विशेष

अजन्ता एलोरा गुफा के इस रहस्य से 99% लोग है अनजान, अभी जानें

अजन्ता एलोरा गुफा: अजन्ता एलोरा गुफा देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्वभर में प्रसिद्ध हैं. सालों से ये गुफाएं पर्यटकों के आकर्षण केंद्र बनी हुई हैं. हर साल लाखों लोग इन्हें देखने पहुँचते हैं. इन गुफाओं में तरह-तरह की सुंदर चित्रकारी एवं मूर्तियां बनी हुई है जो कि कला प्रेमियों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है. हरीतिमा की चादर ओढ़े यहां की चट्टानें अपने अंदर कई तरह के इतिहास दबाए बैठी हुई है जो इस धरोहर की गौरवगाथा को बखूबी बयां करती हैं.

अजंता एलोरा की गुफाएं महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के नजदीक स्थित हैं. अजन्ता एलोरा गुफाएं कई बड़ी बड़ी चट्टानों को तोड़ कर बनाई गई है. यहां कुल 65 गुफाएं हैं जिनमें से 29 गुफाएं अजंता में मौजूद है और बाकी की 34 गुफाएं एलोरा में है. इन गुफाओं को वर्ल्ड हेरिटेज के रूप में संरक्षित किया जा रहा है ताकि आने वाली कई पीढ़ियां भी इस कला को देख पाएं.

आर्कियोलॉजिस्ट की एक रिसर्च के अनुसार इन गुफाओं को लगभग 4000 साल पहले बनाया गया था. इन गुफाओं को बनाने के लिए उस वक्त कौन सी तकनीक का इस्तेमाल किया गया था, यह आज भी एक रहस्य बना हुआ है. गौरतलब है कि अजंता एलोरा की गुफाएं लगभग 40 लाख टन की चट्टानों से मिलकर बनाई गई है. कुछ लोगों के अनुसार इन गुफाओं के नीचे एक शहर भी बसा हुआ है जो किसी को नजर नहीं आता लेकिन अगर कोई यहां पहुंच जाता है तो उसे दूसरी दुनिया का अनुभव शुरू हो जाता है.

अजंता एलोरा की गुफाएं

अजंता एलोरा की गुफाएं औरंगाबाद शहर के नजदीक स्थित हैं. दरअसल औरंगाबाद से 101 किलोमीटर दूर उत्तर की और अजंता की गुफाएं मौजूद हैं जबकि यहाँ से 30 किलोमीटर दूर एलोरा की गुफाएं हैं. अजंता की इन गुफाओं में लगभग 5 प्रार्थना भवन और 25 बौद्ध मठ है. इनकी खोज आर्मी ऑफिसर जॉन स्मिथ ने अपने साथियों के साथ मिलकर 1819 ने की थी. बताया जाता है कि उस समय जॉन स्मिथ शिकार करने के लिए पहुंचे थे और यही उन्हें 29 गुफाओं की एक श्रंखला नजर आई.

अजंता एलोरा गुफा में 200 ईसा पूर्व से 650 ईसा पूर्व तक बौद्ध धर्म का चित्रण किया गया है और यहां मौजूद कई तरह की मूर्तियां लोगों की कलाकृति के नमूनों को दर्शाती हैं. वही बात अगर एलोरा की गुफाओं की करें तो एलोरा की 34 गुफाएं बेसालटिक पहाड़ी के किनारे बनी हुई है. इन सभी गुफाओं में हिंदू धर्म जैन धर्म और बौद्ध धर्म, तीनों का प्रभाव देखने को मिलता है. इन गुफाओं में 350 ईसा पूर्व से लेकर 700 ईसा पूर्व तक की कलाकृति मौजूद है. यदि आप दुनिया घूमने के शौकीन हैं या फिर आप कला के प्रेमी हैं तो अजंता एलोरा की गुफाएं आपके लिए सबसे उत्तम पर्यटन स्थल साबित हो सकती हैं.

अजंता की गुफा कहां है?

अब आपके मन में एक सवाल घूम रहा होगा कि आखिर अजंता की गुफा कहां हैं? तो दोस्तों आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि औरंगाबाद से अजंता की गुफाओं की दूरी केवल 101 किलोमीटर है. यदि आप मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, नासिक, इंदौर ,धुले, जलगांव, शिर्डी आदि शहरों से ताल्लुक रखते हैं तो यहां से आपको औरंगाबाद के लिए आसानी से बस सुविधा मिल सकती है.

अगर आप अजंता एलोरा गुफाओं में घूमना चाहते हैं तो सोमवार का दिन छोड़कर बाकी हफ्ते के सभी अन्य दिन आप यहाँ पहुंच सकते हैं. इसके लिए आपको औरंगाबाद रेलवे स्टेशन से दिल्ली या मुंबई की ट्रेन सुविधा भी आसानी से मिल सकती है. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कुछ लोगों के अनुसार इन गुफाओं को बनाने में एलियंस की मदद ली गई थी. ऐसा माना जाता है कि यह गुफाएं बनाना इंसान के बस की बात नहीं थी इसलिए एलियंस पृथ्वी पर आकर इनकी सिर्जना करके गए थे.

Back to top button