बॉलीवुड

पैदा होते ही गोविंदा ने इस वजह से झेली थी पिता की नाराजगी, मां ने उठाया था अहम कदम

बॉलीवुड में हर एक्टर की एक अलग ही कहानी है जिसे हर कोई जानना चाहता है और अगर सेलिब्रिटी आपका फेवरेट हो तो उसके बारे में हर छोटी-बड़ी बात जानना फैन का सपना होता है. आज हम आपको बताएंगे कि अभिनेता गोंविदा के साथ भी ऐसा हुआ था कि जिसकी वजह से उन्हें पैदा होने ही परेशानी उठानी पड़ी थी. गोविंदा इंडस्ट्री के ऐसे एक्टर हैं जो डांस में ज्यादा ध्यान देते हुए इंडस्ट्री में आए लेकिन एक दिग्गज अभिनेता की वजह से उन्होंने हर तरह के किरदार करना शुरु कर दिया. गोविंदा एक एक्टर के साथ-साथ बेहतरीन डांसर भी हैं और उनके जैसा डांस इंडस्ट्री में आज भी कोई नहीं कर सकता. मगर पैदा होते ही गोविंदा ने इस वजह से झेली थी पिता की नाराजगी, इसके बाद उनकी मां ने लिया था एक बड़ा फैसला.

पैदा होते ही गोविंदा ने इस वजह से झेली थी पिता की नाराजगी

21 दिसंबर, 1963 को महाराष्ट्र के विरार में जन्मे अभिनेता गोविंदा इस साल अपना 55वां जन्मदिन मना रहे हैं. उनके बारे में हर कोई जानना चाहता है लेकिन ये बात बहुत ही कम लोग जानते हैं कि उनके पिता अरुण आहूजा ने गोविंदा के जन्म के समय उन्हें गोद में लेने से मना कर दिया था. इसके पीछे की वजह ये थी कि उस दौरान उनकी मां साध्वी होने का विचार बना लिया था दरअसल उनके पिता को लगता था कि गोविंदा के जन्म की वजह से ही उनकी पत्नी यानी गोविंदा की मां ने साध्वी होने का फैसला लिया है. बहुत समय बाद जब लोगों ने उस छोटे बच्चे को प्यार करना शुरु किया और लोग कहते थे कि अरूण का बेटा कितना खूबसूरत है तब से उनके पिता ने गोविंदा को प्यार करना शुरु किया. इस बात का जिक्र गोविंदा ने अपने एक इंटरव्यू में किया था. गोविंदा अपनी मां से बहुत प्यार करते थे लेकिन उनकी मां नहीं चाहती थीं कि गोविंदा एक्टर बनें और उनके पिता कहते थे, ”तुम अच्छा लिख सकते हो, अच्छे दिखते हो, एक्टिंग कर सकते हो और तुम्हे फिल्मों में काम करना चाहिए.”

मां को बिना बताए गोविंदा राजश्री प्रोडक्शन के चक्कर लगाते रहते थे शायद काम मिल जाए. मगर कुछ हासिल नहीं हुआ फिर गोविंदा ने अपनी मां को राजी किया और उनकी मां ने इस शर्त पर फिल्मो में काम करने को कहा कि गोविंदा एक्टर बनने के बाद सिगरेट, शराब और कोई गलत चीजें नहीं सीखेंगे.

गोविंदा ने उन्हें वादा किया और रोशन तनेजा के पास एक्टिंग सीखने चले गए. वहां पर सरोज खान ने उन्हें बिना फीस लिए डांस सिखाया, फाइटर मास्टर राम ने उऩ्हें फाइट करना सीखाया वो भी बिना चार्ज लिए. इन सबकी वजह ये थी कि सभी गोविंदा के स्वभाव से बहुत ज्यादा प्रभावित हो गए थे. 21 साल की उम्र में गोविंदा ने हत्या (1988) को अपना डेब्यु किया जो सुपरहिट रही. इसके बाद 50 दिनों में इन्होंने लगभग 49 फिल्मों को साइन किया.

इन फिल्मों ने बनाया कॉमेडी किंग

गोविंदा ने आंखे, हीरो नंबर-1, कूली नंबर-1, राजा बाबू, दुल्हे राजा, हसीना मान जाएगी, स्वर्ग, नसीब, शोला और शबनम, साजन चले ससुराल, जिस देश में गंगा रहता है, आंटी नंबर-1, हद कर दी आपने, जोरू का गुलाम, कुंवारा, पार्टनर और दीवाना मस्ताना जैसी फिल्मों के बाद गोविंदा कॉमेडी किंग बने. वैसे आपको बता दें कि कॉमेडी फिल्मों का आइडिया गोविंदा को दिलीप कुमार ने दिया था. इन फिल्मों के अलावा गोविंदा ने परदेसी बाबू, बनारसी बाबू, मुकाबला, जैसी करनी वैसी भरनी, आंदोलन, खुद्दार और छोटे सरकार जैसी फिल्में भी की हैं.

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