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इस जगह पर उल्टा बहता है पानी और उल्टी चलती हैं गाड़ियां, वैज्ञानिक भी नहीं लगा पाए इसकी असल वजह

न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: आज के समय में विज्ञान ने काफी प्रगति कर ली है, हर क्षेत्र में विज्ञान द्वारा की गई उपलब्धियों से हर कोई वाकिफ है। लेकिन इसके बावजूद भी पूरी दुनिया में कई ऐसे स्थान और रहस्य हैं जिनके बारे में आज भी विज्ञान  किसी तरह का कोई पता नहीं लगा पाया है। प्रकृति द्वारा किए गए उन अदूभुत करिश्मों की पीछे की असल वजह और उनके ऐसा होने का कारण आज तक कोई नहीं जान पाया।

आज हम आपको प्रकृति द्वारा किए गए एक ऐसे ही करिश्मे के बारे में बताएंगे जिसे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। आपने आज तक हमेशा पानी को ऊपर से नीचे की ओर बहते ही देखा होगा। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताएंगे जहां पर पानी उल्टा बहता है। आपको ये बात सुनकर अजीब लग रही होगी, कुछ देर के लिए आपको इस बात पर विश्वास भी नहीं होगा लेकिन ये बात बिल्कुल सच हैं। तो चलिए आपको बताते हैं उस जगह के बारे में।

यहां उल्टा बहता है पानी

छत्तीसगढ़ में जगह है मैनपाट जिसे वहां का शिमला कहा जाता है। बता दें कि मैनपाट को उसकी प्राकृतिक सुंदरता और तिब्बती व जनजातीय संस्कृति के कारण जाना जाता है। मैनपाट में एक स्थान हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हो रहा है और उस जगह का नाम है “उल्टा पानी”। जी हां यही वो जगह है जहां पर पानी उल्टा बहता है।बता दें इस बात की जानकारी कुछ समय पहले ही हुई है। और ऐसा होने की वजह क्या है इस बात का पता लगाने में अभी तक वैज्ञानिक लगे हुए हैं। उल्टापानी नाम की ये जगह अंबिकापुर से 56 किमी दूर बिसरपानी नाम के गांव में है। वहां की क्षेत्रीय भाषा में बिसरपानी का अर्थ होता है पानी का रिसना। बता दें कि यहां पर पानी सड़क के एक किनारे से खेत के एक कोने से रिसता हुआ प्रकृति के सामान्य नियमों के विपरीत घाट की ओर चढ़ता है।पानी की ये उल्टी धारा करीब 2 किमी तक लम्बी बहती है।

वाहन भी चलते हैं उल्टे

बता दें कि सिर्फ पानी ही नहीं बल्कि यहां से निकलने वाली सड़क पर यदि आप अपनी गाड़ी को न्यूट्रल में डाल दें तो वो भी खुद ब खुद घाट की ओर चलने लगती है। बंद गाड़ी को घाट की तरफ खुद-ब-खुद चढ़ता देखना सैलानियों के लिए काफी रोमांचित करने वाला होता है।

अभी तक नहीं हुई प्रिसर्च

हालांकि यहां पर पानी का इस तरह से बहना काफी आश्चर्यचकित करने वाला होता है लेकिन इसके बावजूद भी यहां पर अभी तक कोई रिसर्च टीम नहीं पहुंची है। हालांकि भूगोलविदों का ऐसा अनुमान हैं कि ऐसा होने का कारण गुरुत्वाकर्षण व चुंबकीय हैं लेकिन यह भी एक अनुमान ही है।

बता दें कि के भूगोल के जानकर्ता ने पानी के उल्टा बहने की वजह का मुख्य कारण गुरुत्वाकर्षण को बताया है। उनका मानना है कि पानी के विपरीत दिशा में बहना चुंबकीय भंडार का उस दिशा में होना हो सकता है। क्योंकि मैनपाट ज्वालामुखी पठार है।

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