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चुनावी माहौल में राम मंदिर पर राजनीति गरमाई, उद्धव ठाकरे 25 को करेंगे अयोध्या में रैली

लोकसभा और आगामी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राम मंदिर और अयोध्या का मुद्दा गरमाने लगा है। अयोध्या का राम मंदिर विवाद एक बार फिर से चर्चा में है। इसे लेकर सत्ता के  गलियारों में हलचल तेज हो गई है। अगले महीने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं तो करीब 5 से 6 महीने बाद लोकसभा का चुनाव है। इसी को ध्यान में रखते हुए एक बार फिर से अयोध्या विवाद गरम हो गया है। एक ओर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कह रहे हैं कि सरकार राम मंदिर निर्माण को लेकर कानून के जरिए मंदिर निर्माण के मार्ग  को प्रशस्त करे। तो वहीं दूसरी ओर भाजपा के ही सहयोगी पार्टी शिवसेना ने ये पूछ लिया कि राम मंदिर कहीं जुमला तो नहीं है। इसके अलावा स्वामी परमहंस भी राम मंदिर के  मुद्दे पर अनशन पर बैठे हुए हैं।

मोहन भागवत का बयान-

कल आरएसएस के दशहरा रैली में मोहन भागवत ने कहा था  कि सरकार को राम  मंदिर बनाने का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि कानून से बनता है तो कानून से बनाया जाना चाहिए। मोहन भागवत ने कहा था कि राम मंदिर स्वगौरव की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। मंदिर के बनने से एकात्मता और सद्भावना का वातावरण बनेगा।

उद्धव ठाकरे 25 अक्टूबर को करेंगे अयोध्या का दौरा-

शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे 25 अक्टूबर को अयोध्या का दौरा करेंगे। उद्धव ठाकरे ने मुंबई में भी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी लोगों के साथ राम मंदिर के मुद्दे पर छल न करे। उन्होंने कहा कि वो खुद अयोध्या जाकर वहां से पीएम मोदी से कहेंगे कि वो लोगों  के आस्था के साथ छल न करे। वह वहां जाकर प्रधानमंत्री से पूछेंगे कि अब तक राम  मंदिर का निर्माण क्यों नहीं  हुआ। उद्धव ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर राम मंदिर पर बात नहीं  की  गई तो अच्छे दिन की तरह इसे भी जुमला कहना पड़ सकता है।

प्रवीण तोगड़िया भी दे चुके हैं बयान-

तोगड़िया ने कहा है कि भाजपा की केंद्र सरकार ने पिछले चार वर्षों में ऐसा कानून पास क्यों  नहीं किया। उन्होंने बीजेपी और आरएसएस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि ये मुद्दा अब इसलिए  उठाया जा रहा क्योंकि 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव करीब हैं और 2019 का लोकसभा चुनाव भी। बीजेपी की सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है जबकि राम मंदिर का मुद्दा सिर्फ चुनाव पास है इसलिए उठाया जा रहा है।

राम जन्मभूमि न्यास के मुखिया-

महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर अवश्य बनेगा। केंद्र और राज्य सरकारों के पास ये एक बहुत ही अच्छा मौका है।

उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा का बयान-

यूपी के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा था कि किसी को भी राम मंदिर बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी समय आएगा तो भगवान राम खुद अपने मंदिर का निर्माण कर लेगें।

इसका मतलब ये बात तो तय है कि चुनाव करीब आते ही अयोध्या और राम मंदिर चर्चा में रहेंगे। देखने वाली बात होगी कि केंद्र और राज्य की सरकारें इस बड़े मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं।

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