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चाणक्यनीति: पति-पत्नी की जिंदगी बर्बाद कर देती है ये 4 बातें, शादीशुदा लोग अभी जान लें

आचार्य चाणक्य पाटलिपुत्र के महान विद्वान थे. चाणक्य को उनके न्यायप्रिय आचरण के लिए जाना जाता था. इतने बड़े साम्राज्य के मंत्री होने के बावजूद वह एक साधारण सी कुटिया में रहते थे. उनका जीवन बहुत सादा था. चाणक्य ने अपने जीवन से मिले अनुभवों को चाणक्य नीति में जगह दिया है. चाणक्य नीति में कुछ ऐसी बातें बताई गई हैं जिस पर यदि व्यक्ति अमल करे तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. पति पत्नी दुख-सुख के साथी माने जाते हैं. पति-पत्नी का कर्तव्य होता है कि सुख-दुख में एक दूसरे का साथ दें. यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि जोड़ियां स्वर्ग में बनती हैं और बात बिलकुल सच भी है क्योंकि इंसान लाख कोशिश कर ले उसकी किस्मत में जो होता है वहीं उसे मिलता है. पति-पत्नी के इस पवित्र रिश्ते में विश्वास का होना भी बहुत जरूरी है. विश्वास के बिना कोई भी रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं चल सकता. इसके अलावा एक-दूसरे की इज्जत करना भी बहुत महत्वपूर्ण है. जब दो लोग एक-दूसरे की इज्जत करते हैं और एक-दूसरे की इच्छाओं का आदर करते हैं तभी रिश्ता अच्छे से चल पाता है. आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में कुछ ऐसी बातों का जिक्र किया है जिनसे पति-पति के रिश्तों के बीच दरार आ जाती है. कौन सी हैं वो बातें, आईये जानते हैं.

आपसी दखल

पति-पत्नी दुख के साथी होते हैं. पत्नी के मामलों में पति और पति के मामलों में पत्नी दखल दे सकती है. ये दोनों का अधिकार है. लेकिन यदि पति-पत्नी में से किसी को भी ये दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं होती और उन्हें लगता है कि ये उनका अपना अलग ही जीवन है तो ऐसे में शादी टूटने की संभावना बढ़ जाती है.

बातें छुपाना

पति-पत्नी को हर बात एक-दूसरे से बतानी चाहिए. अपनी बातें शेयर करने से रिश्ता मजबूत होता है और एक-दूसरे पर विश्वास भी बना रहता है. जब पति-पत्नी एक दूसरे से बातें छुपाने लगें और एक-दूसरे को अपनी पर्सनल प्रॉब्लम से दूर रखें तो समझिये रिश्ते में दरार पड़ चुकी है. ऐसे में ये रिश्ता कभी भी दम तोड़ सकता है.

आपसी सम्मान

किसी भी रिश्ते में सम्मान का होना बहुत जरूरी है. किसी भी रिश्ते की नींव विश्वास पर टिकी होती है. यदि आप एक-दूसरे की इज्जत नहीं करते तो रिश्ता बेजान है. अगर बात-बात पर आप एक दूसरे की बेइज्जती करने लगते हैं और गाली-गलौच देते हैं तो समझ जाईये रिश्ते का अंत जल्द होने वाला है.

घरवालों का अपमान

कई बार पति-पत्नी गुस्से में एक दूसरे के घरवालों का अपमान करने लगते हैं. उन्हें ऐसा बिलकुल नहीं करना चाहिए. शादी के बाद उन्हें एक दूसरे के घरवालों की वैसी ही इज्जत करनी चाहिए जैसी वह अपने घरवालों की करते हैं. याद रखिये अपने परिवार के खिलाफ कोई भी नहीं सुन सकता. ऐसे में झगड़े के वक्त कभी भी बीच में परिवारवालों को ना लायें. ऐसा करने पर हालात बद से बदतर हो सकते हैं और रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच सकता है.

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