अध्यात्म

यह चमत्कारी शिवलिंग दिन में 3 बार बदलता है अपना रंग, सबकी शादी की मनोकामना होती है पूरी

जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि हमारा भारत वर्ष धार्मिक देश माना गया है हिंदू धर्म में देवी देवताओं की पूजा पाठ करने का विशेष महत्व माना जाता है आपको हर स्थान पर कोई ना कोई मंदिर अवश्य नजर आ जाएगा और इन्हीं मंदिरों में से आपको हर शहर में भगवान शिव जी के कई मंदिर भी नजर आ जाएंगे और इनमें अचलेश्वर महादेव के नाम से भी मंदिर आपको मिल ही जाएगा हमारे देश के साथ-साथ ही दुनिया भर में कई स्वयंभू शिवलिंग मौजूद है जब भक्तों को इसकी जानकारी होती है तो वह यहां पर मंदिरों का निर्माण कर देते हैं और अपनी आस्था का केंद्र बना लेते हैं इन्हीं मंदिरों में से एक राजस्थान के धौलपुर में भी अचलेश्वर महादेव का एक ऐसा मंदिर उपस्थित है जो स्वयंभू है परंतु इस मंदिर की ऐसी कुछ खासियत है जिसकी वजह से यह अन्य दूसरे मंदिरों से बिल्कुल अलग माना गया है।

राजस्थान के धौलपुर जिले में अपने बीहड़ के लिए मशहूर बीहड़ों के बीच स्थित भगवान भोलेनाथ का अचलेश्वर महादेव का मंदिर दुनिया भर में प्रसिद्ध है यहां का बीहड़ इलाका होने की वजह से इस मंदिर तक पहुंचने का रास्ता बहुत ही कठिन है इसके साथ ही इस मंदिर तक जाना किसी खतरे से खाली नहीं है परंतु इन सबके बावजूद भी भोले के भक्त भोले की भक्ति में इतने मग्न हो जाते हैं कि उनको यह सब बिल्कुल भी नहीं दिखाई देता और किसी भी मुश्किल से उनको डर नहीं लगता है उनका सिर्फ एक ही मकसद होता है कि हमको भोले के दर्शन के लिए पहुंचना है।

दरअसल, इस मंदिर में उपस्थित शिवलिंग के बारे में ऐसा बताया जाता है कि जो शिवलिंग इस मंदिर में स्थापित है वह दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है सुबह के समय यह सूरत की आभा सा लाल रहता है और दोपहर में केसरिया रंग का हो जाता है फिर दिन ढलते ढलते यह श्याम रंग का हो जाता है यह चमत्कार कैसे होता है और यह घटना कैसे घटती है इन सभी बातों का जवाब किसी के भी पास मौजूद नहीं है ऐसा बताया जाता है कि इतने खतरे भरे रास्ते होने के बावजूद भी कई साल पहले शिव भक्तों ने प्रभु के इस स्वयंभू शिवलिंग को यहां से उठाकर किसी और स्थान पर रखने के इरादे से खुदाई चालू कर दी थी परंतु उनको यह खुदाई बीच में ही बंद करनी पड़ी क्योंकि काफी गहराई तक खुदाई करने के बाद भी इस शिवलिंग के अंतिम छोर का पता नहीं लग पाया था।

इस मंदिर के बारे में ऐसा भी बताया जाता है कि अपनी इच्छाओं को पूरी करने के लिए और मनवांछित जीवनसाथी प्राप्त करने के लिए सावन के सोमवार का व्रत यहां के कुंवारे लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है और ऐसा भी बताया जाता है कि धौलपुर में स्थित यह अचलेश्वर महादेव का मंदिर जो व्यक्ति शादी करने के इच्छुक होते हैं उन व्यक्तियों की यह मनोकामनाएं भोलेनाथ जी बहुत जल्दी पूरी करते हैं अपने लिए अच्छा जीवनसाथी प्राप्ति हेतु यहां पर लोग मनोकामना मांगने के लिए बहुत ही बड़ी संख्या में पहुंचते हैं और अपनी मुराद पूरी करने की प्रार्थना करते हैं।

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