अध्यात्म

सावन का आख़िरी सोमवार: बिना मंत्रों के करें इस तरह से भगवान शिव की पूजा, मिलेगा विशेष फल

सावन का महीना भगवान शिव का महीना होता है। इस महीने में जो भी उनकी पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाओं को भगवान शिव पूरा कर देते हैं। सावन के सोमवार के बारे में कहा जाता है कि भगवान शिव को यह महीना साल के अन्य सभी महीनों में सबसे ज़्यादा प्रिय होता है। इसके पीछे बताया जाता है कि इसी महीने में भगवान शिव ने पुनः सती को पार्वती के रूप में पाया था। इस वजह से भगवान शिव को इस महीने से ख़ास लगाव है। इस महीने में सभी शिवभक्त भगवान शिव की आर्धन करते हैं।

20 अगस्त को है सावन का आख़िरी सोमवार:

सावन का यह महीना इस साल 28 जुलाई को शुरू हुआ था और 26 अगस्त को सावन के पवित्र महीना का अंत होने वाला है। इस सावन में पड़ने वाले सोमवार का ख़ास महत्व होता है, वैसे तो हर सोमवार अपने आप में ख़ास होते हैं, क्योंकि सोमवार भगवान शिव का दिन है। शिव के पवित्र महीने में शिव का ख़ास दिन सोमवार किसी शुभ योग से कम नहीं है। इसी वजह से ब हकत सोमवार के दिन विशेष पूजा अर्चना करते हैं। आज 20 अगस्त को सावन का आख़िरी सोमवार पड़ रहा है। इस दिन विशेष पूजा करने से भगवान शिव बहुत ज़्यादा पप्रसन्न होंगे।

ज्योतिषियों के अनुसार भगवान शिव की पूजा विधि बहुत ही सरल और बहुत ही विस्तृत है। दोनो ही तरह से भगवान शिव की पूजा करके उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है। कहा जाता है कि भगवान शिव भक्त का हृदय और उसकी श्रद्धा देखते हैं ना कि उसका चढ़ावा। इस वजह से जो भक्त सच्चे मन से भगवान शिव को एक लोटा जल भी अर्पित कर देता है, उससे भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं। सावन के आख़िरी सोमवार को अगर आपके पास समय नहीं है तो आप आसानी से शिव की पूजा कर सकते हैं।

आज हम आपको एक आसान विधि बताने जा रहे हैं, जिससे आप भगवान शिव की पूजा करके उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि इस तरह से पूजा करके आपको पूरा फल भी प्राप्त होगा। इस पूजा को करने से आपकी सभी मनोकामनाएँ भी पूर्ण हो जाएँगी। भगवान शिव अपने सभी भक्त की मनोकामना सावन के आख़िरी सोमवार को ज़रूर पूरी कर देंगे।

इस विधि से करें भगवान शिव की पूजा:

*- सबसे पहले सुबह स्नान करने के बाद किसी शिवमंदिर में जाएँ। भगवान शिव को स्वच्छ जल अर्पित करें। अगर किसी कारण से मंदिर जाना सम्भव नहीं है तो घर पर ही शिवलिंग का अभिषेक कर सकते हैं।

*- इसके बाद कच्चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें और फिर शुद्ध जल चढ़ाएँ।

*- जल अर्पित करने के बाद भगवान शिव को फूल और बेल पत्र चढ़ाएँ।

*- फूल अगर मदार का हो तो बहुत शुभ होता है, इसके साथ ही धतूरा भी चढ़ाएँ।

*- तत्पश्चात भगवान शिव के आगे शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएँ।

*- भगवान शिव को मौसमी फलों का भोग लगाएँ और फिर आरी करें।

*- अंत में भगवान शिव के समक्ष हाथ जोड़कर जीवन के सभी दुखों से मुक्ति पानें के लिए और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।

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