Spiritual

शिव तांडव स्त्रोत के लाभ (Shiv Tandav Stotra) और शिव तांडव श्लोक

शिव तांडव स्त्रोत के लाभ (Shiv Tandav Stotra) : हिंदू धर्म में भगवान शिव को उनकी महिमा और क्रोध के लिए जाना जाता है. दुष्ट राक्षस रावण ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव तांडव स्त्रोत की रचना की थी. आज हम आपको इस शिव तांडव स्त्रोत के लाभ और श्लोक के शाब्दिक अर्थ बताने जा रहे हैं. मगर इससे पहले हम आपको बता दें कि शिव तांडव में तांडव शब्द ‘तंदुल’ से बना है जिसका अर्थ उछलना होता है. तांडव एक तरह का नृत्य है जिसे बेहद उर्जा और शक्ति के साथ किया जाता है. जोश के साथ उछलने से मन-मस्तिष्क को शक्तिशाली किया जाता है. तांडव का नृत्य केवल पुरुषों को करने की ही अनुमति दी गयी है महिलाओं को इस नृत्य पर नाचने पर सदियों से रोक लगाई गई है.

शिव तांडव स्त्रोत के लाभ- क्या है ‘शिव तांडव स्त्रोत’? (Shiv Tandav Stotra)

शिव तांडव स्त्रोत

रावण को भगवान शिव का सबसे बड़ा और प्रिय भक्त माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि रावण के पास भगवान शिव का एक ख़ास शिवलिंग था जिसकी पूजा करने से उसे भगवान की कृपा प्राप्त होती थी. जिस रावण को हम लंकापति रावण के नाम से जानते हैं, वह लंका हकीक़त में उसके भाई कुबेर की थी जिसे छीन कर वह लंका का राजा खुद बन गया था. लंकापति बनने के बाद रावण का घमंड और भी अधिक बढ़ चुका था. ऐसे में एक दिन रावण स्वर्ण नगरी जा रहा था तभी रास्ते में उसे कैलाश पर्वत दिखाई दिया. मगर लाख कोशिशों के बाद भी रावण का विमान उस कैलाश पर्वत पर नहीं चढ़ पाया. तभी वहां रावण को शिव का वाहन नंदी बैल दिखा. रावण ने जब कैलाश पर्वत पर ना चढ़ पाने का कारन पुछा तो नंदी ने बताया कि यह पर्वत शिव-पार्वती का निवास स्थल है ऐसे में कोई भी अजनबी इस पर नही चढ़ सकता. घमंड में चूर रावण ने इस बात को अपना अपमान समझा और गुस्से में अपने सभी हाथों से पर्वत को उखाड़ने की कोशिश की. जिससे वह पर्वत बुरी तरह से हिलने लगा.

पर्वत की ऐसी स्तिथि देख कर पार्वती घबरा गई और उन्होंने शिव से शिकायत की. शिव ने रावण का हाथ पर्वत के नीचे दबा दिया जिसके बाद यातना से वह कराह उठा और माफ़ी मांगने लगा. तभी रावण के एक मंत्री ने उसे शिव की स्तुति करने के लिए कहा. रावण ने अपना एक सिर काट कर उसकी एक वीणा बनाई और श्लोकों का पाठ करना शुरू किया. इन श्लोकों को वह 1000 वर्षों तक स्मरण करता रहा. तब जा कर भगवान शिव उसकी भक्ति से प्रस्सन हुए और उसे यातना से मुक्ति दी.

शिव तांडव स्त्रोत के लाभ (Shiv Tandav Stotra)

शिव तांडव स्त्रोत के लाभ

  • शिव तांडव स्त्रोत का पाठ करने से मन मस्तिष्क शांत रहता है और जीवन में आने वाली बाधायों से मुक्ति मिलती है. जिस प्रकार शिव ने रावण के तांडव मंत्रो को सुन कर उसे माफ़ किया था और उसे कष्ट से मुक्त किया था, इसी प्रकार आप भी सभी कष्टों से मुक्ति पा सकोगे.
  • शिव तांडव स्त्रोत के नियमित रूप से जाप करने से आपको स्वस्थ्य संबंधित रोगों से जल्द छुटकारा मिलता है.
  • शिव तांडव स्त्रोत के जाप से आप ना केवल धनवान बल्कि गुणवान भी बन सकते हो. इससे आपको शिव की विशेष कृपा होगी और जीवन में शांति का अनुभव होगा.
  • यदि आपसे रावण की तरह अनजाने में कोई गलती हो जाती है तो शिव तांडव स्त्रोत (Shiv Tandav Stotra) का पाठ करने से आपकी गलतियों की क्षमा आपको जल्द मिल जाएगी.
  • शनि को काल माना जाता है परंतु भगवान शिव स्वयं महाकाल हैं, अत: शनि से पीड़ित व्यक्ति को इसके पाठ से बहुत लाभ प्राप्त है।.इसके इलावा जिन लोगों की जन्म-कुण्डली में सर्प योग, कालसर्प योग या पितृ दोष होता है, उन लोगों के लिए भी शिवतांडव स्तोत्र (Shiv Tandav Stotra) का पाठ करना काफी उपयोगी होता है. इस पाठ से उनके सभी कुंडली दोष ख़तम हो जाएंगे.

शिव तांडव स्त्रोत के लाभ- शिव तांडव श्लोक

जटाटवीगलज्जल प्रवाहपावितस्थले
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम्‌।
डमड्डमड्डमड्डमनिनादवड्डमर्वयं
चकार चंडतांडवं तनोतु नः शिवः शिवम ॥1॥

जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिंपनिर्झरी ।
विलोलवी चिवल्लरी विराजमानमूर्धनि ।
धगद्धगद्ध गज्ज्वलल्ललाट पट्टपावके
किशोरचंद्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं ममं ॥2॥

धरा धरेंद्र नंदिनी विलास बंधुवंधुर-
स्फुरदृगंत संतति प्रमोद मानमानसे ।
कृपाकटा क्षधारणी निरुद्धदुर्धरापदि
कवचिद्विगम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥3॥

जटा भुजं गपिंगल स्फुरत्फणामणिप्रभा-
कदंबकुंकुम द्रवप्रलिप्त दिग्वधूमुखे ।
मदांध सिंधु रस्फुरत्वगुत्तरीयमेदुरे
मनो विनोदद्भुतं बिंभर्तु भूतभर्तरि ॥4॥

सहस्र लोचन प्रभृत्य शेषलेखशेखर-
प्रसून धूलिधोरणी विधूसरांघ्रिपीठभूः ।
भुजंगराज मालया निबद्धजाटजूटकः
श्रिये चिराय जायतां चकोर बंधुशेखरः ॥5॥

ललाट चत्वरज्वलद्धनंजयस्फुरिगभा-
निपीतपंचसायकं निमन्निलिंपनायम्‌ ।
सुधा मयुख लेखया विराजमानशेखरं
महा कपालि संपदे शिरोजयालमस्तू नः ॥6॥

कराल भाल पट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वल-
द्धनंजया धरीकृतप्रचंडपंचसायके ।
धराधरेंद्र नंदिनी कुचाग्रचित्रपत्रक-
प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने मतिर्मम ॥7॥

नवीन मेघ मंडली निरुद्धदुर्धरस्फुर-
त्कुहु निशीथिनीतमः प्रबंधबंधुकंधरः ।
निलिम्पनिर्झरि धरस्तनोतु कृत्ति सिंधुरः
कलानिधानबंधुरः श्रियं जगंद्धुरंधरः ॥8॥

प्रफुल्ल नील पंकज प्रपंचकालिमच्छटा-
विडंबि कंठकंध रारुचि प्रबंधकंधरम्‌
स्मरच्छिदं पुरच्छिंद भवच्छिदं मखच्छिदं
गजच्छिदांधकच्छिदं तमंतकच्छिदं भजे ॥9॥

अगर्वसर्वमंगला कलाकदम्बमंजरी-
रसप्रवाह माधुरी विजृंभणा मधुव्रतम्‌ ।
स्मरांतकं पुरातकं भावंतकं मखांतकं
गजांतकांधकांतकं तमंतकांतकं भजे ॥10॥

जयत्वदभ्रविभ्रम भ्रमद्भुजंगमस्फुर-
द्धगद्धगद्वि निर्गमत्कराल भाल हव्यवाट्-
धिमिद्धिमिद्धिमि नन्मृदंगतुंगमंगल-
ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्ड ताण्डवः शिवः ॥11॥

दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजंग मौक्तिकमस्रजो-
र्गरिष्ठरत्नलोष्टयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः ।
तृणारविंदचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः
समं प्रवर्तयन्मनः कदा सदाशिवं भजे ॥12॥

कदा निलिंपनिर्झरी निकुजकोटरे वसन्‌
विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरःस्थमंजलिं वहन्‌।
विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकः
शिवेति मंत्रमुच्चरन्‌कदा सुखी भवाम्यहम्‌॥13॥

निलिम्प नाथनागरी कदम्ब मौलमल्लिका-
निगुम्फनिर्भक्षरन्म धूष्णिकामनोहरः ।
तनोतु नो मनोमुदं विनोदिनींमहनिशं
परिश्रय परं पदं तदंगजत्विषां चयः ॥14॥

प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणी
महाष्टसिद्धिकामिनी जनावहूत जल्पना ।
विमुक्त वाम लोचनो विवाहकालिकध्वनिः
शिवेति मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम्‌ ॥15॥

इमं हि नित्यमेव मुक्तमुक्तमोत्तम स्तवं
पठन्स्मरन्‌ ब्रुवन्नरो विशुद्धमेति संततम्‌।
हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नांयथा गतिं
विमोहनं हि देहना तु शंकरस्य चिंतनम ॥16॥

पूजाऽवसानसमये दशवक्रत्रगीतं
यः शम्भूपूजनमिदं पठति प्रदोषे ।
तस्य स्थिरां रथगजेंद्रतुरंगयुक्तां
लक्ष्मी सदैव सुमुखीं प्रददाति शम्भुः ॥17॥

Back to top button
Slot Online https://kemenpppa.com/ data macau slot gacor pengeluaran macau slot pulsa 5000 slot gacor slot gopay slot777 amavi5d sesetoto mixparlay sontogel slot gacor malam ini Situs Toto togel macau pengeluaran sdy Situs Toto Situs Toto titi4d Situs Slot Toto Slot https://www.dgsmartmom.com/ slot mahjong Situs Toto titi4d Situs Slot Situs Toto titi4d kientoto https://wonderfulgraffiti.com/ Toto Slot Slot Togel slot online sesetoto licin4d karatetoto karatetoto Winsortoto ilmutoto https://pleasureamsterdamescort.com/ slot gacor terbaru slot gacor PITUNGTOTO slot thailand slot gacor situs togel slot 4d ayamtoto kientoto dvtoto pucuk4d slot gacor japan168 slot gacor slot gacor batak5d batak5d batak5d slot gacor kari4d mekar99 sulebet mekar99 https://iwcc-ciwc.org/ slot gacor sulebet Slot demo licin4d agen bola terpercaya vegas969 4d pascol4d slot gacor slot88 slot gacor slot thailand slot gacor ayamtoto venom55 angker4d mayorqq kiostoto taruhanbola taruhanbola naruto88 leon188 login situs togel terpercaya kientoto venom55 paten188 slot gacor situs togel Wikatogel pascol4d kapakbet sulebet babeh188 naruto88 4d babeh188 slot deposit dana slot gacor slot 4d https://www.raars.zaragoza.unam.mx/fruit-boom/ leon188 naruto 88 naruto 88 Wikatogel slot toto slot https://fh.unvicsorong.ac.id/ https://mobse.forte-data.com/topics situs toto toto macau toto slot toto slot situs toto toto togel https://id.desapujonkidul.net/ toto togel online toto togel toto togel toto togel toto slot slot gacor situs toto toto slot https://www.crossover.org.au/ titi4d karatetoto mmatoto https://opole.pttk.pl/ situs toto toto slot toto slot mahongtoto toto slot toto slot situs toto situs toto toto slot toto togel toto togel situs toto toto slot toto slot situs toto toto slot toto togel toto slot situs toto toto slot toto togel toto togel toto togel