राजनीतिविशेष

मुसलमान आरक्षण के सहारे अपनी नैय्या पार लगाने की कोशिश में उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार।

AKhilesh mUlla Mulayam

उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी समाजवादी अखिलेश सरकार ने 2012 के विधान सभा चुनाव में मुसलमानों को उनकी संख्या के हिसाब से आरक्षण देने का चुनावी वादा किया था पर अब तक इस दिशा में  कोई ठोस कदम नही उठाये गये , अभी तक अखिलेश सरकार चुप्पी साधे हुए थी । उत्तर प्रदेश की कुल आबादी में 20 पतिशत हिस्सेदारी मुसलमानो की बनती है लेकिन अब तक समाजवादी सरकार का इस विषय पर गोलमोल  ही घुमा रही थी  कभी कोई ठोस कदम नही ऊठाया  लेकिन अब चुनावी साल में अखिलेश सरकार मुसमानो को सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक स्तर से पिछड़ा मानते हुए , इसमे कुछ मुसलिमों को अति पिछड़ा मानते हुए 13.5 प्रतिशत आरक्षण देने की दिशा में काम कर रही है ।

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने ये साफ लब्जों में कह दिया है  की आरक्षण कुल 50 प्रतिशत से अधिक नही बढ़ाया जा सकता है । यदि अखिलेश सरकार ऐसा नही करती है तो इस चुनाव में उसे गंभीर परिणाम भुगतने का भय सता रहा है । इस कारण समाजवादी सरकार ने केन्द्र सरकार को संविधान संसोधन का प्रस्ताव भेजा है । सूत्रों का कहना है राज्य सरकार की तरफ से हो रही तैयारी में न्यायमूर्ती रंगनाथ मिश्र व न्यायमुर्ती राजेन्द्र सच्चर की कमेटी रिपोर्ट को आधार बनाया है । इस कमेटी ने अपनी कमेटी रिपोर्ट में कहा कि मुसलमानों की हालत दलितों से भी बदतर है ।

सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव की मौजूदगी में ये कहा है की मुसलमानों के साथ अन्याय हुआ है ,वो समाज की मुख्य धारा से बहुत पिछड़ गये हैं । सामाजिक ” आर्थिक ” शैक्षिक रूप से इनको अधिकार दिलाने की जरूरत है । सरकार को इस विषय पर गम्भीरता से कदम उठाने की जरुरत है । मुसलमानों का समाजवादी पार्टी पर सबसे जादा भरोसा है  और ये भरोसा टूटना नही चाहिए ।

सूत्रों के हवाले से – मुलायम के इस बयान पर तुरन्त ऐक्शन लेते हुए संविधान संसोधन का प्रस्ताव तैयार कर के अधिकारियों को सख्त हिदायद दी गई है  की इस दिशा में जल्द से जल्द कार्य पूरा करें । सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि मुसलमान आरक्षण हमारे घोषणा पत्र का हिस्सा है और इसे हम जल्द से जल्द पूरा करने के हर सम्भव प्रयास करेंगे ।

पहले भी कोर्ट लगा चुका है रोक – इससे पहले भी आंध्र पदेश में ये कोशिश की गई थी और लोक सभा चुनाव से पहले मनमोहन सरकार ने भी मुसलमान आरक्षण कार्ड खेलने की कोशिश की थी लेकिन कोर्ट ने इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए असंवैधानिक करार दिया था ।

 

Back to top button