्रतीक से तय हुई थी. प्रतीक बीकॉम हैं और फालका बाजार में सेनेट्री की दुकान चलाते हैं तो वहीं शिवांगी ग्वालियर में एमबीए करने के बाद जॉब करती हैं. शुक्रवार को बारात आई, शनिवार को सुबह जब बिदाई की बात हो रही थी तब लड़के के पिता सुरेश ने दुल्हन का सामान देखने की बात कही. दुल्हन इसपर भड़क गई और बारात वापस ले जाने की बात करने लगी. लड़की ने बताया, ”वर पक्ष की ओर से रुपयों की मांग हो रही थी, मेरा कोई भाई नहीं है, मेरी मां डायबिटीज की पेशंट हैं और मैं अपने माता-पिता का ख्याल रखना चाहती हूं इसलिए पास में शादी की. इनकी सुनती आई और सहती आई लेकिन जब इन्होंने दहेज के नाम पर हद कर दी तो अब मैं इसे आगे नहीं झेल सकती.”

दुल्हन ने आगे कहा, ”प्रतीक मेरी सैलरी लेने की बात कर रहे हैं और यहां तक शादी के बाद लड़के वालों ने कार की मांग की. फेरों तक तो मैं सहती रही लेकिन ये लोग इतने लालची होंगे ये मैंने सोचा भी नहीं था. मेरा सूटकेस चेक करना चाहते थे इसलिए मैंने ये शादी तोड़ दी.”

दुल्हे के पिता ने दुल्हन वालों को कहा झूठा

जब पुलिस आई और उन्होंने दुल्हन को समझाना चाहा तो दुल्हन ने कहा कि अब भगवान भी आ जाएंगे तो भी वो ससुराल नहीं जाएंगी. इसपर दुल्हा प्रतीक ने कहा, ” हमने कोई दहेज नहीं मांगा, लड़की वाले झूठ बोल रहे हैं. हमने विदाई के समय भी कुछ नहीं मांगा और हम तो उन्हें ज्यादा रुपये दे देंगे. हम दुल्हन को साथ ले जाने के लिए तैयार हैं, वधु पक्ष उसकी विदाई ही नहीं कर रहे तो हम क्या करें.” इसके बाद दुल्हे के पिता ने कहा, ”मैंने कोई दहेज की मांग नहीं की, दुल्हन के सामान की पेटी में रखीं साड़ियां व जेवरात को देखने और गिनने की बात कही थी. जिससे दुल्हन और उसके पिता ने शादी तोड़ने की बात कह दी.

दुल्हन के पिता द्वारिका प्रसाद ने बताया, ”शादी तय होने के बाद से ही लड़के वालों की रोज नई मांग बढ़ने लगी थी. विदाई के समय बेटी के सामान की पेटी को दिखाने पर ही अड़ गए. इस पर बेटी ने कहा कि ये लोग अभी ये हाल कर रहे हैं तो आगे क्या-क्या करते.

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