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पुलवामा : घर में सबसे छोटे थे अश्विनी काछी, दिल पर पत्थर रख पिता ने मां को सुनाई शहादत की खबर

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 42 जवान शहीद हो गए. उन्हीं शहीद जवानों में से एक थे जबलपुर के रहने वाले अश्विनी कुमार काछी. शहीद अश्विनी जिला मुख्यालय से 44 किलोमीटर दूर सिहोरा स्थित खुड़ावल गांव के रहने वाले थे. अश्विनी की पहली पोस्टिंग साल 2017 में श्रीनगर में हुई थी. अश्विनी कुमार सीआरपीएफ की 35वीं बटालियन में तैनात थे. जब से गांव वालों को अश्विनी के शहादत के बारे में पता चला है तबसे गांव में माताम का माहौल है.

परिवार में सबसे छोटे थे अश्विनी

बता दें, 30 साल के अश्विनी अपने पूरे परिवार में सबसे छोटे थे. अश्विनी के पिता का नाम सुकरी काछी है. बेटे की शहादत की खबर मिलते ही पिता का दिल चूर-चूर हो गया लेकिन फिर भी परिवार की खातिर उन्होंने हौसला बनाये रखा. दिल पर पत्थर रख उन्होंने अपनी पत्नी कौशल्या और बेटों को अश्विनी के शहादत की खबर दी. उन्होंने खुद को संभालते हुए परिवार का हौसला बढ़ाया.

बेहद साधारण परिवार से आते थे

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अश्विनी अविवाहित थे और घर पर उनकी शादी की बात चल रही थी. अश्विनी नवरात्रों में आखिरी बार अपने घर आये थे. बता दें, अश्विनी कुमार घर के पहले ऐसे सदस्य थे जिनकी सरकारी नौकरी लगी थी. अश्विनी एक बेहद साधारण परिवार से आते थे. माता-पिता ने मजदूरी करके बच्चों की परवरिश की थी. यहां तक की अश्विनी की मां बीड़ी मजदूर हैं. बेटे के मौत की खबर मिलते ही मां सदमे में चली गयी और पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई.

ऐसे दिया हमले को अंजाम

बता दें, गुरुवार के दिन सीआरपीएफ का काफिला जम्मू से कश्मीर की तरफ रवाना हुआ था. इस काफिले में कुल 78 गाड़ियां थीं. इन गाड़ियों में 2500 से भी अधिक जवान शामिल थे. आतंकियों द्वारा जो बस टारगेट पर ली गयी उसमें लगभग 40 जवान मौजूद थे. जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ने 350 किलो विस्फोटक से लदे वाहन को सीआरपीएफ के काफिले में चल रहे एक बस से भिड़ा दिया. विस्फोटक से लदा वाहन जैसे ही सीआरपीएफ की बस से टकराया वहां एक जोर का धमाका हुआ. धमाका इतना जबरदस्त था कि इसकी गूंज 10 किलोमीटर तक सुनाई दी थी. धमाके के बाद आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर ताबड़तोड़ फायरिंग भी की.

मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला

बता दें, पीएम मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर कैबिनेट कमिटी की अहम बैठक हुई. बैठक के बाद और हमले के तकरीबन 20 घंटे बाद मोदी सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ अहम फैसला लिया है. आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा छीन लिया है. बता दें, भारत ने पाकिस्तान को ये दर्जा साल 1996 में दिया था. इतना ही नहीं, भारत ने इंटरनेशनल कम्युनिटी में पाकिस्तान को अलग-थलग करने का फैसला कर लिया है. जानकारी के अनुसार कैबिनेट कमिटी की अहम बैठक में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री, विदेश मंत्री समेत राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी शामिल हुए थे. MFN के तहत दो देशों को आपस में आयात-निर्यात करने पर विशेष छूट मिलती है. जिस देश को भी ये दर्जा प्राप्त होता है वह सबसे कम आयात शुल्क पर कारोबार करता है.

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