राजनीति

अनिल विज ने कहा आरएसएस है देशभक्ति का मंदिर, इस मंदिर से लगता है विरोधी नेताओं को डर

हरियाणा के कैबिनेट मंत्री और भाजपा के नेता अनिल विज ने कांग्रेस सहित सभी विरोधी पार्टियों के नेताओं पर निशाना साधा है। उन्होंने कांग्रेस और कुछ अन्य दलों के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि आरएसएस देशभक्ति का मंदिर है और मंदिर में भूत-पिशाच नहीं आते हैं। उनको मंदिर में आने से डर लगता है। इसी वजह से कुछ लोग आरएसएस के मंथन शिविर में जानें का विरोध करते रहे हैं। बता दें अनिल विज ने अपना यह बयान संघ शिविर में शामिल नहीं होने वाले नताओं पर निशाना साधते हुए दिया है।

राष्ट्रहित संघ की प्राथमिकता में आता है पहले नम्बर पर:

आपकी जानकारी के लिए बता दें अनिल विज ऐसे नेता हैं जो अपने बयानों की वजह से आए दिन चर्चा में बने रहते हैं। कभी-कभी वह कुछ ऐसा बायन दे देते हैं, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच जाती है। इससे पहले भी अनिल विज ने आरएसएस को लेकर एक बहुत बड़ा बयान दिया था। अनिल विज ने कहा कि आरएसएस एक राष्ट्रवादी संगठन है। राष्ट्रहित संघ की प्राथमिकता में सबसे पहले नम्बर पर आता है। संघ इससे किसी भी क़ीमत पर समझौता नहीं कर सकता है।

अनिल विज ने आगे कहा कि यही वजह है कि इस संगठन से देश के सभी लोगों को जुड़ना चाहिए। विज ने यह भी कहा था कि संघ से जुड़ने पर देश की कई समस्याओं का समाधान अपने आप ही हो जाएगा। आपको बता दें हमेशा से ही संघ देश की बेहतरी के लिए अपने स्तर पर काम करती रही है। वहीं कांग्रेस और अन्य विरोधी दल संघ के ऊपर यह आरोप लगाते रहे हैं कि वह लोगों के अंदर हिंदुत्व का ज़हर भरने का काम करती है। हालाँकि हर बार संघ ने इस तरह के आरोपों का खंडन किया है।

59 हज़ार शाखाएँ काम कर रही हैं संघ की:

आपकी जानकारी के लिए बता दें संघ की स्थापना 27 सितम्बर 1925 को डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने नागपुर में की थी। आरएसएस को भारत का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन माना जाता है। शहरों और गाँवों को मिलाकर लगभग 83 हज़ार जगहों पर संघ की शाखा है। जहाँ पर संघ मंडली और साप्ताहिक मिलन का कार्यक्रम होता है। इस समय संघ की लगभग 59 हज़ार शाखाएँ काम कर रही हैं। इनके अलावा 24500 साप्ताहिक मिलन और संघ मंडली भी देशभर में सक्रिय है। आपको जानकर हैरानी होगी की एक अनुमान के अनुसार देशभर में एक करोड़ से ज़्यादा प्रशिक्षित स्वयंसेवक हैं।

संघ के स्वयंसेवक संघ के अनुशासन और नियमों के दायरे में रहते हुए सामाजिक और सांस्कृतिक स्तर पर सक्रिय हैं। इसके ववजूद संघ के कई विचारों से विरोधी दल और उनके नेता कभी सहमत नहीं होते हैं। यही वजह है कि हर बार संघ के कार्यक्रमों को लेकर कोई ना कोई विवाद होता रहता है। विरोधी दल के नेता पार्टी लाइन के अनुसार समय-समय पर संघ का समर्थन या विरोध करते रहते हैं। अपने हालिया विदेश दौरे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी संघ पर जमकर निशाना साधा था। इसके जवाब में संघ ने भी राहुल गांधी की जमकर निंदा की थी। राहुल गांधी के ऊपर आरोप लगाया था कि वो विदेश में भारत की छवि को ख़राब करने की कोशिश कर रहे हैं।

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