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ब्लैकमनी को व्हाइट करने का खेल! देश में 400 ‘नकली’ राजनैतिक दल, किसी ने नहीं लड़ा कोई भी चुनाव!

नई दिल्ली – भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और यहां विश्व में सबसे ज्यादा राजनैतिक दल हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी के अनुसार, भारत में 1900 राजनैतिक दल हैं, जिनमें से 400 पार्टियों ने कभी चुनाव लड़ा ही नहीं है। खास बात यह है कि इनमें से 400 पार्टियों ने कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा है। जैदी ने संदेह जताया है कि यह पार्टियां काले धन को सफेद करने के उद्देश्य से बनी हैं। Political parties never fought elections.

Political parties never fought elections

काले धन को सफेद करने का हो सकता है गोरखधंधा –

अंग्रेज़ी न्यूज पेपर ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय निर्वाचन आयुक्त नसीम ज़ैदी ने बताया है कि देश में 1900 से ज्यादा रजिस्टर्ड राजनैतिक दल हैं जिनमें से काले धन को छिपाने के लिए 400 पार्टियों ने कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा है। ब्लैकमनी को व्हाइट करने के लिए इस रजिस्ट्रेशन के इस्तेमाल की आशंका को खत्म करने की खातिर चुनाव आयोग ने ऐसी पार्टियों का नाम अपनी सूची से काटने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

केंद्रीय चुनाव आयोग ने राज्यों के मुख्य निर्वाचन आयुक्तों से सभी राजनैतिक पार्टियों की सूची मांगा है, जिन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा है। राज्य आयोगों से इन पार्टियों द्वारा हासिल किए गए चंदे की जानकारी भी मांगी गई है।

 

पार्टियों की अज्ञात आय पर उठे सवाल –

एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक (एडीआर) रिफॉर्म्स के साल 2013-14 के आंकड़ों के अनुसार देश की छह राष्ट्रीय पार्टियों की कुल आय का 69.3 प्रतिशत ‘अज्ञात स्रोत’ से आया था। जिनमें सबसे अधिक पैसा बीजेपी (44%) के पास था। कांग्रेस के पास 39.4%), सीपीआई(एम) के पास 8%, बीएसपी के पास 4.4% और सीपीआई के पास 0.2% फीसदी धन था।

नियमों के अनुसार राजनीतिक पार्टियों को अपने आयकर रिटर्न में 20 हजार रुपये से कम चंदे का स्रोत नहीं बताना होता। साल 2013-14 तक सभी छह राष्ट्रीय पार्टियों की कुल आय में 813.6 करोड़ रुपये अज्ञात लोगों से मिले दान था। पार्टियों का कहना है कि उन्होंने कूपन बेचकर 485.8 करोड़ रुपये जुटाए थे।

राज्य चुनाव आयोगों से मांगी गई लिस्ट –

मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि भविष्य में दोबारा रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया की जाएगी। फिलहाल इस अनियमितता को देखते हुए त्वरित उपाय के तौर पर यह कार्यवाई कि जा रही है। चुनाव आयोग ने राज्य चुनाव आयोगों को कभी चुनाव नहीं लड़ने वाली पार्टियों की लिस्ट भेजने का निर्देश दिया है। जैदी ने यह भी बताया कि इन पार्टियों को मिलने वाले अनुदानों का विवरण भी उपलब्ध करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि आगे से हर वर्ष रजिस्टर्ड पार्टियों की सुचि का विश्लेषण किया जाएगा।

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