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अलविदा कह गए भारत के ये रत्न, जानिए इनके जीवन से जुड़ी कुछ अटल बातें

भारतीय जनता पार्टी को शून्य से शिखर पर पहुंचाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने बुधवार यानि 16 अगस्त को दिल्ली के एम्स अस्पताल में 5 बजकर 5 मिनट पर दुनिया को अलविदा कह दिया. जिस खबर के बाद ना सिर्फ बीजेपी दफ्तरों में बल्कि पूरे देश में एक दुख की लहर दौड़ गई है और सबसे ज्यादा वर्तमान पीएम मोदी दुखी हैं और वे कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं. 94 वर्ष की आयु में अटली जी ने बहुत सी बीमारियों से लड़ने के बाद आखिर में हार मान ली. वे भारतीय राजनीति के पितामह कहलाए जाते थे और ना सिर्फ भाजपा दल के नेता उनकी तारीफ और सम्मान करते थे बल्कि विपक्ष दल के नेता भी उन्हें वही सम्मान देते थे जो सभी देते हैं. अटल जी तो दुनिया से चले लेकिन अलविदा कह गए भारत के ये रत्न के बारे में हम आपको कुछ बातें बताने जा रहे हैं.

अलविदा कह गए भारत के ये रत्न

1. अटल बिहारी बाजपेई का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था. शुरुआती शिक्षा ग्वालियर में करने के बाद स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई इन्होंने कानपुर के डीएवी कॉलेज से की. इसके बाद वे एलएलबी करना चाहते थे लेकिन ऐसा हो ना सका और वे पत्रकारिता के साथ देश सेवा में लग गए थे.

2. जब अटल जी 18 साल के थे तब आजादी की लड़ाई में ब्रिटिश औपनिवेशी शासन का विरोध किया था जिसके लिए कुछ दिन उन्हें जेल में बितानी पड़ी थी.

3. साल 1950 में वे आरएसएस की एक मैगजीन के लिए लिखने लगे थे और अपनी राजनीति की जड़ें मजबूत करने के बाद ये वर्तमान बीजेपी के संयमित और शांत वक्ता बनकर सामने आए.

4. अटल बिहारी भारतीय संघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सबसे करीबी में से एक रहे हैं और जब साल 1953 में उन्होंने कश्मीर में अनेक खतरों के चलते अनशन किया था तब अटल जी उनके साथ थे.

5. अटल जी ने पहला लोकसभा चुनाव साल 1957 में यूपी के बलरामपुर से जीता था. फिर संसद के निचले सदन लोकसभा में ये साल 1957 से लेकर साल 2009 तक 10 बार सांसद के रूप में रहे.

6. लगभग दशकों तक विपक्ष में रहने के बाद साल 1996 में अटल जी पहली बार प्रधानमंत्री बने लेकिन अल्पमत के कारण वे सिर्फ 13 दिनों तक ही सत्ता में रह पाए थे. फिर साल 1999 में बहुत ज्यादा सीटों के साथ वे एक बार फिर सत्ता में आए और प्रधानमंत्री बने.

7. साल 1977 में मोरार देसाई के प्रतिनिधित्व में अटल जी विदेश मंत्री में रहे हैं. विदेश मंत्री के रूप में अटल जी ने संयुक्त राष्ट्र सभा में हिंदी में भाषण दिया था जिसे पूरी दुनिया में सराहा गया. जिसके बाद उनका नाम श्रेष्ठ वक्ताओं में शामिल हो गया.

8. साल 1999 में अटल जी ने भारत-पाक के रिश्तों को सुधारने के लिए तत्कालीन समकक्ष नवाज शरीफ के साथ की मुलाकातें की. इसके बाद उन्होंने दिल्ली-लाहौर बस यात्रा शुरु की और पहली यात्रा में पाकिस्तान गए लेकिन कारगिल में हुए घुसपैठ ने ये सारी कहानी बदल दी.

9. 25 दिसंबर, 2014 को अटल जी ने देश का सबसे सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न का सम्मान पाया. उस दिन इसे देने की घोषणा हुई थी लेकिन बाद में उस समय के राष्ट्रपति ने 27 मार्च, 2015 को अटल जी के घर जाकर दिया था.

10. अटल बिहारी बाजपेई एक राजनीतिज्ञ के साथ-साथ बेहतरीन कवि भी थी जिनकी कई कविताओं को गजल सम्राट जगजीत सिंह ने अपनी आवाज में रिलीज किया था.

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