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कर्नाटक की 222 सीटों पर वोटिंग, बीजेपी-कांग्रेस-जेडीएस के बीच कांटे की टक्कर

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए आज वोटिंग की जा रही है। कर्नाटक की 224 सीटों में से 222  सीटों पर ही वोटिंग की जा रही  है। एक सीट पर चुनाव आयोग ने चुनाव को रद्द कर दिया तो वहीं दूसरी सीट पर बीजेपी उम्मीदवार की डेथ हो गई थी, जिसकी वजह से चुनाव नहीं है, ऐसे में चुनाव सिर्फ 222 सीटों पर ही हो रहा है। सुबह 7 बजे से वोटिंग स्टार्ट है, जोकि शाम 6 बजे तक डाली जाएंगी। चुनाव को लेकर राज्य की सुरक्षा को बढ़ा  दिया है। साथ ही चप्पे चप्पे पर पुलिस की पैनी नजर भी है। चलिए जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?

कर्नाटक का यह मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है। जहां बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस अपनी अपनी किस्मत को आजमा रहे हैं। बता दें कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच की लड़ाई में जेडीएस किंगमेकर का काम कर सकती है। जहां एक तरफ कांग्रेस के लिए यह बड़ी परीक्षा है, तो  वहीं दूसरी तरफ बीजेपी को अपना वनवास खत्म करना है, लेकिन इन सबके बीच चुनावी सर्वे की माने तो कर्नाटक में किसी भी पार्टी को बहुमत मिलता नहीं  दिखाई दे रहा है। कर्नाटक में हर बार वोटिंग शेयरिंग का  दायरा बदल जाता है, जिसकी वजह से नतीजों का अनुमान लगाना मुश्किल है।

बताते चलें कि कर्नाटक में लिंगायत समुदाय किस पार्टी के खेमे में हैं, उसी का डंका बजता है, ऐसे में इस बार देखने वाली बात यह है कि लिंगायत समुदाय किस पार्टी को सत्ता पे बिठाने का काम करती है। लिंगायत समुदाय को रिझाने के लिए जहां एक तरफ कांग्रेस ने उनकी सालों पुरानी मांगो को मान ली है, तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी उन्हें कांग्रेस के खिलाफ भड़काने की कोशिश करती हुई नजर आई। इन दोनों की कोशिशों का नतीजा तो वैसे सबके सामने 15 मई को आ जाएगा, लेकिन यहां जेडीएस इनका खेल बिगाड़ने का काम कर सकती है।

जेडीएस, बीजेपी और कांग्रेस के बीच टक्कर देखने को मिल रही है, तो वहीं दो बड़ी पार्टियों को बहुमत मिलता नहीं दिखाई दे रहा है, जिसकी वजह से जेडीएस इन दोनों ही पार्टियों का खेल बिगाड़ सकती है, क्योंकि जेडीएस ने चुनाव से पहले यह ऐलान किया कि वो किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी, तो वहीं बीजेपी ने भी बहुमत से सत्ता में  आने का ख्वाब देखते हुए गठबंधन की गुजाइंश को खत्म कर दिया है, लेकिन चुनावी आकड़े ये कहते हैं कि  जेडीएस, बीजेपी और कांग्रेस के बीच इस बार वोट शेयरिंग का बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

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