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माओवादियों के बहाने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर बरसे उद्धव ठाकरे

नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर ना केवल विपक्ष बल्कि एनडीए के समर्थन वाली पार्टियाँ भी पीएम मोदी पर जमकर निशाना साध रही हैं। लगातार एनडीए सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ अपनी आवाज़ बुलंद करने वाली शिवसेना ने एक बार फिर मोदी सरकार को निशाना बनाया है। इस बार शिवसेना ने मोदी सरकार को माओवादियों के बहाने निशाना बनाया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि केंद्र सरकार को यह नहीं कहना चाहिए कि माओवादी उन्हें सत्ता से बाहर करने की कोशिश कर रहे हैं।

ज्ञात हो कि कुछ दिनों पहले ही महाराष्ट्र पुलिस ने देश में कई जगह छापे मारकर माओवादी विचारकों को गिरफ़्तार किया था। इनके ऊपर यह आरोप लगाया गया था कि इन्होंने माओवादियों की मदद की है। माओवादी पीएम मोदी को मारने की योजना बना रहे थे, जिसमें इन विचारकों ने उनकी मदद की है। इसकी पुष्टि एक ख़त से हुई है, जिसमें पीएम मोदी की हत्या की प्लानिंग चल रही थी। माओवादी विचारकों की गिरफ़्तारी के बाद कांग्रेस और माकपा ने भाजपा पर जमकर निशाना भी साधा था। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी इस गिरफ़्तारी का विरोध किया था।

पहले भी शिवसेना साधती रही है भाजपा पर निशाना:

उद्धव ठाकरे ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मनमोहन सिंह सरकार को देश के माओवादियों ने नहीं हटाया था। भारत की जनता थी जो मनमोहन सिंह सरकार की नीतियों से नाराज़ हो चुकी थी और जैसे ही मौक़ा मिला उन्हें मज़ा चखा दिया। यह कोई पहली बार नहीं है जब शिवसेना ने भाजपा पर निशाना साधा है। समय-समय पर शिवसेना भाजपा की नीतियों के ख़िलाफ़ निशाना साधती रही है। नोटबंदी के बाद रिज़र्व बैंक के आँकड़े जारी करने के बाद शिवसेना ने मोदी सरकार पर जमकर अपनी भड़ास निकाली।

कुछ लोगों को फ़ायदा पहुँचाने के लिए लगा दिया जनता को लाइन में:

उनके अनुसार मोदी सरकार ने कुछ ख़ास लोगों को फ़ायदा पहुँचाने के लिए देश की आम जनता को भी लाइन में खड़ा करवा दिया था। इस वजह से देश के लोगों को काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। यह बात किसी से छुपी हुई नहीं है कि नोटबंदी के बाद लोगों को किस-किस परेशानी का सामना करना पड़ा था। सरकार ने कहा था कि इससे काले धन पर रोक लगेगी, जबकि रिज़र्व बैंक की रिपोर्ट कुछ और ही कहती है। रिज़र्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार बैंक में लगभग 99 प्रतिशत नोट वापस आ गए हैं।

लेकिन इस बार ने एनडीए सरकार को माओवाद के मुद्दे पर घेरने का मन बनाया है। शिवसेना का कहना है कि केंद्र सरकार को ये नहीं कहना चाहिए कि माओवादी उन्हें सत्ता से बाहर करने की कोशिश कर रहे हैं। मनमोहन सरकार को माओवादियों ने नहीं बल्कि भारत की जनता ने हटाया था। शिवसेना ने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने कुछ ख़तरों को मोल लेने की कोशिश की और उन्हें अपनी जान के रूप में उसका फल भुगतना पड़ा था। लेकिन मोदी जी उस तरह के ख़तरों को मोल नहीं लेना चाहते हैं। अगर सच में माओवादियों के पास ताक़त होती तो पश्चिम बंगाल में वो नाकाम नहीं होते।

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