समाचार

मायावती को अखिलेश ने दिया रिटर्न गिफ्ट, एक महीने में दूसरी बार अंबेडकर पर दांव खेलगी बसपा

राज्यसभा चुनाव में भले ही बीजेपी के आगे बसपा के उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन फिर से एक बार अपनी किस्मत को आजमाने के लिए तैयार हैं, ऐसे में इस बार अखिलेश यादव ने मायावती को रिटर्न गिफ्ट दिया है। बता दें कि विधान परिषद चुनाव को लेकर यूपी में काफी सरगर्मियां देखने को मिल रही है, ऐसे में अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या अखिलेश इस बार मायावती की नैया पार लगा पाएंगे या नहीं, ये तो वक्त ही बताएगा। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?

यूपी की विधान परिषद की 13 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए एक बार फिर से बसपा ने अंबेडकर को उतारने का ऐलान किया है। ऐसे में यह दूसरी बार होगा जब मायावती अंबेडकर के नाम पर दांव खेंलेगी। जी हां, राज्यसभा में भी मायावती ने अंबेडकर को अपनी पार्टी का उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उसमें हार हुई थी। हालांकि, उस चुनाव में अखिलेश औऱ मायावती ने पूरी कोशिश की थी, लेकिन क्रास वोटिंग की वजह से चुनाव का नतीजा बदल गया। इसके बावजूद भी ने अंबेडकर और अखिलेश पर एक बार फिर से भरोसा किया है।

याद दिला दें कि राज्यसभा चुनाव में यूपी की 10 सीटों पर कांटे की टक्कर देखने को मिली थी, जिसमें 10 राज्यसभा सीटों के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में थे, ऐसे में बीजेपी अपने सभी 9 उम्‍मीदवारों को जिताने में कामयाब रही थी। हालांकि, सपा की ओर से जया बच्चन ने जीत दर्ज की थी, तो वहीं बसपा के उम्मीदवार अंबेडकर कामयाब नहीं हो सके थे, लेकिन एक बार फिर से मायावती ने उन पर भरोसा किया है, क्योंकि अखिलेश ने अपनी एक सीट छोड़ दी है। जी हां, अखिलेश यादव ने मायावती को एक सीट गिफ्ट किया है, जिस पर इस बार अंबेडकर की जीत पक्की मानी जा रही है।

 

उपचुनाव में मायावती ने अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया था तो अब अखिलेश ने मायावती को रिटर्न गिफ्ट देने के लिए विधान परिषद की एक सीट छोड़ रहे हैं, जिसमे मायावती अंबेडकर पर एक बार फिर से भरोसा जता रही है। जी हां, विधान परिषद का चुनाव 26 मई को होगा, ऐसे में 11 सीटों पर बीजेपी की जीत तय मानी जा रही है, तो वहीं एक सीट पर सपा की, इसके अलावा विपक्ष एकजुट होकर बसपा के उम्मीदवार को जीतवा सकती है। ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या  बसपा अपने उम्मदवार को अखिलेश के सहारे जीताने में सफल रहेगी या नहीं?

Back to top button