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चाणक्य नीति: जीवन में तरक़्क़ी करने के लिए होना चाहिए 5 बातों का ज्ञान, बन सकता है बड़ा आदमी

आज के इस आर्थिक युग में धन-दौलत की क्या महत्ता है, इसके बारे एम किसी को बताने की ज़रूरत नहीं है। धन-दौलत आज के समय में लोगों की मूलभूत ज़रूरतों में से एक बन गयी है। जीवन जीने के लिए इंसान की मूलभूत ज़रूरतें रोटी, कपड़ा और मकान होती है। लेकिन आज के समय में यह सब बिना पैसे के सम्भव नहीं है। इसलिए रुपया-पैसा सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण हैं। हर कोई यही चाहता है कि वह बहुत धनवान हो। उसे जीवन में किसी चीज़ की कमी ना हो।

निर्धन बने रहने के लिए कई चीज़ें होती हैं ज़िम्मेदार:

लोग अपनी इसी चाहत को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं ताकि एक दिन उनके पास बहुत सारा पैसा हो। लेकिन सबसे साथ ऐसा नहीं होता है। कई लोग कम मेहनत करके ही बहुत ज़्यादा धनवान बन जाते हैं, वहीं कई लोग बहुत ज़्यादा मेहनत करने के बाद भी जीवनभर आर्थिक तंगी का सामना करते हैं। लोगों को समझ में नहीं आता है कि उनसे आख़िर क्या ग़लती हुई है, जिसकी वजह से वह धनवान नहीं बन पाए। आपको बता दें किसी भी व्यक्ति के निर्धन बने रहने के लिए कोई एक चीज़ नहीं बल्कि कई चीज़ें ज़िम्मेदार होती हैं।

जीवन में तरक़्क़ी करने के लिए होना चाहिए 5 बातों का ज्ञान:

इसके बारे में बताने से पहले आज हम आपको विश्व के पहले अर्थशास्त्री आचार्य चाणक्य के बारे में बताएँगे। आचार्य चाणक्य के बारे में वैसे तो सभी लोग जानते हैं कि वह एक महान अर्थशास्त्री, नीतिशास्त्री और राजनीतिज्ञ विशेषज्ञ थे। इन्होंने सफल और सुखी जीवन के बारे में कई बातें बताई हैं। चाणक्य के अनुसार जो लोग सुखी जीवन जी रहे हैं और दिनों-दिन तरक़्क़ी करते हैं, उनके माँ में किस तरह की बातें चलती हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार हर व्यक्ति को जीवन में तरक़्क़ी करने के लिए 5 बातों का ज्ञान होना बहुत ही ज़रूरी होता है।

आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति दर्पण के चौथे अध्याय के अट्ठारहवें श्लोक में सफलता का सूत्र बताते हुए कहा है-

श्लोक:

कः कालः कानि मित्राणि को देशः को व्ययागमोः।
कस्याहं का च मे शक्तिरिति चिन्त्यं मुहुर्मुहुः॥

अर्थ:

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि नौकरी, व्यापार, परिवार और सेहत के साथ किसी भी मामले में हर इंसान को यह सोचते रहना चाहिए कि अभी कैसा समय चल रहा है। इस बात का ध्यान हर व्यक्ति को रखना चाहिए। इसके बाद व्यक्ति को यह भी सोचना चाहिए कि उसके मित्र और उसका साथ देने वाले लोग कौन लोग हैं। इसके बाद आचार्य चाणक्य ने तीसरा सूत्र बताया है कि हर इंसान को अपने स्थान के बारे में भी हर समय सोचना चाहिए की वह किस जगह पर रह रहा है। वह कहाँ काम कर रहा है या कहाँ खड़ा है।

आचार्य चाणक्य ने चौथी बात बताई है कि हर व्यक्ति को यह ध्यान रखना चाहिए कि उसकी आमदनी कितनी है और उसका ख़र्च कितना है। अगर आमदनी के अनुसार ख़र्च होता है तो व्यक्ति पैसे बचा पाता है और कुछ समय बाद वह धनवान हो जाता है। वहीं चाणक्य ने आख़िरी सूत्र में बताया है कि सफल होने के लिए व्यक्ति को हर समय यह सोचते रहना चाहिए कि में किसकी शक्ति हूँ और मेरी ताक़त क्या है। इसके साथ ही इंसान को हर समय अपनी कमज़ोरी के बारे में भी ध्यान रखना चाहिए।

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