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बिजली का झटका लगने पर करें ये काम, इस ख़बर के जरिए बच सकती हैं किसी की जान

हादसे तो कई तरह के होते हैं लेकिन बिजली का झटका बहुत ही खौफनाक होता है. इसमें झुलसने वाला या तो मर जाता है या फिर शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर हो जाता है. बिजली के झटके को इलेक्ट्रिक शॉक भी कहते हैं और बरसात के समय ऐसी घटनाएं ज्यादा सुनने को मिलती हैं. बिजली का झटका लगने के बाद अगर पीडि़त को तुरंत इलाज नहीं मिला तो इससे पीड़ित को बहुत ज्यादा क्षति भी पहुंच सकती है. जब किसी को करंट लग जाता है तो कुछ भी सोचने-समझने की शक्ति कुछ देर के लिए खत्म हो जाती है. बिजली का झटका लगना दूसरे इंसान को भी हैरान कर देता है और उसे समझ नहीं आता कि वो करंट लगने वाले इंसान को किस तरह बचाए और सबसे पहले कौन सा ट्रीटमेंट दें जब डॉक्टर का पास नहीं जा पाता. मगर बिजली के झटके लगने पर बहुत से ऐसे काम हैं जो आप घर पर ही कर सकते हैं, बिजली का झटका लगने पर करें ये काम, जिससे करंट लगने वाले को कुछ राहत मिल सके.

बिजली का झटका लगने पर करें ये काम

1. जब आप किसी को बिजली का झटका लगते देखें तो उसके पास जाने से पहले आस-पास देख लें कहीं उसके पास पानी या लोहे की कोई चीज तो नहीं रखी है. ऐसा होता है कि बिजली का करेंट पानी और लोहे की चीजों में ज्यादा फैलता है. अगर उसके आस-पास ऐसा कुछ है तो वहां ना जाएं वरना आप उसे बचा नहीं पाएंगे और खुद भी झुलस सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले आप एमरजेंसी नंबर पर फोन करिए.

2. अगर आपके आस-पास किसी को करंट लग जाए, मगर एम्बुलेंस को आने में देरी है और वो इंसान बेहोश है तो उसके मुंह में सांस भरते रहें. इसके अलावा उसके सीने पर भी प्रेशर से दबाते रहिए जिससे उसकी दिल की धड़कने चलती रहे. ऐसे में पीड़ित को सीधा लिटाकर उसके पैरों को ऊपर की तरफ भी कर सकते हैं.

3. जैसे ही आप किसी को करंट लगते देखें तुरंत घर का मेन सप्लाई बंद कर दें. इसके लिए पावर ऑफ करने की डिवाइस अलग से लगी होती है. अगर आप ऐसा नहीं कर पा रहे तो किसी सूखी लकड़ी के स्टूल पर खड़े होकर किसी दूसरी लकड़ी की छड़ी से उस व्यक्ति को करंट से अलग करने की कोशिश करें. ये ध्यान रखिएगा कि आप बिल्कुल भी उस करंट लगे व्यक्ति को छू ना पाएं.

4. पीड़ित को अलग करने के बाद उसे रिकवरी की पोजिशन में सीधा लिटा दें. इस पोजीशन में व्यक्ति किसी एक करवट में होता है और उसका एक हाथ सिर के नीचे और दूसरा आगे की तरफ होता है और उसका एक पैर सीधा होता है और दूसरा मुड़ा हुआ होता है. इसके बाद उसकी ठोड़ी उठाकर ये देख लें कि वो सांस ले रहा है या नहीं.

5. बिजली के करंट लगने पर पीड़ित को कभी कंबल से नहीं लपेटें, अगर व्यक्ति सांस ले रहा है और थोड़ा जल गया है, तो उसे पानी से धो लें. अगर जलने की जगह पर ब्लीडिंग हो रही है, तो ब्लड रोकने के लिए उस जगह को एक साफ और सूखे कपड़े से बांध देना सही रहता है.

6. करंट लगने से कई बार वो हिस्सा सुन्न या लकवाग्रस्त हो सकता है इससे बचने के लिए अगर पीड़ित को सांस लेने, खांसने या किसी भी तरह की गतिविधि का कोई संकेत नहीं मिल पा रहा तो उन्हें सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन) शुरू कर देना चाहिए. इस तकनीक में पीड़ित का दिल कम से कम प्रति मिनट 100 बार दबाया जाता है और इस प्राथमिक चिकित्सा से किसी बेहोश या मूर्छित व्यक्ति के दिल और फेफड़ो को फिर से होश में लाया जाता है.

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