अध्यात्म

नवरात्रि के आखिरी दिन करें मां सिद्धिदात्री की पूजा, इस तरह पूजा करने से मिलेंगे वरदान

अब नवरात्रि अपने अंतिम चरण में है. हर ओर लोग माता की भक्ति में रंग गए हैं और गरबा-डांडिया का डांस कर रहे हैं. हर कोई माता को खुश करने में लगा है और अब नवरात्रि के 9वें दिन सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना करके लोग देवी मां को प्रसन्न करना चाहते हैं. मां सिद्धिदात्री हर तरह की सिद्धियां देने वाली हैं और नवरात्रि पूजन के नौवें दिन इन्ही की उपासना की जाती है. अगर शास्त्रों के अनुसार इस दिन की पूजा पूरे विधि-विधान और निष्ठा के साथ की जाए तो भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकेंगी. इस दुनिया में जितने भी असंभव काम हैं वो सभी उनके लिए संभव हो जाते हैं. देवी सिद्धिदात्री का वाहन सिंह है और वह कमल पुष्प पर भी आसीन रहती हैं. इस दिन की पूजा अगर आप पूरी विधि से करते हैं मां देवी आपकी हर इच्छा जरूर पूरी करती हैं. नवरात्रि के आखिरी दिन करें मां सिद्धिदात्री की पूजा, इससे आपके हर बिगड़ते काम बनने लगेंगे.

नवरात्रि के आखिरी दिन करें मां सिद्धिदात्री की पूजा

मां सिद्धिदात्री की पूजा
मां सिद्धिदात्री की पूजा

भगवान शिव ने भी सिद्धिदात्री देवी की कृपा से बहुत सी सिद्धियां प्राप्त की थी और इन्ही की कृपा से शिव जी का आधा शरीर देवी का हो गया था, इसी कारण शिव अर्धनारीश्वर नाम से भी प्रसिद्ध हुए. मां के चरणों में शरणागत होकर हमें हमेशा निस्वार्थ उनकी सेवा करनी चाहिए बिना ये सोचे कि हमें इसका फल मिलेगा या नहीं. देवी पुराण में ऐसा लिखा है भगवान शंकर ने भी इन्ही की कृपा से सिद्धियों को प्राप्त किया था और केवल मानव ही नहीं बल्कि गंधर्व, यक्ष, देवता और असुर सभी इनकी आराधना करते हैं. संसार में सभी चीजों को सहज और सुलभता से प्राप्त करने के लिए नवरात्रि के 9वें दिन इनकी पूजा की जाती है, इन्हें इनका रूप मां सरस्वती का भी स्वरूप माना जाता है.

नवरात्रि के नौवे दिन कमल के पुष्प पर बैठी हुई देवी सिद्धिदात्री का ध्यान करना चाहिए और कई प्रकार के सुंगधित फूल उनको अर्पित करने चाहिए. इसके साथ ही देवी को शहद अर्पित करने के साथ-साथ ”ॐ सिद्धिदात्री देव्यै नमः” का जाप करना चाहिए.

इस तरह करें मां सिद्धिदात्री की पूजा

मां सिद्धिदात्री की पूजा
मां सिद्धिदात्री की पूजा

मां के सामने घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं. मां को नौ कमल के या लाल फूल अर्पित करें. फिर मां को नौ तरह के भोजन भोग लगाएं. फिर अर्पित किए हुए फूल को लाल वस्त्र में लपेट कर रखें. दुर्गा पूजा में हवन को जरूर शामिल करें और इस दिन तो अवश्य ही हवन करें और इसका धुंआ पूरे घर में फैलाए जिससे आपके घर की निगेटिविटी दूर जाए और आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा फैल जाए. हवन करते समय सभी देवी देवताओं के नाम से आहुति देना शुरु करें फिर मां सिद्धिदात्री का ध्यान करते हुए नौ देवी के नामों की आहूति देनी चाहिए.  देवी के बीज मंत्र ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे मंत्र के कम से कम 108 बार जाप कर आहुति देनी चाहिए. भगवान शंकर और ब्रह्मा जी की पूजा के बाद अंत में उनके नाम पर आहुति देकर उनकी भी आरती करनी चाहिए. फिर भोग में जो प्रसाद चढ़ाया है वो निर्धनों को बांटे और फिर उसके बाद खुद प्रसाद ग्रहण करें.

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