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क़ुर्बानी के लिए ख़रीदकर लाया था बकरा, रात होते ही बकरा करने लगा ऐसा काम देखकर उड़े होश

हर धर्म की अपनी एक ख़ासियत है और हर धर्म के कुछ नियम-क़ानून और त्योहार हैं। जिस तरह से हिंदू धर्म, ईसाई धर्म में त्योहार मनाए जाते हैं, उसी तरह से इस्लाम में भी कई त्योहार मनाए जाते हैं। त्योहार लोगों के जीवन में ख़ुशियाँ लेकर आता है। हर किसी को त्योहार का इंतज़ार रहता है। इस्लाम में ईद, बक़रीद, जैसे त्योहार मनाए जाते हैं। देशभर में 22 अगस्त को ईद-उल-ज़ुहा यानी बक़रीद का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन इस्लाम को मनाने वाले लोग अपनी क्षमता के अनुसार बकरों की क़ुर्बानी देते हैं।

कई दिनों से बक़रीद के दिन क़ुर्बानी के लिए लोग बकरे ख़रीदने शुरू कर दिए था। लोग अपनी-अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार बकरे ख़रीदकर ला रहे हैं। बकरे के बाज़ार में तरह-तरह के बकरे मिल रहे हैं। कुछ की क़ीमत इतनी है कि आप सुनकर हैरान हो जाएँगे। अलग-अलग शहरों में रात के समय बकरे की मंडियाँ लग रही हैं। पशु व्यापारी हर तरह के बकरे की नस्लों को बेचने के लिए लेकर आ रहे हैं। इसी में से कुछ व्यापारी ऐसे भी हैं जो बकरे के नाम पर धोखाधड़ी भी कर रहे हैं।

टप्पेबाज बकरे की जगह दे कर चला गया कुत्ता:

 

हाल ही में इस तरह की धोखाधड़ी का एक मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार धोखाधड़ी का यह मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर का है। यहाँ का एक व्यक्ति बकरे की ख़रीद की दौरान धोखाधड़ी का शिकार हो गया। कानपुर में बकरा लेने आए अशरफ़ नाम का एक व्यक्ति टप्पेबाज का शिकार हो गया। आपको जानकर हैरानी होगी कि टप्पेबाज अशरफ़ को बकरे की जगह कुत्ता पकड़ाकर चले गए। जब कुत्ते ने भौंका तो अशरफ़ को पता चला कि वो तो ठगी का शिकार हो गया है। जिसके बाद अशरफ़ ने इसकी शिकायत पुलिस में की।

कुत्ते को काले रंग से रंगकर बनाया गया था बकरा:

मिली जानकारी के अनुसार कानपुर के जाजमऊ चुंगी स्थित मंडी में अशरफ़ बक़रीद से पहले बकरा ख़रीदने गया था। वहाँ से वह तीन बकरे ख़रीदकर लाया। रात ज़्यादा थी, इस वजह से वह बकरों को ठीक से देख नहि पाया था। जब वो बकरा लेकर आया तो अचानक से उसमें से एक बकरा भौंकने लगा। घर में कुत्ते की आवाज़ सुनकर सभी हैरान हो गए। जब सब घर में रखे बकरे के पास गए तो उसे देखकर सभी के होश उड़ गए। बाद में पता चला कि दरअसल वह बकरा नहीं बल्कि एक कुत्ता है, जिसे काले रंग से रंगा गया था।

अशरफ़ ने इस मामले की शिकायत तुरंत पुलिस में कर दी। वहीं पुलिस का कहना है कि इस मामले में अभी तक कोई तहरीर नहीं मिली है। आपको बता दें इस बार ईद-उल-ज़ुहा यानी बक़रीद 22 अगस्त यानी बुधवार को है। ईद-उल-फ़ितर यानी मीठी सेंवई वाली ईद के बाद यह मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। सेंवई वाली ईद के ठीक दो महीने बाद बक़रीद का पर्व मनाया जाता है। बक़रीद पर सदियों से बकरे की क़ुर्बानी देने की परम्परा रही है। इसके पीछे इस्लाम धर्म की एक कहानी भी है।

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